राम मंदिर भूमिपूजनः हार्ड हिन्दुत्व बनेगा, चुनाव में भाजपा का ट्रंप कार्ड

अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद यह बात साफ हो गयी है कि डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा विकास के साथ हिन्दुत्व को लेकर विधानसभा चुनाव में उतरेगी।

Update:2020-08-06 14:21 IST
राम मंदिर भूमिपूजनः हार्ड हिन्दुत्व बनेगा, चुनाव में भाजपा का ट्रंप कार्ड

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद यह बात साफ हो गयी है कि डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा विकास के साथ हिन्दुत्व को लेकर विधानसभा चुनाव में उतरेगी। यूपी में जिस तरह से राममंदिर शिलान्यास के बाद हिन्दुत्व का माहौल दिखना प्रारम्भ हो गया है तो पार्टी इसे विधानसभा चुनाव में भुनाने में बिल्कुल पीछे नहीं हटेगी।

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तीन चुनावों से जातिवाद और परिवारवाद के खिलाफ मुहिम

पिछले दो-तीन चुनावों 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में परिवारवाद जातिवाद और छद्मधर्मनिरपेक्षता के खिलाफ भाजपा चुनाव मैदान में उतर चुकी है। राष्ट्रवाद की हुंकार के साथ उसे इन तीनों चुनाव में जोरदार सफलता मिली है। अब यह बात भी पूरी तरह से साफ हो चुकी है कि दूसरे दलों के 'साफ्ट हिन्दुत्व' के मुकाबले भाजपा का 'हार्ड हिन्दुत्व' भारी पड़ता है। जिसके कारण उसे लगातार सफलता मिल रही है। इन तीनों ही चुनावों में हिन्दुत्व को राष्ट्रवाद की प्रतिछाया में बेहतर ढंग से बदला गया।

विपक्ष के साफ्ट हिन्दुत्व पर भारी है भाजपा का हार्ड हिन्दुत्व

पिछले लोकसभा चुनाव के पहले भी भाजपा ने हिन्दुत्व को लेकर अपनी जोरदार तैयारियां की थी। चुनाव से कुछ समय पहले कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति में बदलाव भी किया मगर वह भाजपा के हार्ड हिन्दुत्व के सामने टिक नहीं पाई। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब अयोध्यामें राममंदिर का शिलान्यास किया तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेष यादव और कांग्रेस के राहुल प्रियंका ने षिलान्यास पर बयान देकर खुद को हिन्दू जमनानस से जोडने का प्रयास किया है पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान ''मस्जिद के शिलान्यास पर मुझे कोई बुलाएगा नहीं, और मैं जाऊंगा भी नहीं।'' ने इन दलों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है।

तुष्टीकरण के खिलाफ विरोध का भाव स्थापित

भाजपा को पता है कि विपक्षी दल उनके हिदुत्व का जितना विरोध करेगें उसको उसका उतना ही लाभ मिलेगा। इसलिए पार्टी बयानबाजी कर दूसरे दलों को उत्तेजित करवाने का काम करती है। पिछले तीन चुनावों से हिंदू समाज में अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के खिलाफ अब तो विरोध का भाव स्थापित होता जा रहा है और भाजपा को इसी का लाभ हर चुनाव में मिल रहा है।

विकास पर है योगी सरकार का पूरा फोकस

खास बात यह है कि विपक्ष भाजपा पर विकास न कराने का आरोप न लगाने पाए इसलिए योगी सरकार इस पर भी अपना पूरा ध्यान केन्द्रित किए हुए है। जनआकांक्षाओं को पूरा करने के लिए योगी सरकार बराबर विकास के काम कर रही है। वहीं पर्यटन के क्षेत्र में भी वह पीछे नही है। चौरासी कोसी परिक्रमा की 275 किलोमीटर को डबल लेन की सड़क के रूप में विकसित की परियोजना के तहत अयोध्या बाईपास और परिक्रमा के मार्ग का विकास किया जाएगा। 275 किलोमीटर लंबे मार्ग में केवल 253 किलोमीटर में सड़क बनी हुई है, उनमें भी केवल 71 किलोमीटर ही डबल लेन है।

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40 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या में बाईपास

अब पूरे 275 किलोमीटर को डबल लेन की सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा। लगभग 55 करोड रूप्ए की इस बडी परियोजना के तहत 40 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या में बाइपास बनाया जा रहा है, जिसका 30 प्रतिषत काम पूरा हो चुका। परियोजना के तहत 15 करोड़ रुपए की लागत से इस बाइपास का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बाइपास के किनारे श्रीराम के जीवन पर आधारित कलाकृतियां और पेंटिंग भी बड़े पैमाने पर लगाया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या के चारो ओर रिंग रोड का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। इस मार्ग को इतना सुदर बनाया जाएगा कि तीर्थयात्रियों को उसी युग का अहसास हो। मार्ग के दोनो तरफ पेडो को लगाया जाएगा। साथ ही यात्रियों को बैठने और विश्राम करने के लिए बैठने की भी सुविधा होगी।

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