Rajasthan Congress: राजस्थान कांग्रेस का झगड़ा जल्द सुलझने के आसार, पार्टी नेतृत्व ने गहलोत पर बढ़ाया दबाव
Rajasthan Congress: पंजाब का झगड़ा शांत होने के बाद कांग्रेस पार्टी हाईकमान का पूरा फोकस राजस्थान का झगड़ा सुलझाने पर टिका हुआ है।
Rajasthan Congress: पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच चल रही खींचतान को समाप्त कराने के बाद कांग्रेस (Congress) नेतृत्व उत्साहित दिख रहा है। पार्टी नेतृत्व ने अब राजस्थान का झगड़ा भी जल्द से जल्द खत्म कराने के लिए कमर कस ली है।
पार्टी नेतृत्व ने गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके समर्थकों के सत्ता और संगठन में सम्मानजनक हिस्सेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर दबाव बढ़ा दिया है। राजस्थान के साथ ही असम, मणिपुर और गोवा के झगड़ों को भी जल्द से जल्द निपटाने की रणनीति बनाई गई है। इसी कड़ी में असम में नए कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति भी की गई है।
पंजाब के बाद अब राजस्थान पर फोकस
वैसे पंजाब का झगड़ा शांत होने के बाद पार्टी हाईकमान का पूरा फोकस राजस्थान का झगड़ा सुलझाने पर टिका हुआ है। पार्टी नेतृत्व राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच चल रहे सियासी संग्राम को अब लंबे समय तक नहीं टालना चाहता। पार्टी नेतृत्व को इस बात का एहसास हो चुका है कि लंबे समय तक मामले को टालने से कई और जटिलताएं पैदा हो जाती हैं।
इसी कारण गहलोत को संदेश भेजकर जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार करने और राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज करने का दबाव डाला गया है। गहलोत को यह भी बता दिया गया है कि अब पार्टी नेतृत्व मामले को लंबे समय तक नहीं टाल सकता है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संदेश मिलने के बाद गहलोत ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे हाईकमान की ओर से दिए गए निर्देश पर अमल करेंगे।
जल्द तय होगी मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख
पार्टी नेतृत्व की ओर से जयपुर भेजे गए राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गहलोत को सोनिया का संदेश देने के साथ ही उनके साथ मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) और पार्टी के मतभेदों को दूर करने पर गहराई से मंथन किया है। बाद में दोनों नेताओं ने कांग्रेस भवन में कांग्रेस विधायकों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियो के साथ भी मुलाकात की। हालांकि इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद नहीं थे। इस बैठक के बाद अब यह तय माना जा रहा है की राजस्थान के मसले का भी जल्द ही समाधान हो जाएगा। माना जा रहा है कि दोनों नेता दिल्ली लौटकर पार्टी नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय कर दी जाएगी।
कुछ मंत्रियों की की जा सकती है छुट्टी
राजस्थान कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सभी विधायकों से 28 और 29 जुलाई को जयपुर रहने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक दोनों दिन माकन और के.सी. वेणुगोपाल विधायकों से वन टू वन चर्चा करेंगे। सत्ता व संगठन में बदलाव के बारे में उनकी राय ली जाएगी। इसके साथ ही मंत्रियों के कामकाज पर भी उनसे चर्चा की जाएगी। जानकारों का कहना है कि चर्चा के आधार पर कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है और उनकी जगह नए मंत्रियों को मौका दिया जा सकता है।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के पास प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी है। ऐसे में उन्हें एक पद की जिम्मेदारी देकर दूसरे पद से मुक्त करने की तैयारी है। मंत्री और विधायकों से चर्चा के बाद माकन का कहना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में जल्द ही फैसला कर लिया जाएगा।
सियासी अटकलों का बाजार गरम
राजस्थान कांग्रेस में खींचतान बढ़ने की खबरों के बाद ही माकन और वेणुगोपाल को जयपुर भेजने का फैसला लिया गया था। पार्टी नेतृत्व ने दोनों गुटों की ओर से की जा रही सार्वजनिक बयानबाजी पर नाराजगी जताई है। पार्टी नेतृत्व ने सभी नेताओं को पार्टी हितों को देखते हुए ही बोलने के निर्देश दिए गए हैं। जानकारों के मुताबिक मंत्रिमंडल में फेरबदल पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान की ओर से किया जाएगा।
वैसे पार्टी हाईकमान की ओर से 28 और 29 तारीख को विधायकों से की जाने वाली रायशुमारी को लेकर सियासी अटकलें भी लगाई जा रहे हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि नेतृत्व की ओर से पहली बार यह कदम उठाया गया है और अब देखने वाली बात यह होगी कि इसका क्या नतीजा सामने आता है।