Rajasthan BJP: सीएम चेहरे का मामला उलझा, वसुंधरा की दावेदारी पर शाह ने नहीं खोले पत्ते

Rajasthan BJP: वसुंधरा ने इशारों में अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश की। हालांकि शाह ने अपने संबोधन के दौरान इस ओर कोई इशारा नहीं किया।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-09-11 06:43 GMT

vasundhara raje (Social Media)

Rajasthan BJP: राजस्थान भाजपा में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर खींचतान बढ़ती जा रही है मगर इसे लेकर पैदा हुआ सस्पेंस अभी तक खत्म नहीं हो सका है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी राजस्थान यात्रा के दौरान इस रहस्य से पर्दा नहीं हटाया। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लगातार अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने में जुटी हुई हैं। शाह की मौजूदगी में जोधपुर में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान वसुंधरा ने इशारों में अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश की। हालांकि शाह ने अपने संबोधन के दौरान इस ओर कोई इशारा नहीं किया।

राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं मगर उससे पहले भाजपा पार्टी नेताओं के आपसी दांवपेच में ही उलझी हुई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया का गुट अपनी अलग सियासी चालें चलने में जुटा हुआ है। पूनिया और वसुंधरा को पटखनी देने के लिए शेखावत और अर्जुन मेघवाल ने लामबंदी कर ली है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तमाम कोशिशों के बावजूद राजस्थान में पार्टी नेताओं की गुटबाजी अभी तक खत्म नहीं कर सका है।

भागीदारी को मजबूत बनाने में जुटीं वसुंधरा 

राजस्थान विधानसभा चुनाव के नजदीक होने के कारण पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार राज्य का दौरा करने में जुटे हुए हैं। पार्टी को सियासी मजबूती देने के लिए शाह ने शनिवार को जोधपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। कांग्रेस पर हमला करते हुए शाह ने भाजपा सरकार की ओर से की गई शुरू की गई तमाम योजनाओं का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार विभिन्न मोर्चों पर फेल साबित हुई है और राज्य के लोगों ने बदलाव का मूड बना लिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि गृह मंत्री शाह की ओर से गिनाई गईं सारी योजनाएं उनके कार्यकाल में शुरू की गई थीं। वसुंधरा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से हमारी सरकार ने अंत्योदय के विकास पर काम किया था जिसका हमें आज भी गर्व है। राजे ने इशारों में अपनी बात कहते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश भी की।

शाह ने नहीं खोले सियासी पत्ते 

दरअसल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से अभी तक राज्य में सीएम चेहरे को लेकर पत्ते नहीं खोले गए हैं। इसी कारण वसुंधरा राजे बेचैन दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि 2003 में उनके राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस कभी राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने यह साबित करने की कोशिश की कि उनकी अगुवाई में ही भाजपा राजस्थान में मजबूत लड़ाई लड़ सकती है। 

वसुंधरा ने कहा कि हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं बल्कि पब्लिक कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी को मजबूत बनाना होगा। हमें सामने वाले को कभी कमजोर नहीं मानना चाहिए। इसलिए पूरी ताकत के साथ सियासी जंग में उतरना जरूरी है। सियासी जानकारों का मानना है कि वसुंधरा ने शाह के सामने अपना दावा मजबूत ढंग से रखने की कोशिश की। हालांकि शाह ने अपने संबोधन के दौरान इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।

पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगेगी पार्टी

भाजपा राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ने की बात करती रही है। पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी इस बाबत बयान दे चुके हैं। अपने राजस्थान दौरे के समय उन्होंने कहा था कि हमारे पास प्रधानमंत्री मोदी का मजबूत चेहरा है जिसके दम पर हम राजस्थान के लोगों का समर्थन हासिल कर सकते हैं। शाह ने भी इस बात का संकेत दिया कि पार्टी पीएम मोदी के चेहरे पर ही वोट मांगेगी। 

पार्टी नेतृत्व सीएम चेहरे को लेकर कोई गुटबाजी नहीं पैदा होने देना चाहता। राजस्थान भाजपा में इन दिनों केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत और अर्जुन मेघवाल एकजुट होकर नजर आ रहे हैं। दूसरी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया अलग राह पर चलते हुए दिख रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी दावेदारी मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कारण सीएम चेहरे का मामला उलझा हुआ है और पार्टी नेतृत्व इसे लेकर कोई विवाद पैदा नहीं होने देना चाहता। 

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