Punjab: सिद्धू का अपनी ही सरकार पर हमला, अच्छे लोगों का चुनाव के वक्त इस्तेमाल करती है सरकार.

Punjab: सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि जो लोग पंजाब का हित चाहते हैं सरकार उन्ही का इस्तेमाल चुनाव में करती है, और चुनाव के बाद उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है.

Newstrack :  Network
Published By :  Yogi Yogesh Mishra
Update:2021-08-15 18:58 IST

सिद्धू फिर बोलें अपनी सरकार के ख़िलाफ़ (photo social media) 

Punjab: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपने बड़बोले पन की वजह से एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही पंजाब कांग्रेस सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है। इशारों ही इशारों में सिद्धू ने कहा कि कैसे चुनाव के समय में पंजाब का हित चाहने वाले लोगों का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं जीत हासिल करने के बाद उनकी अनदेखी की जाती है। सिद्धू ने लोगों से वादा किया है कि वह योग्यता का सम्मान करेंगे और सभी प्रदेशवासियों को उनका हक दिलाया जाएगा। बताते चलें कई दौर की बातचीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीती 18 जुलाई को सिद्धू को पार्टी की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था। साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सिद्धू की सहायता के लिए संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागर को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था।

नवजोत सिंह सिद्धू (photo social media) 

आखिर क्या कह गए सिद्धू

बातों ही बातों में अपनी सरकार पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने कहा कि "पंजाब से प्यार करने वालों को चुनाव के दौरान शोपीस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। चुनाव जीतने के बाद इन लोगों को दरकिनार कर दिया जाता है और उनकी मुनाफाखोरी में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को ले लिया जाता है। मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं योग्यता का सम्मान करूंगा और युवाओं को सम्मान दूंगा।" 

 सीएम अमरिंदर और सिद्धू के बीच लंबी चली खींचतान

बताते चलें प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सिद्धू की काफी लंबी खींचतान चली थी। जिसके बाद पार्टी आलाकमान को दखल देना पड़ा। अमरेंद्र सिंह और सिद्धू के बीच अप्रैल में तनाव हद से ज्यादा बढ़ गया था जब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद कोटकपूरा और अन्य स्थानों पर साल 2015 में पुलिस गोलीबारी की घटना की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें 2 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी।



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