इनसे कराया जाएगा कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार, सरकार का बड़ा फैसला

सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोराना से मरने वालों का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ कराने का निर्णय लिया है।

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Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-05-03 03:32 GMT

सीएम गहलोत फाइल फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

जयपुर:  प्रदेश में बेकाबू होते को कोराना से मरने वालों के बढ़ते आंकड़ों के बीच गहलोत सरकार ( Gehlot government ) ने अहम निर्णय लिया है। राज्य सरकार अब  कोराना से मृत लोगों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot) के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्र विकास अधिकारी पंचायत समीति पाली को नोडल अधिकारी  सौंपा गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत स्तरीय कोर कमेटी अध्यक्ष को (पीईईओ) यह जिम्मेदारी दी गई। 

इससे पहले गहलोत सरकार ने कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार से सम्मान के साथ करने का अहम निर्णय लिया था, लेकिन कोराना के केस ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते जा रहे हैं। इसको लेकर सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोराना से मरने वालों का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ कराने का निर्णय लिया है।

आदेश की गाइडलाइन कुछ इस तरह है...

तस्वीर(साभार -सोशल मीडिया)

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड महामारी से मृत व्यक्तियों के विधिवत अंतिम संस्कार में होने वाला व्यय भी राज्य सरकार द्वारा वहन करने का निर्णय किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम संस्कार के लिए एम्बुलेंस के माध्यम से पार्थिव देह के परिवहन की निशुल्क व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा ही की जाएगी।

सांकेतिक तस्वीर(साभार-सोशल मीडिया)

उठे सवाल...

यह जिम्मेदारी सरकार ने पीईईओ को सौंपी है। इस पर सवाल भी उठने लगे है कि शिक्षकों के प्रति सरकार का ये व्यवहार उचित है? अब शवों की अंतिम क्रिया भी पीईईओ के जिम्मे होगी, जिनकी मृत्यु कोरोना से हुई हो और परिजन अंत्येष्टि करने के इच्छुक नहीं हों।


सरकार के इस फैसले को लोग स्वीकार नहीं कर पाए। सोशल मीडिया पर इस पर सवाल भी किया गया। 


प्रोटोकॉल की होगी पूरी पालन

आदेशों के मुताबिक पार्थिव देह के अंतिम संस्कार में कोरोना प्रोटोकॉल की पूरी तरह पालना सुनिश्चित की जाएगी।  बता दें किइससे पूर्व सीएम गहलोत ने नगरीय क्षेत्रों में कोविड जनित मृत्यु के मामलों में ससम्मान अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह को चिकित्सालय से श्मशान और कब्रिस्तान तक निशुल्क ले जाने के साथ अंतिम संस्कार में होने वाला समस्त व्यय नगरीय निकायों द्वारा वहन किए जाने के निर्देश दिए थे।

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