Punjab Politics: पंजाब कांग्रेस में बढ़ी तकरार, डिप्टी सीएम और मंत्री का सिद्धू पर बड़ा हमला, रंधावा की गृह मंत्रालय छोड़ने की पेशकश
Punjab Politics: रंधावा के अलावा प्रदेश के एक और मंत्री भारत भूषण आशु ने भी सिद्धू के काम करने के अंदाज पर नाराजगी जताई है।
Punjab Politics: पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की ओर से लगातार अपनी ही सरकार पर हमले किए जाने से पार्टी में घमासान काफी तेज हो गया है। ड्रग्स केस में अकाली दल के नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की अभी तक गिरफ्तारी न हो पाने पर सिद्धू अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं। इस मामले को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए जाने से प्रदेश के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (sukhjinder singh randhawa) ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सिद्धू को अति महत्वाकांक्षी बताते हुए गृह मंत्रालय छोड़ने तक की पेशकश कर डाली है।
रंधावा के अलावा प्रदेश के एक और मंत्री भारत भूषण आशु (bharat bhushan ashu minister) ने भी सिद्धू के काम करने के अंदाज पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सिद्धू पंजाब में अपना मॉडल लागू करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि यहां कांग्रेस मॉडल ही चलेगा। उन्होंने सिद्धू को कांग्रेस का कल्चर सीखने की भी नसीहत दी। दरअसल सिद्धू का काम करने का अंदाज कांग्रेस के कई नेताओं को पसंद नहीं आ रहा है। वे अपने तरीके से काम करने की कोशिश में जुटे हुए हैं जबकि कांग्रेस के दूसरे नेता पार्टी लाइन पर चलने की बात कह रहे हैं।
सिद्धू के बयानों से गलत संदेश
पंजाब की सियासत में ड्रग्स केस हमेशा बड़ा मुद्दा रहा है और सिद्धू इस मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं। पिछले दिनों प्रदेश की चन्नी सरकार की ओर से ड्रग्स केस में अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था मगर अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसे लेकर सिद्धू ने अपने ही सरकार पर सवाल उठाए हैं। सिद्धू के सवालों का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम रंधावा ने कहा कि कानून के मुताबिक ही मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस दर्ज किया गया है।
रंधावा ने कहा कि सिद्धू की ओर से जगह-जगह बयान दिया जा रहा है कि मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस उन्हीं की बदौलत दर्ज किया गया है। सिद्धू के बयानों से लोगों के बीच बदला लेने की भावना का संदेश जा रहा है। सिद्धू को इस मामले में कानून को अपना काम करने देना चाहिए। इस मामले में कानून के मुताबिक ही कार्रवाई की जाएगी। सिद्धू मुझे गृह मंत्रालय सौंपे जाने से नाराज चल रहे हैं। इसलिए मैं यह मंत्रालय छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।
चन्नी को ही बताया पार्टी का दूल्हा
सिद्धू की ओर से कांग्रेस के दूल्हे का नाम घोषित किए जाने की मांग पर भी रंधावा ने अप्रत्यक्ष रूप से नाराजगी जताई। रंधावा ने कहा कि सभी को यह समझ लेना चाहिए कि फिलहाल कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ही दूल्हा हैं और आगे का फैसला विधायकों की बैठक में ही किया जाएगा। कांग्रेस में पहले से ही किसी का नाम घोषित करने की कोई परंपरा नहीं रही है।
रंधावा ने कहा कि सिद्धू को यह समझना चाहिए कि पार्टी की ताकत ज्यादा बड़ी होती है और पार्टी के प्रधान का रुतबा सीएम से ज्यादा होता है। उन्होंने सिद्धू को अति महत्वाकांक्षी बताते हुए यहां तक कहा कि उन्हें कांग्रेस का कल्चर सीखने की जरूरत है।
नाम घोषित करने पर भी जताई आपत्ति
रंधावा ने सिद्धू की ओर से कांग्रेस की सभाओं में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सभाओं के दौरान मंचों से पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की जाती है बल्कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में नाम तय किए जाते हैं। उसके बाद हाईकमान की ओर से प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाई जाती है। ऐसे में सिद्धू को कांग्रेस की संस्कृति के हिसाब से ही काम करना चाहिए।
एक और मंत्री ने सिद्धू को घेरा
रंधावा के अलावा राज्य के एक और मंत्री भारत भूषण आशु ने भी सिद्धू पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सिद्धू उल्टे सीधे बयान देकर अपनी ही सरकार के लिए संकट खड़ा कर रहे हैं। आशु ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री 18-18 घंटे काम करके राज्य की व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर सिद्धू अपनी ही सरकार पर हमला करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू की ओर से सवाल खड़े किए जाने के कारण राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे सारे प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे हैं।
पार्टी पसंद नहीं तो दे दें इस्तीफा
उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि सिद्धू कांग्रेस का कल्चर सीखें। यदि उन्हें पार्टी में सबकुछ खराब लग रहा है तो ऐसे में उन्हें पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने पार्टी हाईकमान से भी मांग की कि सिद्धू को पार्टी की नीतियों के हिसाब से काम करने का निर्देश जारी किया जाए। राज्य के एक और मंत्री राणा गुरजीत भी सिद्धू के काम करने के अंदाज पर सवाल खड़े कर चुके हैं। मंत्रियों के बयान से साफ हो गया है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घमासान लगातार तेज होता जा रहा है।