सबसे बड़ा खुलासा: इस अंग का दुशमन भी है कोरोना, तो अलर्ट रहें सभी

कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को पता चला है कि 20 से 40 फीसदी मरीजों में खून का थक्का मिला था। ये बात और भी सतर्क करने वाली है।

Update: 2020-05-03 06:30 GMT

पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार जारी है। ये वायरस लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब इस वायरस के बारे में नए नए खुलासे हो रहे हैं और इसके बारे में और जानकारियां निकल कर सामने आ रहीं हैं। ऐसे ही एक नई जानकारी का पता लगाते हुए जॉर्जिया के एमॉरी यूनिवर्सिटी ऑप्ऊ एटलांटा के अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को पता चला है कि 20 से 40 फीसदी मरीजों में खून का थक्का मिला था। ये बात और भी सतर्क करने वाली है।

दिल का दुशमन भी है कोरोना

जॉर्जिया के एमॉरी यूनिवर्सिटी के अस्पताल के डॉक्टर्स के ऐसा बताने के बाद भारत में भी ऐसे कई केस सामने आये हैं जिनमें ऐसे लक्षण मिले। इसमें विषय में जानकारी देते हुए डॉ. क्रेग कॉपरस्मिथ ने बताया कि हैरान करने वाली तकलीफ मरीजों में तब दिखी जब खून पतला करने की दवा चल रही थी। वहीं इसके साथ मैमोनाइड्स मेडिकल सेंटर के फिजिशियन डॉ. पॉल सौंडर्स का कहना है कि खून का थक्का बड़ी रक्त वाहिकाओं और छोटी रक्त वाहिकाओं में होता है। ये जानकारी सामने आने के बाद कोरोना वायरस अब और भी खतरनाक बन गया है। क्योंकि इन बातों का साफ़ मतलब है कि कोरोना वायरस दिल के लिए भी खतरनाक है।

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क्योंकि ऐसे में खून का थक्का फेफड़ों, पैरों या फेफड़ें की पल्मोनरी एमबोली में जम सकता है। और ये ह्रदय की मांसपेशियों को काफी नुकसान पहुंचाता है। भारत में भी ऐसे कई केस सामने आए हैं। ऐसा ही एक केस राजस्थान के जयपुर में इटली से आए 69 वर्षीय युवक के मामले में देखने को मिला था। ये युवक कोरोना संक्रमित था जिसे इलाज के बाद पूरी तरह से स्वस्थ घोषित कर उसके घर वापस भेज दिया गया था। लेकिन बाद में हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई।

मरीज स्वस्थ होने के बाद रहें कार्डियोलॉजिस्ट के संपर्क में

इस बारे में डिटेल से बताते हुए नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजिस्ट प्रो. रॉबर्ट बॉनो ने बताया कि कोरोना के स्पाइक (कांटे) ऊपर की ओर उभरे होते हैं। ये कोशिकाओं पर चिपक जाते हैं और पूरे शरीर में अपना दायरा बढ़ाते हैं। प्रो. रॉबर्ट ने आगे बताया कि यही अगर रक्त वाहिकाओं पर चिपक जाए तो ये रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करने के साथ हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। प्रोफ़ेसर ने बताया कि इसके बाद रक्त का थक्का जमेगा और हार्ट अटैक से मौत भी हो सकती है। अब डॉक्टर्स ये भी मानने लगे हैं कि खून का थक्का भी वायरस से संक्रमित होने के बाद मौत का एक प्रमुख कारण बन सकता है।

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न्यूयॉर्क के बुक्रलीन के हार्ट सर्जन का भी कहना है कि ब्लड क्लॉट कोरोना से सबसे अधिक मौतों की बड़ी वजह है। हार्ट सर्जन ने बताया कि कई बार ऐसा देखा गया कि मरीज जब स्वस्थ होने के बाद अपने घर पहुंचता है तो उसको हार्ट अटैक आता है जिससे उसकी मौत हो जाती है। वास्तव में ये मौत हार्ट अटैक से नहीं बल्कि कोरोना वायरस से ही होती है। हार्ट सर्जन ने बताया कि ऐसे में मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद खून पतला करने की दवा कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह पर देने पर विचार करना होगा। कोरोना संक्र मितों के इलाज के दौरान हृदय संबंधी जांच को अनिवार्य करना होगा।

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