जयपुर: अप्रैल फूल्स मतलब मूर्ख दिवस। अपनेआप में एक अनोखा दिन। जहां एक तरफ हम अपनी कामयाबी का डंका पीटते वहीं दूसरी तरफ डरते है कि कोई हमें इस मुर्ख ना बना दें, लेकिन रंगमंच की दुनिया में कई ऐसे कलाकार और फिल्में रहीं, जिसने लोगों को हंसाया और यादगार बनी। इसी क्रम कुछ कलाकारों ने खुद का मजाक बनाकर औरों के चेहरे पर हंसी लाईँ।
चार्ली चैपलिन
ऐसे में हमें चार्ली चैपलिन चैपलिन और राजकपूर को नहीं भूलना चाहिए। ये महान कलाकार अपनी बेवकूफी से पूरी दुनिया को हंसाते रहे है। चार्लिन चैपलिन ने पूरी जिंदगी अपना मजाक बनाया और लोग के चेहरे पर उस मजाक से खुशी लाईँ।
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राजकपूर
राजकपूर ने भी फिल्मों के माध्यम से लोगों को हंसाने का काम किया। उन्होंने मेरा नाम जोकर में जोकर बनकर रोते को हंसना सिखाया। उनका नाम आते ही लोग एकबार जरूर हंस लेतो है। इनके अलावा जगदीप, जॉनी वॉकर, केस्टो मुखर्जी और असरानी जैसे तमाम कलाकार है जो अपनी बेवकूफी से फिल्मों में लोगों को हंसाते रहे है।
अप्रैल फूल फिल्म
ये तो बात हुई खुद की बेवकूफी कीं। इसके अलावा भी बॉलीवुड की कई फिल्मों में अप्रैल फूल बनाते दिखाया गया है, लेकिन एक फिल्म ऐसी भी है जो पूरी तरह से इसी पर आधारित थी। साल 1964 में निर्माता-निर्देशक सुबोध मुखर्जी ने अप्रैल फूल के नाम से फिल्म बनाई। रोमांटिक और कॉमेडी जोन की ये मूवी हिट रही। मोहम्मद रफी द्वारा गाया गया इसका गाना 'अप्रैल फूल बनाया, तो उनको गुस्सा आया, मेरा क्या कसूर, जमाने का कसूर, जिसने ये दस्तूर बनाया...' आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा रहता है।