Sonbhadra News: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी दंपती को 10-10 वर्ष की कैद, पति ने किया था दुष्कर्म, पत्नी ने किया था सहयोग
Sonbhadra News: सोनभद्र में छह वर्ष पूर्व पत्नी के सहयोग से नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी दंपती को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है।
Sonbhadra News: सोनभद्र में छह वर्ष पूर्व पत्नी के सहयोग से नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी दंपती को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने सोमवार को मामले की सुनवाई की। अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी दंपती विशेष विश्वकर्मा और अमरावती को 10- 10 वर्ष की कैद व 17- 17 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड जमा होने के बाद, पूरी धनराशि पीड़िता को मिलेगी। जेल में विताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
यह है पूरा माजरा...
अभियोजन कथानक के मुताबिक जुगैल थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग की मां ने 14 अप्रैल 2017 को जुगैल थाने पहुंचकर तहरीर दी। अवगत कराया कि 10 अप्रैल 2017 को रात 10 बजे उसकी 11 वर्षीय नाबालिग बेटी घर पर थी। तभी खेवंधा गांव निवासी विशेष विश्वकर्मा पुत्र राजेंद्र विश्वकर्मा उसकी बेटी को बुलाकर छेड़खानी करने लगा। जब घर से बाहर निकली तो देखी, उसकी बेटी को वह पकड़ कर घसीट रहा था। विशेष विश्वकर्मा ने उसे देखा तो बेटी को छोड़कर भाग गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर प्रकरण की विवेचना शुरू की। पाया कि पूरा मामला दुष्कर्म का है। पत्नी की मिलीभगत से नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया जाना पाया गया।
इसके बाद पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए विशेष विश्वकर्मा और उसकी पत्नी अमरावती देवी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी दंपती विशेष विश्वकर्मा व अमरावती को 10- 10 वर्ष की कैद एवं 17- 17 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6- 6माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने मामले की पैरवी की।