Punjab Politics: कैप्टन आज करेंगे सियासी धमाका, नई पार्टी का कर सकते हैं एलान, कांग्रेस में हलचल तेज

Punjab Politics: कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है, जिसमें माना जा रहा है कि वे आज अपनी नई राजनीतिक पार्टी का एलान कर सकते हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Newstrack :  Shreya
Update:2021-10-27 09:07 IST

कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Punjab Politics: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) राज्य की सियासत में बड़ा धमाका करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। कैप्टन ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है और माना जा रहा है कि इस दौरान वे नई राजनीतिक पार्टी का एलान (Amarinder Singh New Party) कर सकते हैं। कैप्टन की सियासी सक्रियता से पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में भी हलचल तेज हो गई है।

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Amarinder Singh Ka Istifa) देने के बाद कांग्रेस के खिलाफ लगातार हमला बोलने वाले कैप्टन आगामी विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav 2022) में कांग्रेस (Congress) के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकते हैं। जानकारों का मानना है कि कैप्टन पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress- TMC) की तर्ज पर राज्य में ताकतवर क्षेत्रीय दल बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं और उनकी नई पार्टी के नाम (Amarinder Singh New Party Name) के साथ कांग्रेस शब्द (Congress Shabd) भी जुड़ा रहेगा।

कैप्टन की ओर से नया राजनीतिक दल बनाए जाने के बाद कुछ कांग्रेसी विधायकों (Congress MLAs) के पाला बदल करने की संभावना भी जताई जा रही है। कांग्रेस में नाराज चल रहे कुछ नेता भी कैप्टन का दामन थाम सकते हैं। यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पार्टी विधायकों और नेताओं के मूवमेंट पर पूरी नजर रखी जा रही है। प्रदेश कांग्रेस के नेता इसलिए ज्यादा सतर्क हो गए हैं क्योंकि दर्जन भर से अधिक विधायक उनके संपर्क में बताए जा रहे हैं। 

सोनिया गांधी संग कैप्टन अमरिंदर सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

कांग्रेस से तल्ख हुए कैप्टन के रिश्ते

कैप्टन की ओर से नया राजनीतिक दल बनाने की घोषणा (Amarinder Singh Ki Ghoshna) के बाद से ही कांग्रेस के साथ उनके रिश्ते काफी तल्ख हो चुके हैं। कांग्रेस के वोट बैंक (Congress Vote Bank) में सेंध लगने की आशंका से पार्टी के नेता इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने कैप्टन पर निजी हमले तक शुरू कर दिए हैं। कैप्टन की महिला मित्र और पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम (Aroosa Alam) का नाम उछालना भी इसी मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है।

गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने अरूसा आलम के आईएसआई से लिंक (ISI Connection) की जांच कराने की बात कही है जिसके बाद कैप्टन ने कांग्रेस पर तीखे हमले (Congress Par Amarinder Singh Ka Hamla) शुरू कर दिए हैं। कैप्टन ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) समेत कई वरिष्ठ नेताओं के साथ अरूसा की फोटो जारी करते हुए कांग्रेस से सवाल किया है कि क्या इन नेताओं का भी आईएसआई से लिंक (ISI Se Link) रहा है? 

अमरिंदर सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज देंगे कई सवालों का जवाब

अब कैप्टन की ओर से आज चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस (Amarinder Singh Press Conference) बुलाई गई है। सियासी जानकारों का मानना है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैप्टन की ओर से नए सियासी दल के गठन का बड़ा एलान किया जा सकता है। दरअसल पंजाब में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण अब कैप्टन के पास भी ज्यादा वक्त नहीं बचा है और यही कारण है कि वे नए राजनीतिक दल के गठन को लेकर दीपावली तक इंतजार नहीं करना चाहते।

कैप्टन कांग्रेस छोड़ने की बात पहले ही कह चुके हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैप्टन अरूसा प्रकरण के साथ ही नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) और बीएसएफ (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के मुद्दे पर भी अपना पक्ष रख सकते हैं।

सोशल मीडिया (Social Media) पर तो वे लगातार इन मुद्दों को लेकर मुखर हैं मगर मीडिया से बातचीत के दौरान वे पहली बार खुलकर इन मुद्दों पर बोल सकते हैं। कैप्टन ने कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समाधान होने पर ही भाजपा से गठजोड़ (Amarinder Singh and BJP Alliance) करने की बात कही है। वैसे अभी तक इस मुद्दे पर भाजपा का पक्ष स्पष्ट नहीं हो सका है। यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है। 

(फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

नई पार्टी के साथ जुड़ा रहेगा कांग्रेस शब्द

कैप्टन के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि वे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की तर्ज पर पंजाब में नई पार्टी का गठन करना चाहते हैं। उनकी नई पार्टी के साथ कांग्रेस का नाम जुड़ा रहेगा। तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरह कैप्टन भी अपनी पार्टी के नाम के साथ कांग्रेस शब्द जरूर जोड़ना चाहते हैं। अपने 52 साल के सियासी जीवन में यह कैप्टन के लिए दूसरा मौका होगा जब वे नए राजनीतिक दल का गठन करेंगे।

इससे पहले उन्होंने 1992 में शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर शिरोमणि अकाली दल (पंथक) पार्टी का गठन किया था मगर उस समय उनका नया सियासी दल बनाने का अनुभव काफी कटु रहा था। बाद में उन्होंने कांग्रेस पार्टी में वापसी कर ली थी और उसके बाद वे दो बार प्रदेश अध्यक्ष और दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

अब कैप्टन के लिए आगे की सियासी राह भी काफी मुश्किलों भरी होगी। उन्हें अपने दम पर सियासी ताकत दिखानी होगी। पंजाब में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं और कैप्टन के पास ज्यादा समय नहीं बचा है। पंजाब में कांग्रेस, अकाली दल और आप ने पूरी ताकत लगा रखी है। ऐसे में अपनी पार्टी के लिए जगह बनाने के मामले में कैप्टन को काफी संघर्ष करना होगा। अब हर किसी की नजर कैप्टन की आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी है कि कैप्टन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बड़ा एलान करते हैं। 

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