पायलट-गहलोत में समझौते के आसार, इन सूत्रों से जल्द खत्म हो सकता है सियासी दंगल
राजस्थान में सियासी दंगल सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जोर पकड़ता जा रहा है।
जयपुर: राजस्थान में सियासी दंगल लगातार जारी है। ये सियासी दंगल सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जोर पकड़ता जा रहा है। इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच विवाद को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का पुनर्गठन करेगा। इसमे ये कमेटी जल्द ही अपना काम शुरू करेगी और कई महीनों से रूकी पड़ी सचिन पायलट की शिकायतों पर भी सुनवाई शुरू होगी।
ऐसे में बताया जा रहा है कि नाराज पायलट खेमे को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में 25 हज़ार से ज़्यादा राजनीतिक नियुक्तियां करने का कार्यक्रम जून महीने में शुरू करने जा रहे हैं।
साथ ही ये भी माना जा रहा है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों से कांग्रेस आलाकमान भी बातचीत करेगा। जबकि सचिन पायलट को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने समस्या का हल निकालने का भरोसा दिया है और चुप रहने के लिए भी कहा है। जिसके चलते वे इस बीच बिल्कुल खामोश हैं।
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समझौेते का ये सूत्र
सबसे पहला तो ये कि सचिन पायलट कांग्रेस छोड़कर भाजपा(BJP) में शामिल नहीं होना चाहते हैं। लेकिन वे ये जरूर चाहते हैं कि कांग्रेस में उनका सम्मानजनक स्थान हो।
ऐसे में उन्होंने यह साफ़ कर दिया है कि वो दोबारा से अब राजस्थान में उपमुख्यमंत्री का पद नहीं हासिल करना चाहते हैं और सीएम अशोक गहलोत के नीचे काम भी नहीं करना चाहते हैं।
अब अगर उनके खेमे के 5-6 मंत्री बना दिए जाते हैं तो वह दिल्ली में कांग्रेस की राजनीति में जा सकते हैं। वो भी इस शर्त के साथ कि वह राजस्थान की राजनीति नहीं छोड़ेंगे। जिसके चलते सचिन पायलट को राजीव सातव की जगह गुजरात का प्रभारी भी बनाया जा सकता है।
इसके साथ ही सचिन पायलट 2022 में मुख्यमंत्री का पद देने की मांग रख सकते हैं। और अब इसके लिए कांग्रेस आलाकमान तैयार होता है तो वह अशोक गहलोत को फ़्री हैंड देकर सीएम के रूप में काम करने के लिए छोड़ सकते हैं। ऐसे ही सूत्रों को सचिन पायलट ने गुंथ रखा है, जिस पर अडिग हैं।