दर्द तो सबको होता है! दिल से कभी न करें खिलवाड़, रिश्तें होते हैं बहुत अनमोल
जिंदगी में चाहे कितना भी इंसान रिश्तों को नाकार दें, दूर हो लें पर कभी न कभी तो दिल भी अपनापना चाहता है। उसे भी अपनी खुशी और दर्द बताते वाला कोई चाहिए होता है।
रचयिता- विदुषी मिश्रा(Vidushi Mishra)
लखनऊ: आज के जमाने में रिश्तों की कोई अहमियत ही नहीं रह गई है। एक तरफ जमाना जितना आधुनिक यानी मॉर्डन हो रहा है, लोग उतने ही रिश्तों को भूलते जा रहे हैं। या यू कहें तो अब रिश्तों की कोई कद्र ही नहीं रह गई है। जिंदगी में चाहे कितना भी इंसान रिश्तों को नाकार दें, दूर हो लें पर कभी न कभी तो दिल भी अपनापना चाहता है। उसे भी अपनी खुशी और दर्द बताते वाला कोई चाहिए होता है। लेकिन लोगों को ये बात तब समझ में आती, जब देर कुछ ज्यादा ही हो चुकी होती है। रिश्ते वाकई में बहुत अनमोल होते हैं। उनसे खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
दर्द सिर्फ खून के रिश्तों मे ही नहीं होता,
दिल सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के ही नहीं टूटते,
आँसू सिर्फ अपनों के ही बिछड़ने पर नहीं आते,
मन विछिप्त हमेशा स्वयं के लिये ही नहीं होता,
और प्यार हमेशा जताने के लिये ही नहीं होता,
बल्कि,
दर्द तो हर उस रिश्ते मे होता हैं, जो आपने मान-सम्मान और ख़ुशी से बनाया हो |
दिल तो उनके भी टूटते हैं, जिनके दिलों मे दया-मया-हया रहतीं हैं|
आँसू तो हर उस इंसान से हुए लगाव पर भी आते हैं, जिसमें इंसानियत की भावना होती हैं|
मन विक्षिप्त हर उस व्यक्ति और वस्तु के लिये भी होता हैं, जिसे आपने हमेशा प्रेम से सींचा होता हैं|
और प्यार तो प्यार ही हैं, दिखाने और जताने से नहीं, बल्कि चल रही दिल की धड़कनो से होता हैं|