Punjab: सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी, नेतृत्व की नजरें टेढ़ी, अनुशासन समिति करेगी फैसला
Punjab Congress: कांग्रेस अध्यक्ष ने इस पूरे मामले को पार्टी के अनुशासन समिति के पास भेज दिया है।
Punjab Congress: पंजाब में कांग्रेस (Punjab Congress) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के खिलाफ शीर्ष नेतृत्व की नजर टेढ़ी हो गई है। सिद्धू लंबे समय से पार्टी विरोधी बयान देने में जुटे हुए हैं मगर अब पार्टी नेतृत्व की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान उनके उल्टे सीधे बयानों के कारण पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। अब उनके खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास पहुंच गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस पूरे मामले को पार्टी के अनुशासन समिति के पास भेज दिया है। अब कांग्रेस नेतृत्व की ओर से जल्द ही सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की आशंका जताई रही है। सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष रहने के दौरान पार्टी को विधानसभा चुनाव में करारा झटका लगा था और सिद्धू खुद भी अपने सियासी जीवन की पहली हार झेलने के लिए मजबूर हो गए थे।
सिद्धू अपनी ही पार्टी पर उठा रहे सवाल
दरअसल कांग्रेस की पंजाब इकाई का मामला काफी दिनों से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए मुसीबत बना हुआ है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी सिद्धू उल्टा-सीधा बयान देने में जुटे हुए थे। तब पार्टी की एकजुटता जताने और सियासी नुकसान की आशंका से कांग्रेस नेतृत्व ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज किया था। सिद्धू को पिछले साल जुलाई में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी।
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू ने अपनी ही पार्टी और अपनी ही सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े करके पार्टी की चुनावी संभावनाओं को जमकर पलीता लगाया। पार्टी नेतृत्व की ओर से सीएम का चेहरा घोषित किए गए चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर भी अपनी सभाओं में सवाल खड़े किए। पार्टी की करारी हार के बाद हालांकि शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने अध्यक्ष पद जरूर छोड़ दिया है मगर वे अभी भी पार्टी की नीतियों को लेकर सवाल खड़े करने में जुटे हुए हैं।
अब अनुशासन समिति करेगी फैसला
अब पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर सिद्धू के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कार्रवाई की सिफारिश की है। चौधरी का कहना है कि सिद्धू के उल्टे-सीधे बयानों का संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी की जानी चाहिए। चौधरी का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से सिद्धू से स्पष्टीकरण माना जाना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह बरार राजा वडिंग भी सिद्धू के रवैए से काफी नाखुश हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई के पक्षधर है। प्रदेश कांग्रेस के दो बड़े चेहरों की ओर से मांग उठाए जाने के बाद अब कांग्रेस नेतृत्व भी इस मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने में जुट गया है और इसीलिए सिद्धू का मामला तत्काल अनुशासन कमेटी के पास भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि अनुशासन कमेटी की ओर से जल्द ही सिद्धू को नोटिस जारी की जा सकती है।
पीके की तारीफ में जुटे हुए हैं सिद्धू
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ कांग्रेस नेतृत्व की बात टूट चुकी है और इसे प्रशांत किशोर के साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला स्पष्ट कर चुके हैं। इसके बावजूद सिद्धू प्रशांत किशोर के साथ अपनी दोस्ती का हवाला देते हुए उनकी प्रशंसा करने में जुटे हुए हैं। प्रशांत किशोर की कांग्रेस नेतृत्व के साथ बात टूटने के बाद भी उन्होंने सोशल मीडिया पर पीके के साथ अपनी तस्वीर डाली थी। इस तस्वीर के साथ उन्होंने पीके को अपना पुराना दोस्त बताया था।
सोमवार को पीके की ओर से बिहार में नई राजनीतिक पार्टी बनाने की शुरुआत के संकेत के बाद भी सिद्धू खामोश नहीं रहे और लिखा कि पहला कदम ही आधी लड़ाई जीतने का संकेत होता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शुरुआत अच्छी हो तो परिणाम भी अच्छा जरूर होता है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने भले ही कुछ दिनों पूर्व कांग्रेस नेतृत्व को झटका दिया हो मगर सिद्धू पीके के साथ नजदीकियां बढ़ाने में जुटे हुए हैं। पिछले दिनों दिल्ली में पीके के साथ मुलाकात के बाद सिद्धू ने लिखा था कि पुराना दोस्त और पुराना सोना हमेशा ही बेहतर होते हैं। सिद्धू का यह रवैया भी पार्टी नेताओं को रास नहीं आया है। सिद्धू को 2017 में कांग्रेस में शामिल कराने में भी पीके की बड़ी भूमिका बताई जाती है।
मान को बता चुके हैं छोटा भाई
सिद्धू ने पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना छोटा भाई और ईमानदार नेता बताकर भी सबको चौंका दिया था। इसके साथ उन्होंने भी यह भी कहा था कि पंजाब की जनता ने बदलाव को इसलिए मौका दिया क्योंकि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने माफियाओं के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया था। पंजाब के मुख्यमंत्री मान मेरे छोटे भाई और ईमानदार व्यक्ति हैं और उन्हें माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद भी सिद्धू अपने तरीके से सक्रिय हैं और पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के साथ लगातार कार्यक्रम करने में जुटे हुए हैं।
अब कार्रवाई की आशंका
कांग्रेस के जानकारों का मानना है कि अब पानी नाक से ऊपर जा चुका है और कांग्रेस नेतृत्व भी जल्द से जल्द पंजाब कांग्रेस के संकट का निपटारा करने में जुट गया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी की शिकायत के बाद अब सिद्धू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। पहले उन्हें पार्टी नेतृत्व की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी की जा सकती है और उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तय होगी।