Punjab Election 2022: जमानत रद्द होने के बाद मजीठिया पर कसा शिकंजा, गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच के ताबड़तोड़ छापे

काली दल की चुनावी रणनीति बनाने में मजीठिया बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं मगर अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद एक बार फिर वे चुनावी सीन से गायब हो गए हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-25 14:33 IST

बिक्रमजीत सिंह मजीठिया (फोटो-सोशल मीडिया) 

Punjab Election 2022: पंजाब में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया (Bikramjit Singh Majithia) की गिरफ्तारी के लिए दबिश का सिलसिला शुरू हो गया है। ड्रग्स केस में फंसे पूर्व मंत्री मजीठिया की अग्रिम जमानत हाईकोर्ट की ओर से खारिज की जा चुकी है। अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद मोहाली क्राइम ब्रांच की टीम ने अमृतसर और चंडीगढ़ समेत मजीठिया के छह ठिकानों पर रेड डाली। हालांकि इस रेड के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम को मजीठिया को गिरफ्तार करने में कामयाबी नहीं मिली।

अकाली दल की चुनावी रणनीति बनाने में मजीठिया बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं मगर अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद एक बार फिर वे चुनावी सीन से गायब हो गए हैं। पुलिस उनकी जोरशोर से तलाश करने में जुटी हुई है मगर माना जा रहा है कि गिरफ्तारी की आशंका से वे एक बार फिर अंडरग्राउंड हो गए हैं।

हाईकोर्ट ने रद्द की अग्रिम जमानत

पंजाब की सियासत में ड्रग्स मामले में मजीठिया का नाम काफी दिनों से उछलता रहा है। पिछले महीने की 20 तारीख को उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होते ही मजीठिया अंडरग्राउंड हो गए थे मगर बाद में उन्होंने 10 जनवरी को अंतरिम जमानत हासिल कर ली थी। जमानत के पहले पुलिस की ओर से उनके कई ठिकानों पर छापे मारे गए थे मगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई थी।

सोमवार को हाईकोर्ट की ओर से उनकी अग्रिम जमानत रद्द कर दी गई। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने उनकी गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापे मारे। अमृतसर और चंडीगढ़ समेत मजीठिया के कई ठिकानों पर छापे मारे गए मगर क्राइम ब्रांच की टीम मजीठिया को गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो सकी।

माना जा रहा है कि मजीठिया को इन छापों की भनक पहले ही मिल चुकी थी और इसी कारण वे एक बार फिर अंडरग्राउंड हो गए हैं। उनकी तलाश में हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी छापे मारे गए मगर उनका कहीं कोई पता नहीं चल सका।

राजनीतिक द्वेष से फंसाने का आरोप

जानकारों का कहना है कि हाईकोर्ट से जमानत याचिका रद्द होने के बाद अब मजीठिया के सामने सुप्रीम कोर्ट जाने का ही विकल्प बचा है। पंजाब में इस समय विधानसभा चुनाव चरम पर पहुंचा हुआ है और ऐसे समय में मजीठिया जेल जाने से बचने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ड्रग्स मामले में केस दर्ज होने के बाद मजीठिया लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें राजनीतिक रंजिश की वजह से इस मामले में फंसाया गया है।

चन्नी सरकार की ओर से पहले उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई मगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से बार-बार मामला उठाए जाने के बाद सरकार ने उनके खिलाफ शिकंजा कस दिया था। इसी कारण मजीठिया की ओर से राजनीतिक द्वेष की भावना से फंसाए जाने का आरोप लगाया जा रहा है।

हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद मजीठिया का अमृतसर में समर्थकों की ओर से जोरदार स्वागत किया गया था। समर्थकों की भारी भीड़ जुटाने के बाद उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। चुनावी माहौल में अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद मजीठिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने या सरेंडर करने का ही विकल्प बचा है।

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