टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ में शामिल हुए पैडी अप्टन, विश्वकप 2011 की जीत में निभाई थी भूमिका
IND vs WI T20 Series: 2009 के समय भारतीय टीम के मुख्य कोच गैरी कर्स्टन थे। उनके कार्यकाल में भारत ने वनडे विश्वकप का खिताब अपने नाम किया था। उस समय टीम के कोचिंग स्टाफ के रूप में पैडी अप्टन ने भी अपना योगदान दिया था। उस समय भारत पहली बार वनडे में पहली बार टीम रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंची थी।
IND vs WI T20 Series: टीम इंडिया 29 जुलाई से वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 मैचों की टी-20 सीरीज खेलेगी। इस टी-20 सीरीज (IND vs WI T20 Series) के लिए चुनी गई टीम वेस्टइंडीज पहुंच चुकी है। लेकिन इस बार टीम के साथ एक खास कोचिंग स्टाफ भी जुड़ेंगे। जी हां, टीम इंडिया के साथ इस दौरे (IND vs WI T20 Series) पर पैडी अप्टन भी अपना कार्यकाल शुरू कर रहे हैं। हाल ही में BCCI ने उन्हें नियुक्त किया था। इससे पहले भी पैडी अप्टन भारतीय टीम के साथ कोचिंग स्टाफ के रूप में जुड़े थे। 2011 में जब भारत ने विश्वकप का खिताब जीता था तब वो कोचिंग स्टाफ के सदस्य रहे थे।
गैरी कर्स्टन के साथ किया काम:
2009 के समय भारतीय टीम के मुख्य कोच गैरी कर्स्टन थे। उनके कार्यकाल में भारत ने वनडे विश्वकप का खिताब अपने नाम किया था। उस समय टीम के कोचिंग स्टाफ के रूप में पैडी अप्टन ने भी अपना योगदान दिया था। उस समय भारत पहली बार वनडे में पहली बार टीम रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंची थी। अब एक बार फिर पैडी अप्टन मेंटल कंडीशनिंग कोच के रूप में भारतीय टीम के साथ जुड़े रहेंगे। मिली जानकारी के अनुसार अप्टन ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्वकप तक टीम के साथ जुड़े रहेंगे। उनका विंडीज दौरे से भारतीय टीम के साथ दूसरा कार्यकाल शुरू हो जाएगा।
जानिए कौन हैं पैडी अप्टन:
दक्षिण अफ्रीका के पैडी अप्टन क्रिकेट की कई बड़ी लीग से जुड़े रहे हैं। अप्टन कैप्टाउन यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स में मास्टर डिग्री हासिल की हुई है। हमवतन गैरी कर्स्टन के साथ उन्होंने काफी समय तक काम किया है। उन्होंने IPL,PCL और बिग बैश लीग की टीमों के साथ भी काम कर चुके हैं। आईपीएल में वह राजस्थान रॉयल्स राहुल द्रविड़ के साथ कोचिंग स्टाफ काम कर चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर उन्हें BCCI ने कोचिंग स्टाफ में शामिल कर लिया।
टीम इंडिया को टी-20 में मिलेगा फायदा:
टीम इंडिया को पैडी अप्टन के मेंटल कंडीशनिंग कोच बनने से टी-20 में काफी फायदा मिलेगा। उनका काम टीम के खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर मजबूत रखने का होगा। कोई भी टीम मैच के बुरे से बुरे हालात में अगर मानसिक रूप से मजबूत होती हैं तो मैच में वापसी की उम्मीद भी उतनी ज्यादा होती हैं। अब वो बतौर मानसिक कंडीशनिंग कोच रूप में भारतीय टीम के साथ जुड़े हैं।