आईसीसी ने वनडे क्रिकेट के भविष्य पर खतरे से किया इनकार

आईसीसी के सीईओ ज्योफ एलार्डिस (Geoff Allardice) ने वनडे क्रिकेट के भविष्य को खतरे में होने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि 2023-27 सत्र में वनडे मैचों की संख्या में कोई कमी नहीं की जाएगी।

Written By :  Aakash Mishra
Update:2022-07-28 14:04 IST

Geoff Allardice (Image Credit: Twitter)

पिछले कुछ दिनों से वनडे क्रिकेट के भविष्य को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है। कई पूर्व क्रिकेटर और कॉमेंटेटर का मानना है कि यह फॉर्मेट जल्द ही खत्म हो जाएगा। हाल ही में बेन स्टोक्स के वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने और साउथ अफ्रीका द्वारा ऑस्ट्रेलिया का वनडे दौरा स्थगित करने के बाद इन चर्चा ने और तूल पकड़ ली है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने वनडे क्रिकेट के भविष्य को लेकर चिंताओं का खंडन कर दिया है। आईसीसी ने कहा कि 2023-27 सत्र में वनडे मैचों की संख्या में कोई कमी नहीं की जाएगी।

हाल ही में बर्मिंघम में आईसीसी गवर्निंग बॉडी की मीटिंग हुई, जिसके बाद आईसीसी के सीईओ (CEO) ज्योफ एलार्डिस (Geoff Allardice) ने कहा, 'अलग-अलग देशों ने अपने अगले फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम्स (FTP) 2023-27 में अच्छी संख्या में वनडे मैचों को रखा है। ऐसे में आप 50 ओवर के इन मैचों की संख्या या अनुपात में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखेंगे।'

वनडे क्रिकेट के भविष्य पर कोई खतरा नहीं

ज्योफ एलार्डिस ने अपने एक बयान में कहा, "मुझे लगता है कि इस समय क्रिकेट बिरादरी के बीच काफी चर्चा चल रही है, लेकिन खासकर वनडे क्रिकेट के बारे में नहीं, बल्कि कैलेंडर में विभिन्न प्रारूपों के समायोजन के बारे में। सभी क्रिकेट खेलने वाले देश अपने फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम्स (FTP) में अभी भी काफी मात्रा में वनडे मैच रख रहे हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि आप एफटीपी में हमारी योजना के अनुसार वनडे मैचों की संख्या या वनडे मैचों के अनुपात में बहुत अधिक परिवर्तन देखेंगे। मुझे फिलहाल वनडे क्रिकेट के भविष्य पर कोई खतरा मंडराते नजर नहीं आ रहा है।"

साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा स्थगित किया था

हाल ही में क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) ने अगले साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले वनडे सीरीज को स्थगित कर दिया था। साउथ अफ्रीका बोर्ड जनवरी में एक नए फ्रेंचाजी टी20 लीग की शुरुआत कर रही है, जिसके मद्देनजर बोर्ड ने ऑस्ट्रेलिया दौरा रद्द करने का फैसला किया। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी क्रिकेट बोर्ड लीग मैचों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं।

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