Rajasthan Congress: राजस्थान में डैमेज कंट्रोल की कोशिश, वेणुगोपाल को सौंपी जिम्मेदारी, गहलोत-पायलट दोनों से करेंगे बात

Rajasthan Congress: पार्टी को सियासी नुकसान से बचाने के लिए कांग्रेस हाईकमान अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-11-26 12:51 IST

Congress General Secretary KC Venugopal (PHOTO: social media )

Rajasthan Congress: राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दो बड़े नेताओं में छिड़ी सियासी लड़ाई ने पार्टी नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सियासी संघर्ष के कारण राज्य कांग्रेस में जबर्दस्त गुटबाजी दिख रही है। पार्टी को सियासी नुकसान से बचाने के लिए कांग्रेस हाईकमान अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गया है।

पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करके सुलह का रास्ता तैयार करने की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को सौंपी गई है। वेणुगोपालन 29 नवंबर को जयपुर पहुंचने वाले हैं और इस दौरान वे पार्टी नेताओं के साथ बैठकें करने के अलावा गहलोत और पायलट से अलग से बातचीत भी करेंगे।

राहुल, प्रियंका और खड़गे से की चर्चा

राजस्थान में विधानसभा चुनाव तो अगले साल होने हैं मगर राहुल गांधी की अगुवाई में निकली भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को ही राजस्थान पहुंचने वाली है। भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले पार्टी के दो दिग्गजों का यह संघर्ष नेतृत्व के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसी कारण वेणुगोपाल को आनन-फानन में जयपुर भेजने का फैसला किया गया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश में है और राहुल के साथ प्रियंका भी इस यात्रा में शिरकत कर रही हैं।

जयपुर जाने से पहले वेणुगोपाल ने राजस्थान संकट के मुद्दे पर राहुल और प्रियंका दोनों नेताओं से चर्चा की है। बाद में दिल्ली पहुंचने पर वेणुगोपाल ने इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी बातचीत की है। पार्टी नेतृत्व बीच का रास्ता तैयार करने की कोशिश में जुटा हुआ है ताकि गहलोत और पायलट दोनों नेताओं को नाराज किए बिना संकट का समाधान किया जा सके।

भारत जोड़ो यात्रा पर भी निगाहें

जयपुर पहुंचने के बाद वेणुगोपाल भारत जोड़ो यात्रा को कामयाब बनाने के लिए पार्टी नेताओं के साथ बैठकें भी करेंगे। राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी के लिए पार्टी की ओर से विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वेणुगोपाल इन समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी इन समितियों के सदस्य हैं। इसलिए वेणुगोपाल की इन दोनों नेताओं से भी चर्चा होगी।

गहलोत और पायलट से भी करेंगे चर्चा

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वेणुगोपाल की जयपुर यात्रा का असली मकसद गहलोत और पायलट से अलग-अलग बातचीत करके राजस्थान संकट का समाधान खोजना है। गहलोत की ओर से सचिन पायलट को गद्दार बताए जाने के बाद राज्य का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। गहलोत ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि गद्दार कभी राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। उन्होंने सचिन पायलट पर भाजपा के साथ मिलकर 2020 में अपनी सरकार को गिराने की साजिश रचने का बड़ा आरोप भी लगाया है।

गहलोत के इस बयान से कांग्रेस नेतृत्व भी असहज महसूस कर रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि गहलोत की ओर से पायलट को गद्दार बताया जाना अप्रत्याशित था। उन्होंने कहा कि गहलोत पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी ओर से इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किए जाने से वह भी हैरान हैं। उन्होंने पायलट को युवा, लोकप्रिय और करिश्माई नेता भी बताया है।

पायलट ने बना रखा है दबाव

दूसरी ओर पायलट अभी भी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर विधायकों से चर्चा करने की मांग पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पायलट ने गुप्त मतदान के जरिए राज्य में नेतृत्व का फैसला करने की मांग की है। उनका कहना है कि पार्टी के विधायक गहलोत के दबाव की वजह से खुलकर कुछ नहीं बोलते। पायलट ने दलील दी है कि गोपनीय मतदान के बाद जो भी फैसला होगा, वह उन्हें मंजूर होगा।

सूत्रों के मुताबिक उन्होंने यहां तक दावा किया है कि गहलोत को हटाए जाने के बाद भी राज्य में सरकार गिरने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में अब सबकी निगाहें कांग्रेस हाईकमान के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि वेणुगोपाल की जयपुर यात्रा के बाद ही कांग्रेस नेतृत्व इस बाबत कोई आखरी फैसला लेगा।

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