पंजाब कांग्रेस का संकट बरकरार, नए अध्यक्ष की ताजपोशी में नहीं पहुंचे जाखड़ और सिद्धू

Raja Warring Coronation : राज्य में पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के इस रुख से साफ हो गया है कि पार्टी की आंतरिक कलह अभी समाप्त नहीं हुई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update: 2022-04-22 09:04 GMT

सुनील जाखड़-राजा वडिंग- नवजोत सिंह सिद्धू (फोटो: सोशल मीडिया )

Raja Warring Coronation : पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से भी पार्टी के नेता सबक लेते नहीं दिख रहे हैं। पार्टी में घमासान का दौर अभी भी जारी है और इसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली। पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह बराड़ (राजा वडिंग) (Raja Warring) की ताजपोशी के कार्यक्रम से दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने किनारा कर लिया।

राज्य में पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के इस रुख से साफ हो गया है कि पार्टी की आंतरिक कलह अभी समाप्त नहीं हुई है। मजे की बात तो यह है कि सिद्धू प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ही मौजूद थे मगर फिर भी वे ताजपोशी का कार्यक्रम से गायब रहे। हालांकि नए प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के सभी नेताओं को साथ लेकर चलने की बात कही है मगर शुक्रवार का नजारा इस बात की तस्दीक करता है कि इस सपने का पूरा हो पाना काफी मुश्किल है।

दो वरिष्ठ नेताओं ने किया किनारा

प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद हाईकमान ने सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए 92 सीटों पर जीत हासिल की है। प्रदेश में कांग्रेस को नया रूप देने के लिए अब हाईकमान की ओर से राजा वडिंग को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राजा वडिंग के ताजपोशी का कार्यक्रम था मगर इसमें सिद्धू और सुनील जाखड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया। इस कार्यक्रम में पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी समेत कई सांसद और विधायक तो जरूर मौजूद थे मगर दो वरिष्ठ नेताओं की नामौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही।

पार्टी हाईकमान से नाराज हैं सिद्धू

सिद्धू आज सुबह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तो जरूर पहुंचे मगर उन्होंने राजा वडिंग के ताजपोशी कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। वे प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय एक कमरे में ही बैठे रहे मगर राजा वडिंग से मुलाकात करने के लिए नहीं पहुंचे। सुनील जाखड़ को हाल में उल्टे-सीधे बयानों पर कांग्रेस हाईकमान की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था मगर एक हफ्ते की समय सीमा बीतने के बावजूद जाखड़ ने अभी तक नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने भी नए अध्यक्ष की ताजपोशी के कार्यक्रम से किनारा कर लिया।

दोनों नेताओं के इस रवैए को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल सिद्धू के समर्थक विधायकों ने उन्हें एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपने की मुहिम चला रखी थी मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी। पिछले दिनों नए अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने के लिए भी सिद्धू और जाखड़ नहीं पहुंचे थे। इससे साफ हो गया है कि प्रदेश कांग्रेस में कलह की आग इतनी जल्दी ठंडी होने वाली नहीं है। प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी दोनों नेताओं के बयानों के कारण भी कई बार पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था।

नए प्रदेश अध्यक्ष का थ्री डी मंत्र

वैसे नए अध्यक्ष की ताजपोशी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी का सीएम चेहरा रहे चरणजीत सिंह चन्नी जरूर पहुंचे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के बाद राजा वडिंग ने सबको साथ लेकर चलने की बात कही है। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने थ्री डी मंत्र को अपनाने की बात कही है। उन्होंने थ्री डी मंत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि मैं डिसिपिलिन, डेडीकेशन और डायलॉग के आधार पर प्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने की पूरी कोशिश करूंगा।

उन्होंने कहा कि मेरा सबसे ज्यादा जोर अनुशासन पर रहेगा और अनुशासनहीन नेताओं पर शिकंजा कसा जाएगा। हालांकि नए अध्यक्ष के लिए पार्टी में अनुशासन बनाए रखना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है क्योंकि पार्टी हाईकमान के लिए वरिष्ठ नेताओं की अनुशासनहीनता बड़ी मुसीबत बनी हुई है। अब यह देखने वाली बात होगी कि नए अध्यक्ष सबको साथ लेकर चलने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

Tags:    

Similar News