Rajya Sabha Election: राजस्थान में कई विधायकों ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता,अपनों की नाराजगी से फंसी तीसरी सीट

Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस खेमे से जुड़े कुछ विधायकों की नाराजगी ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-06-03 17:46 GMT

Rajya Sabha Election 2022

Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस खेमे से जुड़े कुछ विधायकों की नाराजगी ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इन विधायकों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया। कांग्रेस की ओर से राज्य में पार्टी के तीनों प्रत्याशियों की जीत का दावा तो किया जा रहा है मगर हकीकत में यह उतना आसान नहीं लग रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस नेता और खासकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी के सभी विधायकों को उदयपुर के होटल जुटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। 

कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि अभी तक उदयपुर स्थित होटल में 90 विधायक ही पहुंचे हैं। इससे साफ है कि अभी तक कई विधायक लुकाछिपी का खेल खेल रहे हैं और यही कांग्रेस नेतृत्व की चिंता का बड़ा विषय बन गया है। इसके साथ ही माकपा और बीटीपी के दो-दो और एक निर्दलीय विधायक ने भी अपना रुख अभी तक स्पष्ट नहीं किया है। राजस्थान में कांग्रेस के दो राज्यसभा प्रत्याशियों की जीत तो तय है मगर तीसरी सीट फंसी हुई है।

मंत्री ने ही गहलोत को घेरा 

राजस्थान के सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ाने वाला बयान दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में गुढ़ा को बसपा के टिकट पर कामयाबी मिली थी। 2019 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उनके साथ बसपा के पांच अन्य विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। गुढ़ा ने शुक्रवार को कहा कि बसपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले छह विधायकों को वह सम्मान नहीं मिला जिसके कि वे हकदार थे। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया में बोलते तो बहुत हैं मगर उन्होंने कभी हमारी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया। गहलोत को कभी हमारे साथ बैठने की फुर्सत ही नहीं मिली। उन्होंने कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन पर भी निशाना साधा। गुढ़ा ने कहा कि माकन ओर से किए गए कोई भी वादे पूरे नहीं किए गए। 

विधायकों को होटल में बंद करना अनुचित 

उन्होंने विधायकों को उदयपुर के होटल में कैद किए जाने के कदम को भी अनुचित बताया। गुढ़ा कांग्रेस और मुख्यमंत्री गहलोत से नाराज बताए जा रहे हैं। गुढ़ा के साथ कांग्रेस में शामिल होने वाले वाजिज अली ने भी कांग्रेस के रवैए पर नाराजगी जताई है। वे कांग्रेस का दामन थामने वाले पांच अन्य विधायकों के साथ अभी तक होटल में नहीं पहुंचे हैं और उनका यह रुख कांग्रेश की चिंता बढ़ाने वाला है। 

होटल न पहुंचने वाले विधायकों पर निगाह 

राजस्थान में कांग्रेस ने अपने विधायकों को उदयपुर स्थित एक होटल में शिफ्ट कर दिया है मगर अभी तक पार्टी के सारे विधायक इस होटल में नहीं पहुंचे हैं। उदयपुर स्थित होटल में पहुंचने वाले कांग्रेस विधायकों की संख्या 90 बताई जा रही है। राज्यसभा चुनाव की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री गहलोत अन्य विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि होटल में न पहुंचने वाले विधायकों पर निगाह रखी जा रही है ताकि भाजपा की ओर से उन्हें तोड़े जाने की कोई कोशिश न की जा सके।

राजस्थान में निर्दलीय विधायकों की संख्या 13 है और सूत्रों के मुताबिक बलजीत यादव को छोड़कर सभी निर्दलीय विधायक उदयपुर पहुंच चुके हैं। बीटीपी और सीपीएम के 2-2 विधायकों का रुख अभी तक साफ नहीं हो सका है। कांग्रेस की ओर से इन विधायकों का समर्थन हासिल करने की जी तोड़ कोशिश की जा रही है। 

गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी 

राजस्थान का राज्यसभा चुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। राज्य की 4 सीटों पर 5 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस की दो सीट पक्की मानी जा रही है मगर तीसरी वरीयता पर होने के कारण प्रमोद तिवारी की सीट फ॔स गई है। 

दूसरी ओर भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सुभाष चंद्रा भी चुनाव मैदान में उतर गए हैं। सुभाष चंद्रा का चुनाव मैदान में उतरना ही कांग्रेस की मुसीबत का बड़ा कारण बनता नजर आ रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री गहलोत इस अग्निपरीक्षा में पास हो पाते हैं या नहीं।

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