Punjab Election 2022: राहुल की रैली से दूर रहे कांग्रेस के पांच सांसद, विवाद बढ़ने पर कही ये बात
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए राहुल गांधी ने आज वर्चुअल रैली किया इस दौरान कांग्रेस के कई पुराने दिग्गज नेता इस रैली से दूरी बनाते नज़र आये।
पंजाब विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद पहली बार पंजाब के रण में चुनाव प्रचार के लिए उतरे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) और पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) अध्यक्ष नवोजत सिंह सिध्दू (Navojat Singh Sidhu) समेत 117 कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ राहुल ने पंजाब के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों का दौरा भी किया। कांग्रेस के इस बड़े कार्यक्रम से पंजाब से आने वाले पांच लोकसभा सांसद ने दूरी बनाए रखी, जिससे कयासों का बाजार गर्म हो गया है।
सांसदों ने बनाई दूरी
पंजाब से आने वाले पांच लोकसभा सांसदों में मनीष तिवारी (Manish Tiwari) रवनीत सिंह बिट्टू, जसबीर सिंह डिंपा, परनीत कौर और मोहम्मद सदीक शामिल हैं। मनीष तिवारी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं। मनमोहन सरकार के दौरान उन्होंने कई अहम विभाग भी संभाले हैं। तिवारी को गांधी परिवार का करीबी भी माना जाता रहा है। इन नेताओं की नाराजगी के पीछे टिकट वितरण में इनकी उपेक्षा को बताया जा रहा है। वहीं आपको बता दें टिकट वितरण में पंजाब पीसीसी प्रमुख नवोजत सिंह सिध्दू की झलक साफ दिखती है। पार्टी ने उनके भतीजे को भी अनंतगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा है।
सांसदों की सफाई
वहीं मीडिया में नाराजगी की खबरें आने के बाद इनमे से कुछ सांसद सफाई भी देने लगे। इन्हीं में से एक खंडूर साहिब से सांसद जसबीर सिंह गिल (Jasbir Singh Gill) ने नाराजगी की बातों को अफवाह करार देते हुए कहा कि वो निजी वजहों से राहुल गांधी के कार्य़क्रम में शामिल नहीं हो सके।
राहूल ने फूंका प्रचार का बिगुल
गुरूवार 27 जनवरी को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब में अपने सभी उम्मीदवारों के साथ चुनाव प्रचार का शंखनाद किया। राहुल ने सिख औऱ दलितों के तीर्थस्थल पर जाकर इन समुदायों को एक सियासी संदेश भी देने की कोशिश की। दरअसल पंचाब देश में उन गिने चुने राज्यों में है जहां कांग्रेस सत्ता में है औऱ मजबूत है। पार्टी यहां विपक्ष से मजबूत स्थिति में है। हालांकि चुनाव से पहले पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के रूप में पार्टी में एक बड़ी टूट भी हुई, लेकिन कांग्रेस इससे उबर पाने में सफल रही है। किसान आंदोलन (Kisan Andolan) ने राज्य में कांग्रेस को संजीवनी प्रदान की है। यही वजह है कि राहुल गांधी उत्तर भारत के अपने इस मजबूत गढ़ को बचाए रखने के लिए चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं।
राहुल के दौरे पर बीजेपी का वार
वहीं राहुल गांधी के पंजाब दौरे पर सियासत भी तेज हो गई है। बीजेपी ने उनके श्री दरबार साहिब के दौरे पर निशाना साधा है। हाल ही में अकाली दल छोड़कर बीजेपी में आए मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने राहुल गांधी पर हमला बोला है। सिरसा ने राहुल और हरमंदिर साहिब ट्वीट को टैग करते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी दरबार साहिब में लगे गोलियों के निशान देखे होते, वहां के चीखों और खूनी मंजर को महसूस किया होता, तो जरूर परिवार के करतूतों पर शर्मिंदा होकर माफी मांगते। भाजपा नेता का इशारा स्वर्ण मंदिर में इंदिरा गांधी सरकार (Indira Gandhi government) के दौरान हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार (operation blue star) की ओर था। जिसमे बड़ी संख्या में आमजन भी हताहत हुए थे।