तेज धावकों की खेती: केन्या के एथलीट- दौड़ ने महिलाओं की किस्मत बदल दी

Update: 2018-10-24 09:28 GMT

लखनऊ : मैराथन और लंबी दूरी की दौड़ों में अक्सर केन्या के खिलाड़ी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हैं। और फिर कोई केन्या का धावक उस रिकॉर्ड को तोड़ता है। यह सिलसिला अभी तक चल रहा है। विश्व में केन्या एक ऐसा देश है जहां पर सबसे ज्यादा तेज दौड़ने वाले इंसान पाए जाते हैं यहां के धावक प्रैक्टिस करने के लिए रातों में बाहर निकलते हैं। ज्यादातर नंगे पैर ही मैदानों में दौड़ते हैं, आज के समय में वहां की हर गली में एक धावक पैदा होता है। यहां के गांवों में भविष्य के वर्ल्ड चैंपियन दौड़ते हुए नजर आ जाते हैं। दौड़ ने केन्या की महिलाओं की किस्मत भी बदल दी है। इटेन की सड़कों पर चमचमाती कारों से वर्ल्ड चैंपियन दौड़ रहे हैं जो नई पीढ़ी में उनके जैसा बनने की ललक भरता है। केन्या में तेज धावकों की खेती की जाती है। केन्या की 42 फीसदी आबादी 15 वर्ष से कम आयु की है और देश के विकास में यहां खेलों का बहुत महत्व है। केन्या की रिफ्ट वैली का वातावरण ऐसा है जहां दौड़ना जरूरी है। समुद्र तल से 2,350 मीटर की ऊंचाई पर बसे इटेन पेशेवर धावकों लिए वो जगह हैं जहां से वो अपना सपना पूरा करते हैं।

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ब्रदर कोल्म ओकोनेल

पेशेवर धावकों का मक्का मदीना कहे जाने वाला केन्या ग्रेट ब्रिटेन का उपनिवेश रह चुका है। एक दिन 1976 में आयरलैंड में पैदा हुए ब्रदर कोल्म ओकोनेल इटेन पहुंचे।गए थे चर्च के मिशन के तहत लेकिन वहां पहुंचे ब्रदर ओकोनेल लोगों के दौड़ने की क्षमता देखकर हैरान हो गए।फिर उन्होंने वहां एक सपना देखा।उनका सपना था नौजवानों को पेशेवर धावक के रूप में तराशना। वो अपने काम में जुट गए।

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केन्या एथलेटिक्स संघ और स्पोटर्स सेंटर

केन्या में धावक तराशने के काम कई स्तर के संगठन लगे हुए है। प्राथमिक और द्वितीयक एथलेटिक्स संघ जैसी बहुत अच्छे संगठन हैं। ये कम उम्र वाली प्रतिभाओं को पहचान ले रहे हैं। 1976 से अब तक अकादमी 25 वर्ल्ड चैंपियन, चार ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट और 800 मीटर के मौजूदा रिकॉर्डधारी डेविड रुडिशा को पैदा कर चुकी है।दुनिया भर में ख्याति कमाने वाले धावकों ने यहां काफी पैसा दान किया है जिसकी वजह से पहाड़ियों पर नए स्पोटर्स सेंटर बनाए जा रहे हैं।

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एथलेटिक्स संघ को फंड देने से ही मना कर दिया

दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली एथलीट अफ्रीकी देशों से आते है। उनमें भी सबसे ज्यादा खिलाड़ी केन्या से होते है,खासकर के मैराथन के।प्राइमरी स्कूल से ही केन्या के एथलीट अपनी तैयारियों में लग जाते है। केन्या के एथलीट कहते है कि आप जब खेलकर एक साल में 10 लाख डॉलर कमा सकते है,तो यही से हमारे खेल की शुरूआत हो जाती है। केन्या की सरकार ने इस साल की शुरूआत में एथलेटिक्स संघ को फंड देने से ही मना कर दिया। उनका मत था कि ये खिलाड़ी बचपन से प्रोफेशनल होते है। बड़ी प्रतियोगिताओं के होने के बारे में सुनते ही ये खुद ही प्रेरित होकर तैयारी शुरू कर देते है।

एथलीटों के लिये अच्छा माहौल

केन्या के नैरोबी को वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) विश्व एथलेटिक्स अंडर-20 चैंपियनशिप की मेजबानी के लिये चुना गया है।अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप वर्ष 2020 में सात से 12 जुलाई तक होगी। पिछले वर्ष नैरोबी में विश्व अंडर-28 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की सफल मेजबानी की गयी थी।

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दुनिया की टॉप-10 मैराथन

संपादकों के समूह ने कुछ समय पहले दूनिया के 10 सबसे बड़े मैराथन चुने थे। जिनमें एम्स्टर्डम, होनोलुलु, पेरिस, रोटर्डमऔर ,स्टॉकहोम मैराथन शामिल थे। कुछ दिलचस्प मैराथनों संयुक्त राज्य मरीन कोर मैराथन, लॉस एंजेलेस और रोम, बोस्टन मैराथन शामिल है। इस लिस्ट में यूरोप की सबसे पुरानी मैराथन, कोसीच शांति मैराथन कोसीच, स्लोवाकिया भी शामिल है।

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इनके नाम दर्ज है पहली मैराथन जीतने का रिकार्ड

केन्या के इब्राहिम हुसैन के नाम पहली प्रमुख मैराथन जीतने वाले की उपलब्धि दर्ज है। इब्राहिम ने 1 988 में बोस्टन मैराथन तंजानिया के जुमा इकंगा को एक सेकंड के अंतर से जीती थी।

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ओलम्पिक मैराथन चैंपियन इलियड किपचोगे

केन्या के ओलम्पिक मैराथन चैंपियन इलियड किपचोगे ने मैराथन का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। 33 वर्षीय किपचोगे ने बर्लिन मैराथन में दो घंटे एक मिनट और 39 सेकंड का समय लेकर नया रिकॉर्ड बनाया और वह उपलब्धि हासिल की जो उनके पास नहीं थी। आधुनिक युग के सबसे महान मैराथन धावक किपचोगे ने हमवतन डेनिस किमेतो के रिकॉर्ड में एक मिनट 14 सेकंड का सुधार कर दिया।ये 1967 के बाद सबसे कम समय में बना रिकार्ड है।किमेतो ने अपना रिकॉर्ड इसी कोर्स पर 2014 में बनाया था। 5000 मीटर के पूर्व विश्व चैंपियन और 2016 के रियो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले इलियड किपचोगे एथलीट की दुनिया के बादशाह हैं। उनकी ये उपलब्धि तोड़ पाना किसी भी धावक के लिए आसान नहीं होगा।

केन्या सुपर धावक

एलियुड किपचोग

डंकन कैबेट

जेम्स कंबई

पैट्रिक मकाऊ

पॉल टर्गाट

जेफ्री मुताई

सैमी कोरिर

हाबिल किरुई

सैमुअल वांजिरु

विन्सेंट किप्रूटो

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