Punjab Congress: पंजाब में कांग्रेस का एक और विकेट गिरा, मनप्रीत बादल ने छोड़ी पार्टी, BJP में होंगे शामिल

Punjab Congress: पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बाद मनप्रीत बादल के रूप में सूबे में कांग्रेस ने तीसरा बड़ा नेता खोया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-01-18 08:56 GMT

Manpreet Badal left congress (photo: social media )

Punjab Congress: पंजाब में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा खत्म होने के अगले ही दिन कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ नेता मनप्रीत सिंह बादल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बाद मनप्रीत बादल के रूप में सूबे में कांग्रेस ने तीसरा बड़ा नेता खोया है। बादल ने अपने इस्तीफे की जानकारी ट्वीट कर दी है। जाखड़ की तरह उनके भी बीजेपी में जाने की अटकलें हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वो आज बीजेपी में शामिल होंगे।

मनप्रीत बादल ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे की बजाय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा है। खत में उन्होंने गांधी को केवल एक सांसद के तौर पर संबोधित किया है। बादल के इस्तीफे ने एक बार फिर पंजाब में कांग्रेस की कमजोर स्थिति को सबके सामने लाकर रख दिया है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी की जबरदस्त दुर्गति हुई थी और उसे आम आदमी पार्टी हाथों शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा था। पंजाब में कांग्रेस की हार को अंदरूनी गुटबाजी से जोड़कर देखा गया था।

विधानसभा चुनाव हार गए थे मनप्रीत बादल

आम आदमी पार्टी की लहर में जिन बड़े नेताओं का सूफड़ा साफ हुआ था, उनमें मनप्रीत सिंह बादल भी शामिल हैं। बादल को बठिंडा शहर विधानसभा सीट पर आप उम्मीदवार जगरूप गिल ने जोरदार पटखनी दी थी। उन्हें 65 हजार मतों के भारी अंतर से हराया था।

2016 में कांग्रेस में शामिल हुए थे मनप्रीत बादल

मनप्रती सिंह बादल पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं। साल 2011 में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर पंजाब पीपुल्स पार्टी बना ली थी। साल 2016 में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले अपनी पार्टी का विलय उन्होंने कांग्रेस में कर दिया था। बादल 5 विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 1995 से 2007 तक लगातार चार बार गिद्दड़बाहा से चुनाव जीता। हालांकि, साल 2012 में उन्हें इस सीट पर शिकस्त मिली थी। जिसके बाद 2017 में वह बठिंडा शहर से विधायक बने थे।

Tags:    

Similar News