Ball Tampering: ऑस्ट्रेलिया का दामन रहा है काफी दागदार, नागपुर टेस्ट में हालत पतली होने पर भारत पर मढ़ा आरोप

Ball Tampering: फॉक्स क्रिकेट ने एक वीडियो शेयर करते हुए भारतीय गेंदबाज रविंद्र जडेजा के उंगुली पर मरहम लगाने पर सवाल खड़े किए हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-02-10 12:38 IST

ND vs AUS 1st Test (photo: social media )

Ball Tampering: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया की हालत पतली होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की ओर से एक नया विवाद पैदा कर दिया गया है। फॉक्स क्रिकेट ने एक वीडियो शेयर करते हुए भारतीय गेंदबाज रविंद्र जडेजा के उंगुली पर मरहम लगाने पर सवाल खड़े किए हैं। फॉक्स क्रिकेट की ओर से यह वीडियो शेयर किए जाने के बाद कंगारू टीम के पूर्व कप्तान टिम पेन और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की है।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की ओर से जडेजा को लेकर सवाल तो जरूर खड़े किए गए हैं मगर आरोपों को पूरी तरह बेदम बताया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की मीडिया की ओर से अपना घर देखने की कोशिश भी नहीं की गई। ऑस्ट्रेलियाई टीम हाल के दिनों में बॉल टेंपरिंग को लेकर बड़े विवाद में फंसी थी। इस कारण ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के तीन प्रमुख खिलाड़ियों तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरून बानक्रॉफ्ट पर बैन भी लगाया गया था।

आखिरकार वीडियो में क्या है?

सबसे पहले जडेजा से जुड़े विवाद को समझना जरूरी है। ऑस्ट्रेलिया के फॉक्स क्रिकेट चैनल ने जडेजा का एक वीडियो शेयर किया जिसमें जडेजा अपनी उंगली पर कुछ लगाने के बाद बॉलिंग करते हुए नजर आए। वीडियो उस समय का है जब ऑस्ट्रेलियाई टीम का स्कोर 5 विकेट के नुकसान पर 120 रन था।

इस दौरान जडेजा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के पास जाते हैं और सिराज के हाथ में लगी कोई चीज उन्होंने अपने हाथ में ली और फिर उसे अपनी बॉलिंग फिंगर पर रगड़ने लगे। हालांकि वीडियो में जडेजा उस चीज को बॉल पर रगड़ते हुए नजर नहीं आए।

बीसीसीआई ने खारिज किए आरोप

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने यह वीडियो शेयर करते हुए सवाल खड़ा किया कि सिराज ने आखिरकार जडेजा को क्या दिया है? इसे लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान टिम पेन और भारत के खिलाफ हमेशा बयान देने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी सवाल उठाया। माइकल वॉन ने लिखा कि जडेजा अपनी स्पिन करने वाली उंगली पर आखिर क्या लगा रहे हैं। पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया।

हालांकि बीसीसीआई ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई की ओर से कहा गया है कि जडेजा अपनी उंगली पर दर्द कम करने वाला मरहम लगा रहे थे।

ऑस्ट्रेलिया का दामन काफी दागदार

भारत पर बॉल टेंपरिंग का आरोप लगाने वाले आस्ट्रेलिया का इस मामले में दामन काफी दागदार रहा है। 2018 में यह मामला उजागर होने पर तूफान खड़ा हो गया था। 2018 में 5 मार्च को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के दौरान यह मामला उजागर हुआ था। केपटाउन में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच के दौरान उजागर हुए बॉल टेंपरिंग के इस मामले को सेंड पेपर गेट कांड नाम दिया गया था। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के बेनक्रॉफ्ट सैंड पेपर को गेंद पर रगड़ते हुए दिखे थे।

तीन खिलाड़ियों पर लगा था बैन

सैंड पेपर को गेंद पर रगड़ने से रिवर्स स्विंग में मदद मिलती है। बेनक्राफ्ट ने इस मामले को लेकर मीडिया और मैच रेफरी के सामने अपनी गलती मानी थी। इस मामले के उजागर होने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तूफान खड़ा हो गया था और बड़ी कार्रवाई की गई थी।

ऑस्ट्रेलियाई टीम के तीन खिलाड़ियों तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और बेनक्रॉफ्ट पर बैन लगा दिया गया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्मिथ और वॉर्नर पर एक-एक साल और बेनक्रॉफ्ट पर 9 महीने का बैन लगाया था।

स्टीव स्मिथ ने मांगी थी माफी

इस मामले के उजागर होने के बाद तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ ने मीडिया के सामने माफी मांगी थी और इस दौरान वे फूट-फूट कर रोने लगे थे। उन्होंने इस घटना को अपनी कप्तानी की नाकामी माना था। इस घटना ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को शर्मसार कर दिया था और क्रिकेट आस्ट्रेलिया की ओर से स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर को कड़ी चेतावनी भी दी गई थी।

ऑस्ट्रेलिया के कमजोर होने पर पैदा किया विवाद

अब आस्ट्रेलिया की ओर से नागपुर टेस्ट के पहले दिन ही नया विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई है। जानकारों का मानना है कि पहले दिन ही भारत के ड्राइविंग सीट पर आ जाने के कारण ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने एक नया विवाद पैदा करने की कोशिश की है।

नागपुर टेस्ट में पहले दिन का खेल के दौरान ऑस्ट्रेलिया की टीम 177 रनों पर ऑल आउट हो गई थी। इसके जवाब में भारतीय टीम ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के समय 1 विकेट के नुकसान पर 77 रन बना लिए थे। इस विवाद के पीछे ऑस्ट्रेलिया टीम की कमजोर स्थिति को बड़ा कारण माना जा रहा है।

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