राजनीति और आपराधिक गठजोड़ की उपज मुख्तार पर हैं दर्जनों हैं मुकदमें
सुप्रीम कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दो सप्ताह के अंदर पंजाब जेल से यूपी भेजने का फैसला सुनाया है
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: पूर्वांचल क्षेत्र राजनीति और माफियाओं के बीच पुराना गठजोड रहा है। पर योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से राजनीतिक इंजन के सहारे चल रही अपराधियों की गाड़ी अब पटरी से उतरने लगी हे। इसी कडी में आज जब सुप्रीम कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसाी को दो सप्ताह के अंदर पंजाब जेल से यूपी भेजने का फैसला सुनाया तो उसे यो
कई राज्यों में फैला नेटवर्क
पूर्वाचंल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का नेटवर्क यूपी समेत कई राज्यों में फैला है। देश के चार राज्यों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इन राज्यों के 12 जनपदों के 23 थानों में उनके खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2005 में मुख्तार पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप लगा। उनकी पत्नी अलका राय इस समय भाजपा की विधायक हैं और उन्होंने कई बार प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि पंजाब की कांग्रेस सरकार मुख्तार अंसारी को यूपी को सौंप दे।
कई गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज
मुख्तार अंसारी के आपराधिक इतिहास को खंखाला जाए तो सिर्फ पूर्वाचल ही नहीं, बल्कि लखनऊ, दिल्ली, पंजाब और बिहार तक में इस माफिया का जाल फैला रहा है। पूरे देश में अपने मजबूत नेटवर्क के लिए कुख्यात मुख्तार पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी के लिए धमकी, दंगा भड़काने, धोखाधड़ी, सरकारी व निजी संपत्तियों पर कब्जा करने, अवैध वसूली, असलहों, मछली आदि विविध वस्तुओं की तस्करी, गैंगस्टर, क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट, मकोका, एनएसए, आदि गंभीर आरोपों में मुकदमे कायम किए गए हैं। पर गवाहों के मुकर जाने से कोर्ट से वह अक्सर छूट जाया करता था।
इसके अलावा गाजीपुर में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या, मऊ में ए श्रेणी ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह दोहरा हत्याकांड, मन्ना हत्याकांड के गवाह रामचंद्र मौर्य और उनके अंगरक्षक सिपाही सतीश के दोहरे हत्याकांड मामलों में अभी सुनवाई जारी है।
फर्जी शस्त्र लाइसेंस का पहला मामला
मुख्तार के खिलाफ पहला मामला फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने से जुड़ा हुआ है। यह मुकदमा गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था। मुख्तार के खिलाफ इलाहाबाद की स्पेशल एमपीएमएलए कोर्ट में भी गैंगस्टर के चार मुकदमे चल रहे हैं। इन चारों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं, अदालत ने चारों मामलों में मुख्तार पर आरोप भी तय कर दिए हैं। इसके अलावा हत्या के प्रयास से जुड़ा मुकदमा गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में आईपीसी की धारा 307 और 120 बी के तहत दर्ज हुआ था। मुकदमे की प्रक्रिया साल 2010 में ही शुरू हो गई थी। इसमें मुख्य आरोपी सोनू यादव केस से बरी हो चुका है। मुख्तार का मामला अभी ट्रायल की स्टेज पर है और काफी दिनों से सुनवाई ठप पड़ी है।
बनारस में कांग्रेस नेता अजय राय के भाई की हत्या का केस
पूर्वाचंल में लगातार अपराध को हवा देने वाले मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। मामले में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। मुख्तार पर हत्या का एक और मुकदमा वाराणसी जिले का है। यह मामला कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या से जुड़ा हुआ है। इस मामले में चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
इसके अलावा आजमगढ़ जिले में हुई हत्या में मुख्तार पर आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120 ठ यानी साजिश रचने का आरोप है। मामले की एफआईआर आजमगढ़ के तरवां थाने में दर्ज हुई थी। इसी तरह एक अन्य मामले में मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का ही एक और मामला है। इस मामले में मऊ जिले के दक्षिणटोला थाने में केस दर्ज है। मुकदमे का ट्रायल साल 2012 में शुरू हुआ था। इसके अलावा आजमगढ़ के तरवां क्षेत्र के ऐराकला गांव में सड़क के एक ठेके के विवाद में ठेकेदार पर फायरिंग की गई थी। जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी।
मुख्तार के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज डबल मर्डर केस का है। पूर्वांचल के मऊ जिले में साल 2009 में ए कैटेगरी के बड़े ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना की दिनदहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने एके 47 का इस्तेमाल कर हत्या कर दी थी।