पंजाब कांग्रेस का झगड़ा: कैप्टन की कुर्सी सुरक्षित! सिद्धू को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
पांच दिनों तक चली समिति की बैठक के बाद पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन का कोई संकेत नहीं मिल रहा है
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने के लिए बनाई गई समिति के समक्ष मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू समेत लगभग सभी नेता अपनी बात रख चुके हैं। कमेटी में सोमवार से पंजाब कांग्रेस के नेताओं से मिलने का सिलसिला शुरू किया था। सबसे आखिर में शुक्रवार को अपनी बात रखने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को तलब किया गया था।
नवजोत सिंह सिद्धू को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
पांच दिनों तक चली समिति की बैठक के बाद सूत्रों का कहना है कि पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन का कोई संकेत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन का विकेट पूरी तरह सुरक्षित है मगर कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू को भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के खिलाफ काफी ज्यादा शिकायतें हैं। इस कारण उनकी कुर्सी के लिए खतरा माना जा रहा है। वरिष्ठ नेता सिद्धू को पार्टी और संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सोनिया को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट
पंजाब कांग्रेस में पिछले काफी दिनों से चल रहे झगड़े को सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले दिनों तीन सदस्यों की समिति का गठन किया था। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल को इस समिति का सदस्य बनाया गया है।
समिति के सदस्यों ने पिछले 5 दिनों के दौरान पंजाब कांग्रेस के लगभग सभी प्रमुख नेताओं, सांसदों और विधायकों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। इस चर्चा के बाद समिति के सदस्य जेपी अग्रवाल ने कहा कि एक-दो दिन में समिति की ओर से तैयार रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सभी पक्षों की बातों को पूरी जगह दी जाएगी। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद ही कांग्रेस हाईकमान की ओर से पंजाब की सरकार और संगठन के संबंध में अहम फैसला लिया जाएगा।
कैप्टन ने तर्कों के साथ दिया जवाब
जानकारों का कहना है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो घंटे तक कमेटी के समक्ष अपनी बातें रखीं। उन्होंने पूरे तर्कों के साथ अपने खिलाफ उठाए जा रहे मुद्दों का जवाब दिया। वे पूरी तैयारी के साथ बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कैप्टन ने कहा कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी में चर्चाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तैयारी के साथ चुनाव में उतरना चाहते हैं और इसीलिए पार्टी में मंथन किया जा रहा है।
उन्होंने बैठक में हुई बातचीत का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और पार्टी की आंतरिक चर्चाओं का कोई जिक्र नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हम सभी ने इस बात पर चर्चा की है कि 2022 के चुनाव को किस तरह मजबूती से लड़ा जाए।
कैप्टन सुरक्षित मगर सिद्धू को भी बड़ी जिम्मेदारी
पार्टी के भीतर से छनकर आ रही चर्चाओं के मुताबिक राज्य में पार्टी और सरकार का चेहरा कैप्टन ही होंगे मगर आने वाले वक्त में सिद्धू को सरकार के साथ ही पार्टी संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि पूर्व में भी कैप्टन और सिद्धू का झगड़ा समझाने की कोशिश की जा चुकी है मगर पार्टी नेतृत्व इस मामले में नाकाम रहा है।
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने भी अपने स्तर पर दोनों नेताओं के मतभेद दूर करने की पूरी कोशिश की थी मगर उन्हें भी कोई कामयाबी नहीं मिली थी। रावत की पहल पर दो बार कैप्टन और सिद्धू की मुलाकात भी हुई मगर दोनों के मतभेद नहीं दूर हो सके। अब देखने वाली बात यह होगी कि कैप्टन को मनाकर सिद्धू को कोई नई जिम्मेदारी कैसे दी जाती है।
प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें
सूत्रों का कहना है कि समिति की बैठक के दौरान सबसे ज्यादा शिकायतें प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के खिलाफ हुई हैं। पंजाब कांग्रेस के अधिकांश नेता मुख्यमंत्री के बजाय कामकाज के तरीकों में बदलाव के पक्ष में दिखे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की शिकायतों को देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नई तैनाती की जा सकती है।
राज्य में उपमुख्यमंत्री पद पर भी तैनाती की संभावना भी जताई जा रही है। देखने वाली बात यह होगी कि कैप्टन से नाराज नेता सिद्धू का उपयोग पार्टी किस रूप में करती है। हालांकि इतना तय माना जा रहा है कि पार्टी उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल चुनाव के दौरान करना चाहती है। इसलिए किसी महत्वपूर्णपद पर उनकी ताजपोशी से इनकार नहीं किया जा सकता।