Kappa Variant: राजस्थान में कप्पा वैरिएंट की एंट्री, 11 मरीज मिले, कैसे करें बचाव

Kappa Variant: राजस्थान में अब तक कप्पा वैरिएंट के 11 मरीज मिल चुके हैं। जिसमें 4-4 अलवर और जयपुर से हैं जबकि 2 मरीज बाड़मेर और एक भीलवाड़ा में मिला है।

Report :  Ashish Lata
Published By :  Shivani
Update:2021-07-14 09:09 IST

क्या राजनितिक पार्टियां करेंगी कोरोना नियमों का पालन (File Photo) (Photo- Social Media)

Kappa Variant: राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही थी, लेकिन मंगलवार को राज्य में कोरोना के नए वेरिएंट कप्पा ने दस्तक दी। जहां प्रदेश में कप्पा वेरिएंट के 11 मरीज राज्य में मिले हैं, जिससे चिकित्सा विभाग में मानों हड़कंप मच गया।

जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में अब तक कप्पा वैरिएंट के 11 मरीज मिल चुके हैं। जिसमें 4-4 अलवर और जयपुर से हैं जबकि 2 मरीज बाड़मेर और एक भीलवाड़ा में मिला है। 9 मरीजों में दिल्ली स्थित आईजीआईबी लेब व 2 मरीजों में कप्पा वेरिएंट की पुष्टि एसएमएस स्थित जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन से प्राप्त हुई। कप्पा वेरिएंट के मरीज मिलने के बाद राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। हालांकि कप्पा वेरिएंट कोरोना की डेल्टा वेरिएंट की तुलना में मध्यम है। मंगलवार को प्रदेश से कोविड-19 संक्रमण के महज 28 मामले देखने को मिले हैं और एक भी मरीज की मौत बीते 24 घंटों में दर्ज नहीं की गई है।

राजस्थान में कोरोना का आंकड़ाः

बात करें रिकर्वड मरीज की तो मंगलवार को 76 मरीज रिकवर्ड हुए हैं। एक्टिव केस की संख्या घटकर 613 रह गई है। वही, प्रदेश में अब तक 8,945 कुल मरीज इस बीमारी से दम तोड़ चुके हैं। कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 9,53,187 पहुंच गया है।


प्रदेश के 25 जिलों से मंगलवार को संक्रमण का एक भी मामला देखने को नहीं मिला है। जिसमें अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरु, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, करौली, कोटा, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सिरोही और टोंक जिला शामिल है।

भारत में पहला कप्पा वैरिएंट का मरीज

बता दें कि कोरोना का कप्पा वैरिएंट (बी.1.167.1) पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में पाया गया था। यह कोरोना वायरस का एक डबल म्यूटेंट स्ट्रेन है। ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कप्पा वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ने की खबर है। इसकी जटिल प्रकृति को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इसे "वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" के रूप में वर्गीकृत किया है।

कप्पा वैरिएंट क्या है (Kappa Variant Kya hai)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के स्ट्रेन का नाम ग्रीक अल्फाबेटिकल लेबल्स (Greek alphabetical labels) पर रखा है। इस कड़ी में भारत में कोरोना वायरस के वैरिएंट स्ट्रेन का नाम डेल्टा और कप्पा पर रखा जाता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट ( जो अन्य की तुलना में 60 फीसदी अधिक संक्रामक है) को बी.1.617.2 स्ट्रेन कहा जाता है। वहीं, कप्पा वेरिएंट को बी.1.617.1 का कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्ट्रेन की पहचान पिछले साल हुई थी।


कप्पा वैरिएंट के लक्षण (Kappa Variant Symptoms)

डेल्टा प्लस वैरिएंट की तरह कप्पा वैरिएंट में भी संक्रमितों में खांसी, बुखार, दस्त, स्वाद चला जाना, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। हालांकि, यह अलक्षणी (म्यूटेंट्स) भी हो सकते हैं। इसके लिए मामूली लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से सलाह लें। कप्पा वैरिएंट को लेकर कई शोध किए जा रहे हैं।

कप्पा वैरिएंट से बचाव (Kappa Variant Se Bachav)

कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रमुखता मास्क, दो गज की दूरी और साफ सफाई हैं।

अनावश्यक घर से बाहर न निकलें।

किसी कारणवश घर से बाहर निकलते हैं, तो सर्जिकल मास्क पहनकर निकलें।

शारीरिक दूरी का पालन करें। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

इम्यून सिस्टम मजबूत करने पर विशेष ध्यान दें।

अपनी बारी आने पर कोरोना वैक्सीन जरूर लगवाएं।

कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट कर जांच करा लें।

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