ब्रिस्टल : आईसीसी महिला विश्व कप के अपने छठे मैच में भारतीय टीम आज मौजूदा विजेता और जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही आस्ट्रेलिया से भिड़ेगी। दोनों टीमों को हालांकि अपने पिछले मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा था। यह मुकाबला यहां के काउंटी ग्राउंड पर खेला जाएगा।
भारतीय कप्तान मिताली राज पर खास तौर पर सबकी नजरें रहेंगी। वह 34 रन बनाने के साथ वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे अधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर सकती हैं। पिछली पारी में वह अपने करियर में पहली बार शून्य पर आउट हो गई थीं।
भारत टूर्नामेंट में अब तक पांच में से तीन मुकाबलों में टॉस जीतने में सफल रहा है। अब दुनिया की नंबर एक टीम के खिलाफ अगर किस्मत ने उसका साथ दिया तो वह टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना चाहेगा। भारत के पिछले साल के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर स्मृति मंधाना और मिताली ने दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी करते हुए 150 रन जोड़े थे। हरमनप्रीत कौर को टीम की अनुभवी हरनफनमौला खिलाड़ी के तौर पर अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी।
भारतीय बल्लेबाजी में गहराई है और नौवें क्रम तक उसके पास बल्लेबाजी करने वाली खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें स्ट्राइक को रोटेट करते रहना होगा। यह काम इतना आसान नहीं है, क्योंकि ब्रिस्टल में पहली बार खेलते हुए उसका पाला एक खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण से पड़ रहा है।
रविवार को ऑस्ट्रेलिया को इंग्लैंड के खिलाफ बेहद रोमांचक मैच में तीन रन से हार का सामना करना पड़ा। यह ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी सदमे से कम नहीं है, क्योंकि उसे इंग्लैंड के हाथों विश्व कप में 24 साल के बाद पराजय झेलनी पड़ी।
कप्तान मेग लैनिंग ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की अगुवाई करेंगी। यह अनुभवी खिलाड़ी विश्व कप में खेले 21 मुकाबलों में 72 रन प्रति पारी की औसत से 1,232 रन बना चुकी हैं। जाहिर है कि बुधवार को गेंदबाजी पर सबकी निगाहें रहेंगी। एकता बिष्ट और दीप्ति शर्मा को लगातार अपनी गेंदबाजी में पैनापन लाना होगा। वहीं विकेट के पीछे सुषमा वर्मा की भूमिका भी अहम होगी।
इस समय भारतीय टीम पूल में तीसरे स्थान पर है। ऑस्ट्रेलिया के बाद उसे अपने अंतिम राउंड रॉबिन लीग मैच में न्यूजीलैंड से खेलना है। उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत अच्छे औसत के साथ अच्छी जीत दर्ज कर सके।
इस समय मिताली और झूलन अपने करियर के अंतिम चरण में हैं। टीम विश्व कप की शानदार जीत के बाद इन दोनों दिग्गजों की विदाई को यादगार बनाना चाहेगी। ऑस्ट्रेलिया के साथ यह मुकाबला भारतीय महिला क्रिकेट के भविष्य को अगले दशक तक प्रभावित कर सकता है।