किरोड़ी लाल मीणा ने खत्म किया धरना, अब राहुल गांधी की यात्रा में नहीं होगी कोई परेशानी...
Bharat Jodo Yatra in Rajasthan: भारत जोड़ो यात्रा के बीच राहुल गाँधी के टैंट में धरने और अनशन पर बैठे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की बात मान कर राहुल गाँधी और अशोक गहलोत ने चुनौती को स्वीकार कर लिया है और मुलाकात की तारीख 19 और 20 दिसम्बर तय की है.
Bharat Jodo Yatra in Rajasthan: राजस्थान की राजनीति में भूचाल कब आ जाए ये कहना बड़ा मुश्किल हो जाता है विशेषतः तब जब चुनाव की आंधी आती हुई दिखाई देने लगे. वैसे भी राजनीति में कहाँ ही कुछ स्थायी रहा है। नेता दल बदल लेते हैं, राजनेता के दांव सत्ता बदल देते हैं, मुद्दों की रजनीति होती है तो भी बोलबाला और नहीं होती है तो भी जनता का ध्यान खींचने में माहिर होते हैं। इस बार राजनैतिक दांव खेला किरोड़ी लाल मीणा ने. वो भी पूरे राष्ट्र में चर्चित राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर.
अलवर में होगा भारत जोड़ो यात्रा का अगला पड़ाव:
राजस्थान के अलवर में जहाँ भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी का अगला पड़ाव आने वाला है वहीं धरने पर बैठे भाजपा के वरिष्ट नेता और राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा। भारत जोड़ो यात्रा के बीच जनता की मांगों को और राज्य की चरमराती कानून व्यवस्था का मुद्दा लेकर धरना कर रहे किरोड़ीलाल मीणा ने अपने ही तरीके से अपनी बात रखने की ठानी. जिसके तहत उन्होंने अपने समर्थकों के साथ राहुल गांधी के विश्राम टैंट पर कब्ज़ा कर लिया. इसके बाद सकते में आई ब्यूरोक्रेसी वहां मीणा को समझाने पहुंची. मीणा ने प्रशासन के सामने राहुल गांधी से मिलने की शर्त रख दी. जिसको एक बार तो सभी नहीं मन कर दिया पर जब मामला बिगड़ता दिखाई दिया तो बात ऊपर तक पहुंचाई गयी. राहुल गांधी से मिलने की जिद करने वाले मीणा की मनसा जब सीएम गहलोत और राहुल गांधी तक पहुंचाई गयी तब वहां भी चर्चा का दौर शुरू हो गया और इस बात पर जल्द निर्णय लेने की स्थिति बनाई गयी.
फिर राहुल गांधी और अशोक गहलोत का फैसला आया अधिकारियों के पास. अलवर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक किरोड़ी लाल मीणा को समझाने गए और उनसे कहा कि उनकी राहुल गांधी से मिलने वाली बात मान ली गयी है तब मीणा और उनके समर्थकों ने सहयोग का आश्वासन दिया. कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों ने मीणा को कहा कि वो राहुल गांधी और अशोक गहलोत दोनों से मिल पाएंगे और अपनी मांगे और समस्याएं उनके सामने रख पाएंगे पर उन्हें अभी ये धरना और अनशन ख़त्म करना होगा. मीणा ने उनकी बात मानते हुए अपनी समर्थकों से लौट जाने को कहा. शांत माहौल में मिलने की बात से मीणा भी सहमत नज़र आए.
राहुल गांधी से किरोड़ी मीणा की मुलाकात के कई मायने:
क्रमशः 19 और 20 दिसंबर को राहुल गांधी से मिलने की योजना है और अगर उनकी मांगें ना मानी गयी तो किरोड़ीलाल मीणा ने न्याय यात्रा निकालने की बात कही हैं। न्याय यात्रा के स्वरूप पर किरोड़ीलाल मीना ने अभी कुछ भी नहीं कहा है। भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में आने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी प्रत्यक्ष विरोध का सामना करते हुए राहुल गांधी को किसी पक्षकार से सीधे सम्वाद करना पड़ रहा है। इस पूरी घटनाक्रम को किरोड़ीलाल मीणा की जीत कहा रहा है वहीं काँग्रेस की कूटनीति भी इसें विजयी होती दिखाई दे रही है। राहुल गांधी से मीणा की मुलाकात के भी अब कई मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीति के विद्वानों की माने तो कांग्रेस ने यात्रा में पड़ने वाले खलल को तो दूर करने का निर्णय कर ही लिया है. साथ ही राजनैतिक हलकों में भी सादगी और चुनौतियों से लड़ने की छवि की चर्चा भी बढ़ा दी है. एक तीर से कई शिकार करती कांग्रेस इस दांव से कितने निशाने साधती है ये देखना और भी रोमांचक होगा.
अगर किरोड़ी लाल मीणा राहुल गाँधी और गहलोत से मिल कर संतुष्ट हो जाते हैं तो ये अपने आप में राहुल गांधी की जीत जैसा नज़ारा होगा. पर ऐसा होने की सम्भावना कम ही नज़र आ रही है और अगर ऐसा नहीं होता है तो मीणा का अगला दांव जिसे उन्होंने न्याय यात्रा का नाम दिया है वो किस तरह की यात्रा होगी, उसका स्वरूप क्या होगा, वो यात्रा, भारत जोड़ो यात्रा में कैसे अवरोध डालेगी ये भी राजनैतिक विद्वानों के रहस्य है और आम जनता के लिए भी.