Bharat Jodo Yatra Rajasthan: सीएम गहलोत की अग्निपरीक्षा!, राजस्थान राजनीति के बेहद महत्वपूर्ण 15 दिन
Bharat Jodo Yatra Rajasthan: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है, यात्रा के स्वागत करने की तैयारी की जा रही है।
Bharat Jodo Yatra Rajasthan: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है, यात्रा के स्वागत करने की तैयारी की जा रही है। सरकार के स्तर पर गुपचुप तरीके से आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को सब कुछ मैनेज करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पुलिस ने अपना काम सोमवार से ही शुरू कर दिया है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इस यात्रा के लिए करीब 4000 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी तय की है। यात्रा दिसम्बर महीने के पहले हफ्ते में राजस्थान में एंट्री करेगी। लेकिन उससे एक हफ्ते पहले ही यात्रा को लेकर जो तैयारियां की जानी है उसकी कई बार रिहर्सल की जा रही है। सबसे बड़ी बात इस यात्रा के लिए रूट मैप तैयार कर लिया गया है और वह रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने पेश किया जाएगा। यह रूट मैप किस तरह से होगा इसकी जानकारी यहां दी जा रही है। चलिए समझिए राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान की राजनीति के लिए कितनी महत्वपूर्ण साबित होगी.
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा का रूट
राहुल गांधी राजस्थान में करीब 15 दिन रहने वाले हैं । 3 दिसंबर को वह राजस्थान में झालावाड़ जिले से एंट्री करेंगे। सबसे पहले झालावाड़ के चावली में संजय दागी नाम के किसान के खेत में रात्रि विश्राम करेंगे। उसके बाद काली तलाई क्षेत्र से अगली सुबह यानी 4 तारीख को यात्रा का शुभारंभ करेंगे। फिर झालरापाटन, देवरी, घटा खेड़ी चौराहा, होते हुए पहले दिन करीब 16 किलोमीटर का उनका रन रहेगा। इस दौरान करीब 8 जगह गांधी और उनकी टीम रुकेगी। उसके बाद अगली तारीख को दरा स्टेशन पर गणेश मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद वे लोग फिर से रवाना होंगे। अगले दिन चार जगह स्टॉपेज होगा और करीब 16 से 17 किलोमीटर की यात्रा का रन होगा।
इन जिलों से गुजरेगी यात्रा
इस यात्रा की शुरुआत राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के गृह जिले झालावाड़ से शुरू होने के बाद दौसा जिले में एंट्री होगी। उसके बाद सवाई माधोपुर जिले में 1 दिन का रन होगा। सवाई माधोपुर के बाद अगला स्टॉपेज दौसा जिले से होते हुए अलवर जिला होगा। राहुल गांधी की यात्रा दौसा, सवाई माधोपुर, झालावाड़, जयपुर समेत कई जिलों से होकर निकलेगी। यात्रा का सबसे बड़ा रूट सवाई माधोपुर और दौसा जिला रखा गया है। दौसा और सवाई माधोपुर में राहुल गांधी करीब 4 से 5 दिन अलग-अलग जगहों पर रुकेंगे और मीणा समाज, कोली समाज एवं अन्य समाज के लोगों के घर उनका लंच एवं डिनर रखा गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री उनके साथ रहेंगे। यात्रा का राजस्थान में अलग-अलग जगह पर बड़े स्तर पर स्वागत करने की भी तैयारी की जा रही है।
राहुल का रूट होने वाला है बड़ा ही चैलेंजिंग
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी के लिए सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर का जो रूट है वह बेहद चैलेंजिंग रहने वाला है। इसी रूट पर गुर्जर नेताओं ने भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की चेतावनी दी है। इसके अलावा जो भी रूट रखा गया है उस रूट में 16 जगह है ऐसी है जहां पर उन्हें मीणा और गुर्जर बहुल इलाके से होकर गुजरना पड़ेगा।
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा आने से पहले के समीकरण
सीधे शब्दों में बात करें तो राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री से पहले पार्टी नेताओं के बयानों के चलते रायता और ज्यादा फैलता जा रहा हैं। कोई किसी को गद्दार बता रहा है। कोई कह रहा है अपने शब्दों पर ध्यान दें तो कोई तो सीधे सीधे ही धमका रहा है कि यात्रा को यहां से गुजरने नहीं देंगे। इस बयानबाजी और असमंजस के हालात के बीच अब भारत जोड़ो यात्रा का रुट और राजस्थान में हो सकने वाली संभावनाओं और असंभावनाओं कां जांचन के लिए कांग्रेस सरकार के एक बड़े नेता को राजस्थान आना पड़ रहा हैं बताया जा रहा है कि वे अगले सप्ताह की शुरुआत में ही राजस्थान आ जाएंगें। पार्टी नेताओं के साथ उस रुट की जांच करेंगे जिस रुट से भारत जोड़ो यात्रा निकाली जाएगी। राहुल गांधी खुद इस नेता को राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा से पहले भेज रहे हैं।
दरअसल राजस्थान में अचानक फिर से नेताओं ने बिना सोचे समझे जुबान खोलना शुरु कर दिया है। गढ़े मुर्दे उखाड़कर बाहर लाने लगे हैं। फूट जमकर सामने आने लगी है। माहौल ऐसा हो गया है कि मानों सबको भारत जोड़ो यात्रा से पहले ही अपने सारे पुराने काम निपटाने हों... इन सभी विवादों के बीच अब के सी वेणुगोपाल अगले सप्ताह राजस्थान आ रहे हैं। सभी तरह के विवादों को निपटाने और ये सब देखने के लिए यात्रा का रूट सही है या नहीं। चर्चा यहां तक कि वेणुगोपाल को अगर रुट सही नहीं लगा तो वे यात्रा का रुट तक बदल सकते हैं। इसलिए उन्हें भेजा जा रहा हैं। इसे लेकर अब पार्टी के दिग्गज नेताओं ने भी तैयारी शुरु कर दी है। वेणुगोपाल से पहले ये काम अजय माकन करते रहे हैं, लेकिन अब वे अपना इस्तीफा आलाकमान को सौंप चुके हैं और वे राजस्थान प्रभारी के पद से मुक्त होना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक में हो बवाल हुआ था इस बवाल के बाद भी सीएम अशोक गहलोत का कुछ नहीं बिगड़ा हैं। आलाकमान ने तीन कांग्रेसी नेताओं को जरुर नोटिए दिए हैं लेकिन उस पर भी कार्रवाई नहीं है। इस बीच अजय मकान ने भी अपने राजस्थान प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। उधर पायलेट गुट चाहता है कि उन्हें सीएम बना दिया जाए और गहलोत गुट के नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अब इन्हीं सब कशमकश के बीच राहुल गांधी राजस्थान आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार कुछ न कुछ बड़ा होना वाला है।