Sachin Pilot Anshan: अनशन के बाद पायलट के तीखे तेवर,जंग जारी रखने का ऐलान,प्रदेश प्रभारी रंधावा को भी दिया दो टूक जवाब

Sachin Pilot Anshan: सुंधरा राज के कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पायलट ने साफ तौर पर कहा है कि वे आगे भी अपने मुद्दों पर कायम रहेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा है और इसके खिलाफ जंग आगे भी जारी रहेगी।

Update:2023-04-12 00:23 IST
Sachin Pilot Anshan (Pic: Social Media)

Sachin Pilot vs Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शहीद स्मारक पर अपना अनशन खत्म करने के बाद आगे भी जंग जारी रखने का ऐलान किया है। वसुंधरा राज के कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पायलट ने साफ तौर पर कहा है कि वे आगे भी अपने मुद्दों पर कायम रहेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा है और इसके खिलाफ जंग आगे भी जारी रहेगी।
इसके साथ ही पायलट ने कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी दो टूक जवाब दिया है। रंधावा ने पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताया था। उन्होंने कहा कि रंधावा अभी कुछ समय पहले ही प्रदेश के प्रभारी बने हैं और मैंने पहले के प्रभारी से भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की थी। सियासी जानकारों का मानना है कि पायलट के तेवर से साफ हो गया है कि वे अब आगे भी चुप बैठने वाले नहीं हैं। चुनावी साल में पायलट का यह तेवर कांग्रेस हाईकमान की टेंशन बढ़ाने वाला साबित हो रहा है।

जनता से किए वादे को करना होगा पूरा

शहीद स्मारक पर अनशन खत्म होने के बाद पायलट ने एक बार फिर उन मुद्दों को दोहराया जिन मुद्दों को लेकर उन्होंने आज सुबह से लेकर शाम तक अनशन किया। उन्होंने कहा कि वसुंधरा सरकार के समय हम लोग विपक्ष में थे और इस दौरान हम लोगों ने कई घोटालों और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों का पर्दाफाश किया था। उस दौरान हमने जनता से स्पष्ट तौर पर वादा किया था कि सरकार में आने पर वसुंधरा राज के घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराकर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
मैंने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इन मामलों की जांच का मुद्दा कई बार उठाया मगर इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि प्रतिशोध की भावना से कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए मगर भ्रष्टाचार के मामलों में प्रभावी कार्रवाई करके जनता से किए गए वादे को जरूर पूरा किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री गहलोत पर भी साधा निशाना

इस दौरान पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग करते रहे हैं मगर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। पायलट ने कहा कि मैंने इस बाबत लिखित अनुरोध भी किया मगर फिर भी सरकार की ओर से न तो कोई कदम उठाया गया और न मुझे कोई जवाब दिया गया। पायलट ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा की राजस्थान में 6-7 महीने के भीतर चुनाव होने हैं। इसलिए मैंने कार्रवाई की मांग का मुद्दा फिर उठाया है।
उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बने चार साल से ज्यादा का समय हो गया है मगर अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी कारण मैंने यह मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए अनशन का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अनशन के बाद अब सरकार की ओर से कदम उठाया जाएगा और जनता से किए गए वादे को पूरा किया जाएगा।

रंधावा की चेतावनी का असर नहीं,दिया जवाब

सचिन पायलट के तेवर से साफ हो गया है की पार्टी नेतृत्व की ओर से सख्त कार्रवाई की चेतावनी का भी उन पर कोई असर नहीं पड़ा है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से अनशन के कदम को पार्टी विरोधी गतिविधि बताए जाने के बाद पायलट ने उन्हें भी दो टूक जवाब दिया है। रंधावा का कहना था कि पार्टी से जुड़े मसलों को पार्टी के फोरम पर ही उठाया जाना चाहिए और इस तरह अनशन पर बैठने का कदम पार्टी विरोधी गतिविधि के सिवा कुछ नहीं है।
रंधावा के इस चेतावनी को दरकिनार करते हुए पायलट न केवल अनशन पर बैठे बल्कि उन्होंने रंधावा को जवाब देने से भी परहेज नहीं किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रंधावा अभी कुछ समय पहले ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी बने हैं। मैंने पहले के प्रदेश प्रभारी से भ्रष्टाचार के मुद्दों की जांच की मांग उठाई थी मगर अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। भ्रष्टाचार अभी भी महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।

राजस्थान में सियासी हलचल तेज

सचिन पायलट के अनशन के बाद राजस्थान कांग्रेस में गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। दोनों खेमों की ओर से अपनी-अपनी रणनीति पर अमल करने की तैयारी है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव सिर पर है और ऐसे में राजस्थान कांग्रेस में पायलट और गहलोत खेमे के बीच छिड़ी जंग पार्टी नेतृत्व के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी रंधावा का आज जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम था मगर अब वे बुधवार को जयपुर पहुंचेंगे।
माना जा रहा है कि उनके जयपुर पहुंचने के बाद उनकी पायलट के साथ बातचीत हो सकती है। वैसे पायलट के तीखे तेवर से साफ हो गया है कि अब रंधावा के मनाने का भी उन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे खुद की ओर से उठाए गए मुद्दों पर आगे भी लड़ाई जारी रखेंगे। अब सबकी निगाहें पार्टी हाईकमान की ओर लगी है कि शीर्ष नेतृत्व की ओर से पायलट के सियासी भविष्य को लेकर क्या फैसला लिया जाता है।

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