Election Results 2022: एक कॉमेडियन की लम्बी छलांग, पंजाब के हीरो बने भगवंत मान

Election Results 2022: भगवंत मान के नाम के आगे अब शायद मुख्यमंत्री जुड़ने जा रहा है। भगवंत मान अपनी पार्टी की चुनावी लड़ाई को "पंजाब नू पंजाब बनान दी लड़ाई" कहते हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update:2022-03-10 13:05 IST

भगवंत मान (photo : social media ) 

Punjab Election Results 2022: यूक्रेन के 47 वर्षीय प्रेसिडेंट जेलेंस्की कभी कॉमेडियन हुआ करते थे। टीवी पर कॉमेडी के शो करते करते वह अपने देश के प्रेसिडेंट बन गए। ऐसे ही एक अपने देश के टीवी कॉमेडियन (comedian) हैं 48 वर्षीय भगवंत मान (Bhagwant Mann) जिनके नाम के आगे अब शायद मुख्यमंत्री (CM of Punjab) जुड़ने जा रहा है। जेलेंस्की अभी अपने देश में बदलाव का वादा करके सत्ता में आये थे और भगवंत मान की आम आदमी पार्टी का वादा भी बदलाव का रहा है। उम्र, कॉमेडी और बदलाव – ये तीनों चीजें जेलेंस्की और भगवंत में कॉमन हैं।

कौन हैं भगवंत

भगवंत मान अपनी पार्टी की चुनावी लड़ाई को "पंजाब नू पंजाब बनान दी लड़ाई" कहते हैं। वह बात बात में शहीद भगत सिंह की कसम खाते हैं, भीड़ के सामने इन्कलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हैं और स्वतंत्रता सेनानियों की तरह बसंती पगड़ी पहनते हैं।

भगवंत सिंह मान का राजनीतिक सफ़र 11 साल से भी कम समय का रहा है। इतने कम समय में वे राजनीती में कदम रखने से लेकर अब सीएम चेहरे तक पहुँच गए। आम आदमी पार्टी ने 19 जनवरी को पंजाब चुनाव से बमुश्किल एक महीने पहले एक फोन-इन पोल के बाद उन्हें अपना सीएम चेहरा घोषित किया। पार्टी ने दावा किया था कि फोन के जरिये किये जनमत संग्रह में मान के पक्ष में 93 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। इस फोन सर्वे में 21 लाख प्रतिक्रियाएं मिलीं, ऐसा पार्टी का दावा है।

संगरूर के मान

भगवंत मान संगरूर से दो बार सांसद रहे हैं। वे इस बाद संगरूर के ही धूरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। संगरूर के सतोज गांव में एक स्कूली शिक्षक के परिवार में जन्मे मान ने 18 साल की उम्र में अपना पहला ऑडियो कैसेट जारी किया था। उस समय वह शहीद उधम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज, सुनाम में बी.कॉम द्वितीय वर्ष के छात्र थे। सामाजिक और राजनीतिक व्यंग्य में माहिर मान जल्द ही राज्य में कॉमेडी के निर्विवाद किंग बन गए। उनका जुगनू मस्त मस्त टेलीविजन शो बहुत लम्बे समय तक चला है।

कॉमेडी किंग

कॉमेडी किंग भगवंत मान का करियर (Bhagwant Mann career) जब अपने चरम पर था तब उन्होंने इसे त्याग दिया और 2011 में पंजाब की पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गए। पीपुल्स पार्टी की स्थापना पंजाब में पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत सिंह बादल ने स्वच्छ राजनीति में बतौर एक प्रयोग के रूप में की थी। भगवंत मान की पहली चुनावी लड़ाई 2012 के विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल के क्षेत्र लेहरागग्गा में हुई जहाँ मान बुरी तरह हार गए। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले जब बादल ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया, तो मान ने साथ जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने इसके बजाय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के निमंत्रण को स्वीकार करने का फैसला किया। अनुभवी अकाली नेता एसएस ढींडसा को हराकर मान ने संगरूर लोकसभा सीट पर 2 लाख से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की।

वह 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान भगवंत मान आप का सबसे अधिक दिखाई देने वाला चेहरा भी थे। चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने 300 से अधिक रैलियों को संबोधित किया।

राज्य में बेहद लोकप्रिय होने के बावजूद मान की संसद में उस समय बदनामी हुई जब कुछ साथी सांसदों ने शिकायत की कि वह नशे की हालत में सदन में आए हैं। बहरहाल, 2019 तक, पार्टी ने दावा किया कि भगवंत मान अब बदल गए हैं। केजरीवाल ने तो सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि मान ने शराब न पीने की शपथ ली है।

2022 के चुनावों ने एक शांत और संयमित मान को देखा। वह अपनी फॉर्च्यूनर के बोनट खड़े नहीं होते थे, कोई तीखा या भद्दा चुटकुला नहीं सुनाते, भीड़ में गोता नहीं लगाते थे। अपने लोकलुभावन अंदाज में अपने भाषणों को शेरो-शायरी से जरूर भर देते। हर बैठक में, वह लोगों को बताते थे कि कैसे हर चुनाव के साथ अन्य राजनेताओं की संपत्ति में वृद्धि हुई, लेकिन उनकी संपत्ति कम ही हुई थी।

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