पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी! सचिन की राहुल से लंबी चर्चा,सोनिया की गहलोत से वार्ता के बाद अटकलें तेज
Rajasthan Congress Party : राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लंबी बैठक हुई है।
Rajasthan Congress Party : पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन के बाद कांग्रेस शासित राजस्थान (Rajasthan) में भी सियासी हलचल काफी तेज हो गई है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लंबी बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के सियासी भविष्य को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं। हालांकि इस मुलाकात के बारे में राहुल गांधी, सचिन पायलट या कांग्रेस की ओर से कोई भी बयान नहीं जारी किया गया है मगर कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक यह मुलाकात पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे से एक दिन पहले हुई है।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से टेलीफोन पर राजस्थान के सियासी हालात पर चर्चा की है। राहुल और सचिन पायलट के बीच बातचीत और उसके बाद सोनिया की गहलोत से टेलीफोन पर हुई वार्ता को राज्य में नए समीकरणों का संकेत माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस के कुछ सूत्रों का कहना है कि 2024 की सियासी जंग के लिए पार्टी नेतृत्व में सूबों के दमदार नेताओं से चर्चा का सिलसिला शुरू किया है। वैसे सचिन की राहुल से लंबी बातचीत के बाद राजस्थान में भी सियासी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बातचीत का कोई बड़ा असर दिख सकता है।
राजस्थान में लंबे समय से चल रही खींचतानराजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के गुटों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। पार्टी के राजस्थान पर्यवेक्षक अजय माकन की कई यात्राओं के बावजूद यह खींचतान अभी तक खत्म नहीं हो सकी है। सचिन पायलट अपने साथ किए गए वादों को पूरा करने पर जोर देते रहे हैं। उनके समर्थकों का भी कहना है कि सचिन के साथ किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं। हाल के दिनों में सचिन की राहुल गांधी के साथ कोई मुलाकात नहीं हुई थी। इस साल दोनों नेताओं के बीच पहली बार पार्टी से जुड़े मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई है।
पिछले साल जुलाई तक सचिन राज्य के डिप्टी सीएम होने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद उन्हें दोनों पदों से हटा दिया गया। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि सचिन और राहुल की मुलाकात के दौरान पायलट की राजस्थान में सम्मानजनक वापसी पर गंभीर चर्चा हुई है। हालांकि सचिन पायलट ने इस मुलाकात के बारे में अभी तक मीडिया से कोई बातचीत नहीं की है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से भी मुलाकात के संबंध में कोई ब्योरा नहीं जारी किया गया है।
पार्टी को मजबूत बनाने की कवायद
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राहुल गांधी 2024 की सियासी जंग के लिए विभिन्न राज्यों में पार्टी को पूरी तरह मजबूत बनाना चाहते हैं। इसी सिलसिले में दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई है। राहुल गांधी का मानना है कि राज्यों में फेरबदल के दौरान 2024 की जंग का पूरी तरह ध्यान रखा जाए ताकि पार्टी पूरी मजबूती से चुनाव मैदान में उतर सके।
कांग्रेस नेता के मुताबिक राजस्थान में पार्टी मजबूत स्थिति में है और हमेशा भाजपा को सीधी टक्कर देती रही है। इसलिए राजस्थान में किसी भी बदलाव को पार्टी की चुनावी तैयारी के रूप में ही देखा जाना चाहिए। वैसे सचिन और राहुल की मुलाकात के संबंध में पार्टी का कोई भी नेता खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
सोनिया ने की गहलोत से टेलीफोन पर बात
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत को भी सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानकार सूत्रों के मुताबिक सोनिया और गहलोत के बीच राजस्थान के सियासी हालात पर चर्चा हुई है। राजस्थान में पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी दोनों नेताओं ने चर्चा की है।
पंजाब में हुए नेतृत्व परिवर्तन को देखते हुए राजस्थान के नेताओं से शीर्ष नेतृत्व की बातचीत के बाद राज्य में सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यदि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन नहीं भी हुआ तो गहलोत मंत्रिमंडल और संगठन में व्यापक बदलाव की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। सचिन पायलट को भी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपे पर जाने की चर्चाएं हैं।
प्रमोद कृष्णन के ट्वीट से माहौल गरमाया
पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णन का एक ट्वीट सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रमोद कृष्णन ने अपने ट्वीट में कहा है कि पंजाब की हवाएं राजस्थान और छत्तीसगढ़ का भी मौसम बिगाड़ सकती हैं। प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णन के इस ट्वीट को लेकर भी सियासी हल्कों में खूब चर्चाएं हो रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक नेतृत्व की ओर से अशोक गहलोत के पूर्ण स्वस्थ होने का इंतजार किया जा रहा है। उनके स्वस्थ होने के बाद राज्य में व्यापक बदलाव की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। गहलोत ने एक दिन पूर्व ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का फैसला मानने और आगे भी कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम करने की नसीहत दी थी। अब गहलोत के सियासी भविष्य को लेकर ही सियासी अटकलों का बाजार गरम हो गया है। जयपुर के सियासी हलकों में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बड़े फैसले का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।