टाइटलर ने बढ़ाईं पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें, अकाली दल ने सोनिया को घेरा, सिद्धू और चन्नी से मांगा जवाब

Punjab Congress Crisis: जगदीश टाइटलर को कांग्रेस की कार्यकारी समिति में शामिल किए जाने के बाद अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2021-10-30 09:37 IST

सुखबीर सिंह बादल-सोनिया गांधी-जगदीश टाइटलर (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Punjab Congress Crisis: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी समिति (Congress Karya Samiti) में पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) को शामिल किए जाने के बाद कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने इस कदम को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला (Congress Par Hamla) बोला है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने टाइटलर का नाम 1984 के सिख विरोधी दंगे (Sikh Virodhi Dange) में शामिल होने की याद दिलाते हुए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को घेरा है।

उन्होंने कहा कि टाइटलर को समिति में लेकर कांग्रेस ने सिखों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। कांग्रेस के लिए इस मुद्दे का जवाब देना मुश्किल हो गया है क्योंकि पार्टी को अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Vidhan Sabha Chunaav 2022) लड़ना है। अकाली दल (Akali Dal) की ओर से सवाल खड़े किए जाने के बाद अभी तक कांग्रेस (Congress) की ओर से इसका कोई जवाब नहीं दिया गया है। 

जगदीश टाइटलर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

सोनिया ने टाइटलर को बनाया सदस्य

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Karya Samiti) के सदस्यों के नामों को मंजूरी दी गई है। पार्टी की ओर से गुरुवार को नई कार्यसमिति (Congress Ki Nayi Karya Samiti) का एलान किया गया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल (K. C. Venugopal) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी नामों को मंजूरी दे दी है।

टाइटलर के अलावा प्रदेश कांग्रेश के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल, कपिल सिब्बल, अजय माकन, जनार्दन द्विवेदी, अरविंदर सिंह लवली और सुभाष चोपड़ा को नई कार्यसमिति में शामिल किया गया है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से नामों को मंजूरी दिए जाने के बाद पंजाब में सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। शिरोमणि अकाली दल ने जगदीश टाइटलर को लेकर कांग्रेस को घेरा है और कांग्रेस के लिए इस सवाल का जवाब देना मुश्किल हो गया है।  

सुखबीर सिंह बादल (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

बादल ने दिलाई सिख विरोधी दंगों की याद

अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है और उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि टाइटलर को समिति में शामिल करना बहादुर और देशभक्त सिख समुदाय (Sikh Samuday) का अपमान है। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। 1984 के सिख विरोधी दंगों (1984 Anti-Sikh Riots) में जिन कांग्रेसी नेताओं (Congress Neta) का हाथ था, उनमें जगदीश टाइटलर भी शामिल हैं। उन्हें समिति में जगह देकर कांग्रेस ने सिखों के जख्म पर नमक छिड़का है।

उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu), मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi), डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Kumar Jakhar) आखिर कब जागेंगे। इन नेताओं को टाइटलर से जुड़े सवाल का जवाब देना ही पड़ेगा।

फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग

शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के नेता सुखदेव ढींडसा (Sukhdev Singh Dhindsa) ने भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि टाइटलर 1984 के सिख विरोधी दंगे में शामिल रहे हैं और कांग्रेस को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि आखिर उन्हें समिति में क्यों शामिल किया गया। एक और नेता करनैल सिंह (Karnail Singh) ने मांग की कि कांग्रेस को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि टाइटलर किसी भी सिख को स्वीकार नहीं है। 

सोनिया गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

कांग्रेस के लिए जवाब देना मुश्किल

दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में नगर निकाय (Delhi Nagar Nikay Chunaav) का चुनाव होना है। इन चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस की ओर से एक कार्यकारी समिति का नए सिरे से गठन किया गया है। टाइटलर को समिति में शामिल करके कांग्रेस खुद ही मुसीबतों में घिरती जा रही है। पार्टी के लिए इस सवाल का जवाब देना मुश्किल हो गया है।

अकाली दल की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद अभी तक कांग्रेस की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। दूसरी ओर अकाली दल इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) में भुनाने की कोशिश में जुट गया है। अब सबकी निगाहें कांग्रेस नेतृत्व की ओर लगी हैं कि टाइटलर की नियुक्ति (Jagdish Tytler Ki Niyukti) को रद्द किया जाता है या नहीं। 

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