Iftar politics in Rajasthan: CM की इफ्तार दावत का निमंत्रण लेकर जाएंगे सरकारी अधिकारी, गहलोत सरकार का फरमान
Iftar politics in Rajasthan: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के आदेश में मुख्यमंत्री की रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए निमंत्रण देने का काम सरकारी अधिकारियों को सौंपा गया है।
Iftar politics in Rajasthan: इन दिनों इस्लामिक कैंलेंडर का पवित्र महीना रमजान चल रहा है। इसी के साथ देश में सियासी रोजा इफ्तार पार्टी का दौर चल पड़ा है। बीजेपी (BJP) को छोड़कर लगभग विपक्ष के तमाम बड़े नेता इफ्तार पार्टी का या तो आयोजन कर रहे हैं या उनमें शरीक हो रहे हैं। कुछ का कार्यक्रम अगले कुछ दिनों में प्रस्तावित है। इसी क्रम में राजस्थान सरकार भी राज्य के मुस्लिम नेताओं के लिए रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रही है। इस संबंध में अशोक गहलोत सरकार (ashok gehlot government) द्वारा जारी किए गए एक फरमान की खुब चर्चा हो रही है।
इफ्तार पार्टी का निमंत्रण देने का काम सरकारी अधिकारियों को सौंपा
राजस्थान की कांग्रेस सरकार (Rajasthan Congress Government) के इस अनूठे आदेश में मुख्यमंत्री की रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए निमंत्रण देने का काम सरकारी अधिकारियों को सौंपा गया है। मंत्रिमंडल सचिवालय से जारी आदेश में जिलाधिकारियों से कहा गया है कि जिलों में बैठे अफसर सीएम की रोजा इफ्तार दावत का न्यौता गांव में बैठे मुस्लिम नेताओं को उनके घर जाकर दें। कल यानि शनिवार 23 अप्रैल को ये आयोजन प्रस्तावित है।
जिलाधिकारियों को सरकार का फरमान
गहलोत सरकार (ashok gehlot government) का ये फरमान 19 अप्रैल को मंत्रिमंडल सचिवालय से जिलाधिकारियों के नाम जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया कि सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) 23 अप्रैल को सिविल लाइंस में रोजा इफ्तार की दावत का आयोजन कर रहे हैं। जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने मुस्लिम नेताओं की एक सूची सहित संदेश वाहक को जयपुर भिजवाएं, जो सचिवालय से मुख्यमंत्री की इफ्तार दावत के निमंत्रण प्राप्त करे। गहलोत सरकार के इस आदेश पर काफी बातें भी होने लगी है। जानकारों का मानना है कि ये संभवतः पहला मौका है जब सरकारी अधिकारियों को इस तरह का काम सौंपा गया है। इफ्तार दावत पहले भी होते रहे हैं लेकिन तब मुस्लिम नेताओं को फोन कर निमंत्रण दिया जाता था।
जिलाधिकारी ने तहसीलदारों को दिया जिम्मा
जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के इफ्तार पार्टी का निमंत्रण अपने इलाके के मुस्लिम नेताओं तक पहुंचाने का जिम्मा तहसीलदारों को सौंप दिया है। इसके लिए बकायदा लिखित में आदेश जारी किया गया है। तहसीलदारों को कहा गया है कि निमंत्रण पत्र प्राप्त करने के बाद वह विशेष संदेश वाहक के जरिए इन्हें संबधित मुस्लिम नेताओं तक पहुंचाएं। गहलोत सरकार ने अपने इस आय़ोजन से उन मुस्लिम नेताओं को दूर रखा है जो बीजेपी से संबंध रखते हैं। इनमें अधिकतर कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम नेता ही शामिल हो रहे हैं।
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