पंजाब चुनाव से पूरी तरह कटे हुए हैं सनी देओल, BJP सांसद होने के बाद भी अभिनेता का कहीं अता-पता नहीं

Punjab Elections 2022:सनी देओल के पंजाब के चुनावी सीन से पूरी तरह गायब रहने के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा गुस्सा है मगर अभी तक सनी देओल ने पंजाब की ओर रुख नहीं किया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-01-31 10:38 GMT

सनी देओल (फोटो-सोशल मीडिया)

Punjab Elections 2022: पंजाब में अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद इस बार भाजपा अपनी ताकत दिखाने के इरादे से चुनाव मैदान में उतर रही है मगर पार्टी के सांसद सनी देओल का कहीं अता-पता नहीं है। सनी देओल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी मगर वे लंबे समय से अपने चुनाव क्षेत्र में भी नहीं पहुंचे हैं।

सनी देओल के पंजाब के चुनावी सीन से पूरी तरह गायब रहने के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा गुस्सा है मगर अभी तक सनी देओल ने पंजाब की ओर रुख नहीं किया है। सनी देओल के कार्यालय की ओर से यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि वे पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार करेंगे भी या नहीं। हालांकि पार्टी नेताओं की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया गया है।

चुनाव सिर पर मगर सनी देओल नदारद

पंजाब के गुरदासपुर जिले को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है क्योंकि सिने अभिनेता विनोद खन्ना ने इस सीट से चार बार जीत हासिल की थी। 2019 के चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर सनी देओल को चुनाव मैदान में उतारा था। सनी देओल चुनाव जीतने में तो कामयाब रहे हैं मगर वे पंजाब में भाजपा के कार्यक्रमों में कभी नहीं दिखते।

अब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान होने वाला है मगर अभी भी सनी देओल का कहीं अता-पता नहीं चल रहा है। अभिनेता के कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वे अभी तक पंजाब नहीं पहुंचे हैं मगर कार्यकर्ताओं को इस बात पर भरोसा नहीं है।

चुनाव से सनी देओल की दूरी के कारण कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिख रही है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि सनी 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं उतरेंगे और इसी कारण अब उनकी विधानसभा चुनाव में भी कोई दिलचस्पी नहीं है। चुनाव लड़ने की मंशा न होने के कारण अब उनकी पंजाब की सियासत में कोई दिलचस्पी नहीं दिख रही है।

कोरोना काल में भी क्षेत्र का दौरा नहीं

भाजपा के जानकार लोगों का कहना है कि सनी देओल ने लंबे समय से अपने संसदीय क्षेत्र गुरदासपुर से भी दूरी बना रखी है। कोरोना महामारी के दौर में भी वे अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं दिखे। जब यह महामारी चरम पर थी तब भी उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों का हालचाल लेने की जरूरत नहीं महसूस की।

उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र गुरदासपुर के साथ पठानकोट और बटाला के लोगों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त तीन एंबुलेंस जरूर मुहैया कराई थी। इसके साथ ही उन्होंने पीपीपी किट, सैनिटाइजर और मास्क का वितरण भी कराया था मगर कभी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा नहीं किया। उनके इस रुख के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पठानकोट में उनके लापता होने के पोस्टर भी लगाए थे। इन पोस्टरों पर सनी देओल का पता लगने पर जानकारी देने की बात कही गई थी।

विनोद खन्ना के बाद 2019 में मिली थी जीत

गुरदासपुर संसदीय सीट पर भाजपा के विनोद खन्ना ने चार चुनावों में जीत हासिल की थी। विनोद खन्ना 1998, 1999, 2004 और 2014 में इस संसदीय सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे। हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

उनके निधन के बाद 2017 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने इस सीट पर जीत हासिल की थी मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सनी देओल को चुनाव मैदान में उतार कर पार्टी की हार का बदला ले लिया था। सनी देओल संसदीय चुनाव जीतने में तो जरूर कामयाब रहे मगर अब वे पंजाब की सियासत से पूरी तरह गायब दिख रहे हैं।

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