Punjab Politics: पंजाब में बिजली संकट बना बड़ा मुद्दा, सिद्धू के बाद विपक्ष और भाकियू ने भी कैप्टन को घेरा
Punjab Politics: कैप्टन से असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से बिजली संकट पर कैप्टन को घेरने के बाद अब विपक्ष ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Punjab Politics: पंजाब में व्याप्त बिजली संकट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। भीषण गर्मी के बीच धान रोपाई के सीजन में राज्य में बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा है और इसे लेकर आम लोगों के साथ ही किसानों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है। बिजली की मांग में जबर्दस्त बढ़ोतरी के कारण राज्य के कई इलाकों में लोगों को कटौती का सामना करना पड़ रहा है और इसे लेकर कैप्टन सरकार से नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है।
कैप्टन से असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से बिजली संकट पर कैप्टन को घेरने के बाद अब विपक्ष ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।लोगों की बढ़ती नाराजगी के बीच कैप्टन ने अकाली दल भाजपा सरकार की ओर से किए गए बिजली खरीद समझौतों की समीक्षा की बात कही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समझौते राज्य पर वित्तीय बोझ बन चुके हैं और इसके लिए जल्द ही कानूनी रणनीति अपनाई जाएगी।
बादल सरकार की नीति पर चल रही सरकार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका से मुलाकात के बाद दो दिनों तक चुप्पी साधने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में बिजली संकट को लेकर कैप्टन पर बड़ा हमला बोला था। उनका कहना था की कैप्टन सरकार राज्य को बिजली संकट से निजात नहीं दिला पा रही है। सिद्धू के मुताबिक पूर्व की बादल सरकार ने तीन कंपनियों से बिजली खरीद की बात तय की थी और पिछले साल तक पंजाब सरकार उन्हीं से बिजली लेती आ रही थी। उन्होंने कहा कि बिजली संकट दूर करने के लिए पंजाब को नेशनल ग्रिड से बिजली लेनी चाहिए क्योंकि तभी पंजाब को सस्ती बिजली मिल सकेगी।
मायावती का कैप्टन पर बड़ा हमला
बिजली संकट को लेकर अकाली दल, बसपा, भाजपा और आप ने भी कैप्टन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में बिजली के गंभीर संकट के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। इसके साथ ही उद्योग धंधों और किसानों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
मायावती ने कहा कि इससे साफ है कि राज्य की कांग्रेस सरकार आपसी गुटबाजी और खींचतान में ही लगी है और जनहित से जुड़े हुए मुद्दों की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार बिजली संकट दूर करने में नाकाम साबित हुई है। ऐसे में राज्य के लोगों को अकाली दल और बसपा गठबंधन को राज्य की सत्ता में आने का मौका देना चाहिए।
अकाली दल-बसपा का पूरे प्रदेश में प्रदर्शन
बिजली संकट के खिलाफ अकाली दल-बसपा गठबंधन ने शुक्रवार को राज्य भर में प्रदर्शन किया था। लुधियाना और पठानकोट सहित राज्य के विभिन्न शहरों में अकाली और बसपा कार्यकर्ताओं ने घेराव और प्रदर्शन किया और राज्य सरकार से बिजली की कटौती बंद करने की मांग की। भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से भी प्रदर्शन किया गया। लुधियाना में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिजली दफ्तर घेरकर काफी देर तक नारेबाजी की।
किसानों ने भी खोला मोर्चा
बिजली संकट से परेशान किसानों ने भाकियू के बैनर तले राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों की ओर से जालंधर-लुधियाना राजमार्ग पर जाम लगाकर विरोध जताया गया। भाकिये ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की ओर से धान रोपाई के सीजन में आठ घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। राज्य सरकार को जल्द से जल्द किसानों की दिक्कत दूर करनी चाहिए।
पुलिस से भिड़े आप कार्यकर्ता
राज्य में बिजली संकट को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए हैं। शनिवार को आप कार्यकर्ताओं ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का आवास घेरने की कोशिश की। इस दौरान आप कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश करने वाले आप कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। पुलिस ने आप सांसद भगवंत मान और विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा समेत पार्टी के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। बाद में देर शाम आप नेताओं को रिहा किया गया।
बिजली खरीद समझौतों की होगी समीक्षा
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष ने बिजली कटौती को बड़ा मुद्दा बना लिया है और यह कैप्टन सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। यही कारण है कि कैप्टन ने लोगों से बिजली का कम इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है।
इसके साथ ही उन्होंने पूर्व की बादल सरकार की ओर से बिजली खरीद समझौतों की समीक्षा का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इन समझौतों से निपटने के लिए राज्य सरकार कानूनी रणनीति अपनाएगी ताकि पंजाब को जल्द से जल्द बिजली संकट से निजात दिलाई जा सके।