पंजाब कांग्रेस में नया विवाद: वरिष्ठ मंत्री ने खोला सिद्धू के खिलाफ मोर्चा, कहा-सिर्फ सीएम बनने के लिए कांग्रेस में आए

Punjab Congress Latest News: चन्नी सरकार के वरिष्ठ मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा है कि सिद्धू सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए ही कांग्रेस में आए हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-12-20 11:19 IST

राणा गुरजीत सिंह-नवजोत सिंह सिद्धू (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Punjab Congress Latest News: विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) सिर पर होने के बावजूद पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के नेताओं का आपसी विवाद सुलझता नहीं दिख रहा है। विपक्ष के खिलाफ एकजुट होकर रणनीति बनाने की जगह कांग्रेस नेता एक-दूसरे की टांग खींचने में ही जुटे हुए हैं। अब प्रदेश की चन्नी सरकार (Channi Sarkar) के वरिष्ठ मंत्री राणा गुरजीत सिंह (Rana Gurjeet Singh) ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दूसरे कांग्रेसियों की वफादारी पर उंगली उठा रहे हैं जबकि उन्हें ऐसे सवाल उठाने का कोई हक ही नहीं है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सभी को इस बात की बखूबी जानकारी है कि सिद्धू सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए ही कांग्रेस में आए हैं जबकि मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। राणा गुरजीत सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) का करीबी माना जाता है और उन्हें मंत्री बनाए जाने पर सिद्धू काफी खफा हुए थे। उनके बयान से साफ हो गया है कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है और पार्टी में गुटबाजी लगातार बढ़ती जा रही है।

सिद्धू ने बढ़ाई पार्टी में गुटबाजी

राणा गुरजीत ने कहा कि सिद्धू की नजर सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर लगी हुई है और इसीलिए वे दूसरी पार्टी से कांग्रेस में आए हैं। उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी दो गुटों में बंटती दिख रही है। इसका कारण यह है कि सिद्धू खुद पार्टी को दो गुटों में बांटने में लगे हुए हैं। पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद वे पार्टी के ही कई अन्य नेताओं के साथ खराब व्यवहार करते रहे हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू- राणा गुरजीत सिंह (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

मंत्री ने कहा कि सिद्धू भाड़े के राजनीतिक व्यक्ति रहे हैं और उनका कभी कोई सिद्धांत या विचारधारा नहीं रही है। वे अपना मकसद हासिल करने के लिए इधर से उधर छलांग लगाते रहे हैं। सबसे विचित्र बात तो यह है कि वे उन लोगों को उपदेश देने में जुटे हुए हैं जिन्होंने पार्टी की मजबूती के लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया। ऐसे लोगों को वे कांग्रेस के सिद्धांतों की नसीहत दे रहे हैं।

चुनाव तक कांग्रेस में नहीं टिकेंगे सिद्धू

उन्होंने सिद्धू को सनकी बताते हुए यहां तक कह डाला कि चुनावों तक उनके कांग्रेस में भी टिकने की कोई उम्मीद नहीं है। राणा गुरजीत ने कहा कि मुझे लगता है कि चुनावों तक वे कांग्रेस छोड़कर किसी दूसरी नाव पर सवार हो जाएंगे। वैसे कांग्रेस तब ज्यादा मजबूत होगी जब सिद्धू पार्टी छोड़कर चले जाएंगे। इसलिए पार्टी के लिए यही बेहतर होगा कि सिद्धू जल्द से जल्द पार्टी छोड़ दें। उनके अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी बंटती हुई दिख रही है और ऐसा लगता है कि वे दूसरी पार्टी में बैठे अपने सियासी आकाओं के एजेंडे को पूरा करने में लगे हुए हैं। वे अपने कामों से कांग्रेस को लगातार कमजोर बना रहे हैं और यह कांग्रेस के भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

कैप्टन के जाने पर भी नहीं सुलझा विवाद

कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस का विवाद अब खत्म हो जाएगा मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी सिद्धू और लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। वे समय-समय पर कैप्टन सरकार की तरह चन्नी सरकार को भी घेरते रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री चन्नी की ओर से की गई नियुक्तियों पर भी आपत्ति जताई थी जिसके बाद मुख्यमंत्री डीजीपी और एडवोकेट जनरल को बदलने पर मजबूर हो गए। सिद्धू के रवैए से मुख्यमंत्री चन्नी भी भीतर ही भीतर नाराज बताए जा रहे हैं।

चरणजीत सिंह चन्नी-सिद्धू-अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

विपक्ष ने कांग्रेस पर तेज किए हमले

विपक्ष की ओर से भी इसे लेकर मुख्यमंत्री चन्नी और कांग्रेस पर हमले किए जा रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सिद्धू सुपर सीएम की तरह काम कर रहे हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री चन्नी सिर्फ रबड़ स्टैंप बनकर रह गए हैं और पर्दे के पीछे से सिद्धू ही सुपर सीएम के रूप में सरकार चला रहे हैं।

कांग्रेस में चल रही खींचतान को आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। कांग्रेस विपक्ष की चुनौतियों का सामना करने की जगह आपसी झगड़ों में ही उलझी हुई है और इस कारण पार्टी की चुनावी तैयारियां भी प्रभावित हो रही हैं।

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