Punjab Political News: पंजाब में अब मंत्रालय को लेकर खींचतान, रंधावा ने किया होम मिनिस्ट्री पर दावा, सिद्धू ने किया विरोध

Punjab Political News: डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से दावेदारी की गई है।

Report :  Anshuman Tiwari
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-28 08:47 GMT

रंधावा ने किया होम मिनिस्ट्री पर दावा, सिद्धू ने किया विरोध (social media)

Punjab Political News: पंजाब (Punjab political News) में लंबी कवायद के बाद नए मंत्रियों को शपथ तो दिलाई जा चुकी है मगर अब मंत्रालयों को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। इस खींचतान के कारण मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) अभी तक मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं कर सकते हैं। सबसे बड़ा पेंच होम मिनिस्ट्री को लेकर फंसा हुआ है। इस मंत्रालय पर डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (Deputy CM Sukhjinder Singh Randhawa) की ओर से दावेदारी की गई है। रंधावा को पहले मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कही जा रही थी। मगर आखिरी क्षणों में चन्नी को विधायक दल का नेता चुना गया था। 

सिद्धू ने रंधावा को होम मिनिस्ट्री दिए जाने को लेकर किया विरोध

दूसरी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू रंधावा को होम मिनिस्ट्री दिए जाने के पूरी तरह खिलाफ हैं। उनका कहना है कि यह मंत्रालय मुख्यमंत्री चन्नी के पास ही रहना चाहिए। सिद्धू की खिलाफत के कारण चन्नी इस मामले में फैसला नहीं ले पा रहे हैं । उन्होंने हाईकमान से संपर्क साधा है। जानकारों का कहना है कि अब हाईकमान के निर्देश के मुताबिक ही चन्नी कैबिनेट के मंत्रियों को विभाग बांटे जाएंगे।

रंधावा समर्थकों ने किया खुलकर दावा 

हाईकमान की लंबी कवायद के बाद पंजाब में नए मंत्रियों के नाम पर सहमति बन सकी थी। इसके लिए राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई दौर की चर्चा की। हाईकमान की मुहर लगने के बाद नए मंत्रियों ने रविवार को शपथ तो ले ली है मगर अब विभागों को लेकर खींचतान के कारण अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं किया जा सका है। सबसे बड़ा पेंच होम मिनिस्ट्री को लेकर फंसा हुआ है जिस पर रंधावा के समर्थकों की ओर से खुलकर दावा किया जा रहा है। रंधावा के समर्थकों का कहना है कि वह मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए । मगर अब होम मिनिस्ट्री उन्हें ही मिलनी चाहिए। इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

सुखबीर बादल का दिया उदाहरण

रंधावा के समर्थकों की ओर से अपने पक्ष में सुखबीर बादल का नाम लेकर दलील भी दी जा रही है। उनका तर्क है कि पिछली अकाली सरकार के दौरान होम मिनिस्ट्री डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के पास ही थी। 2017 में कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री बने कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार में किसी को भी डिप्टी सीएम नहीं बनाया था। इस कारण होम मिनिस्ट्री कैप्टन के पास ही थी। अब चन्नी कैबिनेट में रंधावा को डिप्टी सीएम बनाया गया है , तो होम मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी भी उन्हें ही मिलनी चाहिए।

सिद्धू का सीएम चन्नी पर दबाव 

दूसरी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू रंधावा को होम मिनिस्ट्री देने के पक्ष में नहीं है। सिद्धू का कहना है कि पिछले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह मंत्रालय अपने पास ही रखा था। इसी तरह मौजूदा मुख्यमंत्री को भी यह महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने पास ही रखना चाहिए। सिद्धू के इस विरोध के पीछे सियासी कारण भी बताया जा रहा है। दरअसल, ड्रग्स और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में मुख्यमंत्री चन्नी पर कार्रवाई करने का जबर्दस्त दबाव है। 

जानकारों का कहना है कि सिद्धू को इस बात का डर सता रहा है कि यदि होम मिनिस्ट्री पाने के बाद रंधावा ने इस मामले में कार्रवाई कर दी तो वे हीरो बन सकते हैं। इस मामले में रंधावा की ओर से कार्रवाई किए जाने पर सिद्धू को अपनी सियासी चमक फीकी पड़ जाने का डर सता रहा है। यही कारण है कि वे चन्नी पर होम मिनिस्ट्री अपने पास ही रखने का दबाव डाल रहे हैं।

हाईकमान के पास पहुंचा मामला 

होम मिनिस्ट्री को लेकर शुरू हुई इस खींचतान का निदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने एक बार फिर हाईकमान से संपर्क साधा है। विभिन्न गुटों के दबाव के कारण चन्नी इस मामले में खुद कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने अब गेंद हाईकमान के पाले में डाल दी है। उन्होंने इस बाबत पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन से संपर्क साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बाबत राहुल गांधी से भी चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी इस समय छुट्टियां मनाने के लिए शिमला गए हुए हैं। माना जा रहा है कि उनकी ओर से मुहर लगाए जाने के बाद ही इस बाबत अंतिम फैसला किया जाएगा।

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