IPL में धमाल मचा रहा ये क्रिकेटर, कभी किट खरीदने को नहीं थे पैसे, ऐसी है कहानी

प्रियम अंडर 19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कप्तानी रह चुके हैं। उनका क्रिकेट के मैदान पर सफर मुश्किलों से भरा हुआ है। प्रियम के संघर्ष की कहानी सुनकर आपकी आखों में आंसू जाएंगे।

Update: 2020-10-03 07:21 GMT
प्रियम अंडर 19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कप्तानी रह चुके हैं। उनका क्रिकेट के मैदान पर सफर मुश्किलों से भरा हुआ है। उनके संघर्ष की कहानी सुनकर आपकी आखों में आंसू जाएंगे।

लखनऊ: शुक्रवार को चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच रोचक मुकाबले खेला गया। इस मुकाबले में हैदराबाद ने चन्नेई को 7 रन से हरा दिया। लेकिन इस मैच में सबसे खास बात रही है कि क्रिकेट प्रेमियों का एक क्रिकेटर ने दिल जीत लिया। यह कोई और नहीं बल्कि सनराइजर्स के युवा बल्लेबाज प्रियम गर्ग हैं। इनके दमदार हाफ सेंचुरी की चर्चा हर तरफ हो रही है।

प्रियम ने चेन्नई के खिलाफ सिर्फ 26 गेंदों पर ताबड़तोड़ 51 रन जड़े। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने यह पारी ऐसे वक्त पर खेली जब सनराइजर्स के धुरंधर खिलाड़ी आउट हो चुके थे।

प्रियम अंडर 19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कप्तानी रह चुके हैं। उनका क्रिकेट के मैदान पर सफर मुश्किलों से भरा हुआ है। प्रियम के संघर्ष की कहानी सुनकर आपकी आखों में आंसू जाएंगे।

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11 साल की उम्र की मां का निधन

प्रियम उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं। उनका घर जिले से 25 किलोमीटर दूर क़िला परिक्षितगढ़ में हैं। जब वह सिर्फ 11 वर्ष के थे तो उनकी मां का निधन हो गया था। उनकी मां का सपना था कि बेटा क्रिकेटर बने। बेटा आज एक कामयाब क्रिकेटर बन चुका है, लेकिन मां नहीं है जो देख सके।

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साल 2011 में मां के निधन के बाद प्रियम ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए खूब मेहनत की। हर दिन वो पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट के मैदान पर 7 से 8 घंटे तक प्रैक्टिस करते थे। उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि उनका 7 साल बाद यानी साल 2018 में उत्तर प्रदेश की रणजी टीम में चयन हो गया।

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खर्च चला नहीं पाते थे पिता

प्रियम के पिता नरेश गर्ग स्कूल वैन चलाकर घर का खर्चा चलाते थे। प्रियम का परिवार बड़ा था और वह पांच भाई बहन हैं। इसलिए उनके पिता के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा था। प्रियम की क्रिकेट में दिलचस्पी थी इसलिए उनके पिता ने कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी। क्रिकेट किट खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन बेटा निराश न हो इसलिए पिता ने अपने दोस्त से उधार लेकर बेटे की डिमांड पूरी की।

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