Rajasthan Elections 2023: युवा नेता ने बढ़ा दी भाजपा और कांग्रेस की चिंता, साथ चलता है युवाओं का हुजूम, जानिए कौन हैं रविंद्र सिंह भाटी?
Rajasthan Elections 2023: सोशल मीडिया पर इस समय राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार और युवा नेता का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद से अधिकतर लोगों के मन में सवाल आ रहा है क्या भाटी तो नहीं जीत दर्ज करायेंगे?
Rajasthan Assembly Elections 2023: इस बार के सभी विधानसभा चुनाव ज़मीन से ज़्यादा सोशल मीडिया पर लड़े जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे को आगे पीछे करते हर पोस्ट के साथ दिख रहे हैं। पर इन दोनों दिग्गजों की नींद सोशल मी पर अपनी उप के मार्फ़त एक निर्दल उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी ने उड़ा रखी है। भाटी छात्र राजनीति की उपज हैं। जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हैं। भाटी अपनी सियासी पारी खेलने के लिए भाजपा में शरीक हो गये। वह बाड़मेर ज़िले की शिव विधानसभा से टिकट माँग रहे थे। टिकट नहीं मिला। तो नौ दिन में ही भाजपा से मोहभंग हो गया। निर्दल क़िस्मत आज़माने मैदान में उतर गये।
चुनाव में आया राम- गया राम एक आम चलन है। भाटी ने तो नौ दिन लिये। किसी का टिकट कटा तो वह निर्दल ही मैदान में उतर गया, कोई दोपहर को कांग्रेस छोड़ भाजपा में गया तो उसे शाम को टिकट मिल गया। इस युवा नेता को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। वहीं युवा नेता के साथ चल रही हजारों युवाओं की भीड़ ने कांग्रेस और भाजपा जैसी बड़ी पार्टियों की चिंता बढ़ा दी है।
वायरल हुआ वीडियो और चर्चा में आ गए रविंद्र सिंह-
महज नौ दिन में ही भाजपा से बगावत करने वाले युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी का एक 3 मिनट 49 सेकंड का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में रविंद्र हुंकार भरते नजर आ रहे हैं। वह कहते सुनाई पड़ते हैं- "लड़ाका लड़ाई जरूर लड़ेगा... मजबूती के साथ लड़ेगा। शिव के विकास के लिए, उन्नति और प्रगति के लिए लड़ेगा। यहां की मूलभूत सुविधाओं के लिए लड़ेगा। बुजुर्गों की उम्मीदों और युवाओं के रोजगार दिलाने लिए लड़ेगा और जीतेगा... अगर ठहर गया तो क्या जवाब दूंगा...।"]
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अब इस वायरल वीडियो के बाद ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर रविंद्र सिंह भाटी हैं कौन? तो आइए हम आपको बताते हैं कि रविंद्र सिंह भाटी कौंन हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर कांग्रेस और भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं...
रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान के बाडमेर जिले के दुधौड़ा गांव के रहने वाले हैं। यह गांव भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे शिव विधानसभा क्षेत्र में है। राजस्थानी भाषा में पोस्ट ग्रेजुएट रविंद्र सिंह छात्र नेता रह चुके हैं। वह 2019 में जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में निर्दलीय चुनाव लड़कर छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए थे।
तीन साल से कर रहे हैं चुनाव लड़ने की तैयारी-
इस साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव से वह मुख्यधारा की राजनीति में अपना कदम रख रहे हैं। रविंद्र पिछले तीन साल से शिव विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारी में जुटे थे। हालांकि, पहले रविंद्र भाजपा के टिकट से चुनावी मैदान में उतरना चाहते थे, लेकिन जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह बगावत कर बैठे और अब निर्दल ही चुनाव मैदान में अपनी ताल ठोक दी है।
26 को शामिल हुए थे भाजपा में-
बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी 26 अक्टूबर को जयपुर में भाजपा प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में पार्टी में शामिल हुए थे। इसके बाद से माना जा रहा था कि रविंद्र को शिव विधानसभा से टिकट मिलना तय है।
हालांकि, भाजपा ने 3 नवंबर को इस सीट से स्वरूप सिंह खारा को टिकट दे दिया। फिर क्या था, इसके बाद रविंद्र सिंह भाटी भाजपा से बगावत कर बैठे।
समझिए शिव विधानसभा का समीकरण
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क्या दोहराएंगे इतिहास?
भाजपा की ओर से टिकट न देने पर रवींद्र सिंह भाटी के निर्दलीय मैदान में कूदने का यह वाकया पहली बार का नहीं है। इससे पहले वह 2019 में जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से एबीवीपी से छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उस समय भी उन्हें टिकट नहीं मिला।
इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। आंदोलन और आक्रामक रवैया रखने वाले भाटी अब यूथ के बीच खासा पॉपुलर नाम हैं। अगर भाटी इस चुनाव में जीतते हैं तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका होगा।