कांग्रेस के लिए मुसीबत बने सिद्धू के सलाहकार, पार्टी ने दिए कार्रवाई के संकेत, प्रदेश अध्यक्ष भी घिरे
Punjab Congress Crisis: कैप्टन की ओर से कड़ी फटकार लगाए जाने और विपक्षी दलों की ओर से घेरे जाने के बाद सिद्धू ने अपने दोनों सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और डॉक्टर प्यारे लाल गर्ग को पटियाला तलब किया।
Punjab Congress Crisis : पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu Advisors) के सलाहकारों के विवादित बयान पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं। कश्मीर और पाकिस्तान पर दिए गए इन बयानों पर घिरने के बाद पार्टी की ओर से इनकी जांच करने और कार्रवाई करने के संकेत दिए गए हैं। पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत का कहना है कि बयानों की जांच कराई जा रही है और जांच के बाद पार्टी की ओर से कार्रवाई की जा सकती है। इन बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इन सलाहकारों पर हमला बोला था।
कैप्टन की ओर से कड़ी फटकार लगाए जाने और विपक्षी दलों की ओर से घेरे जाने के बाद सिद्धू ने अपने दोनों सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और डॉक्टर प्यारे लाल गर्ग को पटियाला तलब किया। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सिद्धू ने अपने दोनों सलाहकारों के साथ करीब चार घंटे तक बैठक की है। हालांकि अभी यह नहीं पता चल सका है कि इस बैठक में क्या फैसला लिया गया।
विवादित बयानों की जांच करा रही कांग्रेस
सिद्धू के सलाहकारों के विवादित बयान के बाद पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने स्पष्ट किया कि ये सलाहकार कांग्रेस की ओर से नहीं नियुक्त किए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू की ओर से इनकी नियुक्ति अपने स्तर पर की गई है। अगर ऐसा व्यक्ति अपनी कोई निजी राय व्यक्त करता है तो इससे पार्टी का क्या संबंध है।
इसके बावजूद पार्टी की ओर से पूरे मामले की जांच कराई जा रही हो और दोषी पाए जाने पर इन दोनों सलाहकारों पर गाज गिर सकती है। इस बाबत सिद्धू और पार्टी के दूसरे नेताओं से जानकारियां इकट्ठा की जा रही हैं।
राजनीतिक फायदे की हो सकती है कोशिश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जहां तक कश्मीर का सवाल है तो इस बाबत पार्टी का स्टैंड पूरी तरह स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जम्मू और कश्मीर को देश का अभिन्न अंग मानती है और इस संबंध में किसी को किसी भी प्रकार की शंका नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वैसे हमारा मानना है कि राजनीतिक फायदे के लिए बयानों को तोड़ा मरोड़ा भी जा सकता है ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों में इसका फायदा उठाया जा सके। वैसे जहां तक पार्टी का सवाल है तो पार्टी की ओर से इन बयानों की जांच की जा रही है। यदि सिद्धू के सलाहकारों की ओर से ऐसा बयान दिया गया है तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विवादित बयानों पर घिरे सलाहकार
दरअसल सिद्धू के सलाहकार माली ने कश्मीर को लेकर फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट किया था। उनका कहना था कि कश्मीर एक अलग देश था और भारत और पाकिस्तान में अवैध रूप से उस पर कब्जा किया था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा था कि कश्मीर कश्मीर के लोगों का है और इसके भविष्य के फैसले का हक भी उन्हीं लोगों को मिलना चाहिए। इसके अलावा माली ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक विवादित कार्टून भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इस कार्टून में इंदिरा गांधी खोपड़ियों के ढेर पर खड़ी हुई हैं और उनके हाथ की बंदूक में भी खोपड़ी लटकी हुई है। इसे 1984 में हुए दंगों से जोड़कर देखा जा रहा है।
सिद्धू के दूसरे सलाहकार डॉ प्यारेलाल गर्ग ने भी पाकिस्तान को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसे लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ ही विपक्ष के नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई थी और इन दोनों सलाहकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल और भाजपा नेताओं ने इसे लेकर कांग्रेस को घेरा था। अब इसी बयान को लेकर प्रतिक्रिया जताते हुए हरीश रावत ने इन सलाहकारों पर कार्रवाई करने का संकेत दिया है।
सिद्धू की सलाहकारों से मंत्रणा
दूसरी और सलाहकारों के विवादित बयान के बाद अब सिद्धू पर भी हमले किए जा रहे हैं। सिद्धू की खामोशी पर कांग्रेस के नेताओं ने भी हैरानी जताई है। सिद्धू ने विवादित बयानों के बाद अपने दोनों सलाहकारों को पटियाला तलब किया और उनके साथ लंबी बैठक की है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस बैठक में क्या फैसला लिया गया।
बैठक के बाद सिद्धू के सलाहकार माली ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का हक होना चाहिए। मुझे भी अपनी बात कहने का अधिकार है। सिद्धू के दूसरे सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने कहा कि वह मेरी सलाह नहीं बल्कि व्यक्तिगत राय थी। मैं भविष्य में भी सही को सही और गलत को गलत कहता रहूंगा।
मनीष तिवारी भी सलाहकारों पर बिफरे
इस बीच कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा ने इस पूरे मामले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस बाबत उन्हीं लोगों को स्पष्टीकरण देने देना चाहिए जिन्होंने इस तरह के विवादित बयान दिए हैं।
उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी ने भी इन बयानों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए कि देश विरोधी बयान देने वाले ऐसे लोगों को क्या पार्टी में रखा जाना चाहिए। कुल मिलाकर सिद्धू के सलाहकार पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं और अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मुद्दे पर पार्टी की ओर से भविष्य में क्या रुख अपनाया जाता है।