Rajasthan Politics: गहलोत के खिलाफ फिर भड़का गुस्सा,नाराज कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में डाला डेरा

Rajasthan Politics: कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाल रखा है मगर अभी तक इन नेताओं की माकन से मुलाकात नहीं हो सकी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update: 2021-07-01 07:02 GMT

अशोक गहलोत( फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Rajasthan Politics: पंजाब की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सचिन पायलट खेमे की कुछ दिनों से दिख रही खामोशी के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। कांग्रेस के कई नेता सरकार और संगठन के रवैये से नाराज हैं और उन्होंने आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने के लिए दिल्ली में डेरा डाल दिया है।

दिल्ली में डेरा डेरा डालने वाले नेता बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों और निर्दलीय विधायकों को गहलोत सरकार में ज्यादा महत्व दिए जाने और अपनी उपेक्षा से नाराज बताए जा रहे हैं। राज्य कांग्रेस के असंतुष्ट 15 नेताओं ने पिछले दिनों इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी। इस संबंध में कोई कदम न उठाए जाने के बाद अब इनमें से आधा दर्जन नेताओं ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के जरिए हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

माकन से नहीं हो सकी मुलाकात

कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाल रखा है मगर अभी तक इन नेताओं की माकन से मुलाकात नहीं हो सकी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और संगठन के रवैये से नाराज ये नेता आर-पार की जंग लड़ने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। हालांकि माकन ने अभी तक इन नेताओं से मुलाकात नहीं की है। माकन की ओर से नाराज नेताओं को दो बार मुलाकात का समय दिया भी गया मगर अंतिम समय पर मुलाकात निरस्त कर दी गई। अब माना जा रहा है कि जल्द ही इन नेताओं की माकन से मुलाकात हो सकती है।

दिल्ली में डेरा डालने वाले नेताओं में मनीष यादव, सुभाष मील और दौलत सिंह भी शामिल हैं। ये सभी नेता कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं मगर इन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इन नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के लिए वर्षों तक काम करने के बावजूद गहलोत सरकार और संगठन की ओर से उनकी अनदेखी की जा रही है। इसी कारण वे अपनी शिकायत हाईकमान तक पहुंचाने के लिए मजबूर हुए हैं।

निर्दलीयों को जरूरत से ज्यादा महत्व

गहलोत सरकार के रवैये से नाराज कांग्रेस नेता मनीष यादव ने कहा कि निर्दलीयों की ओर से सरकार को समर्थन दिए जाने का हमने भी स्वागत किया था मगर गहलोत की ओर से निर्दलीयों को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगता है जैसे पूरा कांग्रेस संगठन ही उन्हें सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बाबत हम अपनी शिकायत हाईकमान तक पहुंचाना चाहते हैं। यादव ने कहा कि हम माकन को बताना चाहते हैं कि किस तरह कांग्रेस के समर्पित नेताओं की अनदेखी की जा रही है और उनके मुकाबले निर्दलीय विधायकों को ज्यादा तरजीह दी जा रही है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असंतोष

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और संगठन के वरिष्ठ नेताओं के गलत रवैये के कारण ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा हो रहा है जिन्होंने काफी मेहनत करके पार्टी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाया है। हालत यहां तक पहुंच चुकी है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने छोटे-मोटे काम के लिए भी निर्दलीय विधायकों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ता है। ये निर्दलीय विधायक कांग्रेस को हराकर ही सत्ता का सुख भोग रहे हैं और कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। सरकार और संगठन के इस रवैये के कारण ही राज्य में कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है।

निर्दलीय विधायक उठा रहे फायदा
मुख्यमंत्री से नाराज एक और कांग्रेस नेता सुभाष मील ने कहा कि समर्थन देने के बदले में निर्दलीय विधायकों को खुली लूट की छूट दे दी गई है और जन समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन देने का खूब फायदा उठा रहे हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में जमकर काम करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से शिकायत भी की गई थी मगर अभी तक हाईकमान की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में हमने कार्यकर्ताओं की शिकायत हाईकमान तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
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