Sports Quota: स्पोर्ट्स कोटा के कहां और क्या है फायदे जानें यहां...

Sports Quota: यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स कोटा से एडमिशन लेने का एक प्रावधान हैं। इससे सीधे एडमिशन उन स्टूडेंट्स को दिया जाता है जिन्होंने कुछ कंपटीशन में देश का रिप्रेजेंट किया है। स्पोर्ट्स कोटा के खिलाड़ीयों को सीधा रिक्रूटमेंट के जरिए ग्रुप 'सी' या ग्रुप 'डी' के आधार पर सरकारी नौकरियां भी दी जाती है।

Update:2023-06-07 19:09 IST
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Sports Quota: देश में काफी लोगों ने स्पोर्ट्स फील्ड में नाम हासिल कर एक मुकाम बनाया है वह स्टेट और नेशनल लेवल पर पहचान बना लेते है। खिलाड़ियों और खेलों में खेल के प्रति उत्साह को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में स्पोर्ट्स कोटा की कैटेगरी को लागू किया है। यहां समझिए क्या है स्पोर्ट्स कोटा कैसे इसका फायदा लिया जा सकता है।

गवर्नमेंट सेक्टर में Sports Quota

भारतीय रेलवे(Indian Railway), भारतीय सेना(Indian Army), पुलिस(Police), सरकारी बैंक/विश्वविद्यालय(Government Bank/University), पीएसयू समेत ज्यादा से ज्यादा सरकारी संस्था(government institution) समय-समय पर मेधावी खिलाड़ियों(Meritorious Players) की भर्ती करते है। भारत सरकार के कुछ विभाग खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए हमेशा आगे रहते है। स्पोर्ट्स कोटा प्लेयर्स को बेहतर शिक्षा व नौकरी देता है और खिलाड़ी देश के लिए खेलों के जरिए मान बढ़ाते है।

यूनिवर्सिटी में छूट

प्लेयर्स को अच्छे यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स कोटा से एडमिशन मिल जाता है। इसे सरल रूप से इस उदाहरण के साथ समझ सकते है। अगर एक कॉलेज c ने कोर्स M में एडमिशन के लिए कट ऑफ 90 पर्सेंटेज तय किया गया है तो स्पोर्ट्स कोटा से प्लेयर्स कैंडिडेट्स को एडमिशन आराम से मिल जाएगा, जिनके 90 प्रतिशत से कम नंबर होंगे। लेकिन बशर्ते उनके पास स्टेट या नेशनल लेवल का स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट होना चाहिए,जिस भी सर्टिफिकेट का मांग यूनिवर्सिटी करती हो।

स्पोर्ट्स कोटा से यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को अटेंडेंस रिपोर्ट्स व इंटरनल टेस्ट्स जैसे इंस्टीट्यूशनल फॉर्मेलिटी में भी छूट मिलती है। इस भी उदाहरण के साथ समझते है, मान लीजिए किसी टर्म के इंटरनल असेस्मेंट के टेस्ट एक डेट पर रखे गए हैं और स्पोर्ट्स कोटा से एडमिशन लेने वाला स्पोर्ट्स के कारण से उस दिन टेस्ट नहीं दे सकता है तो उसे बाद में भी टेस्ट देने का मौका दिया जाता है। इसके अतिरिक्त ही यदि यूनिवर्सिटी के फाइनल एग्जाम में बैठने के लिए 70 प्रतिशत अटेंडेंस जरूरी है तो स्पोर्ट्स कोटा के स्टूडेंट्स को इससे कम अटेंडेंस होने के बाद भी पेपर देने के लिए योग्य माना जाता है। लेकिन इसके लिए भी फॉर्मेलिटी है। स्टूडेंट्स को एब्सेंट रहने के दौरान खेल में प्रेजेंट रहने का रिकॉर्ड दिखाना पड़ता है।

किन कंपटीशन से मिलता है स्पोर्ट्स कोटा?

भारत सरकार उन मेधावी खिलाड़ियों(Meritorious Players) की नियुक्ति करती है। जो दक्षिण एशिया फेडरेशन खेलों, जिला, राज्य, ओलंपिक, एशियाई खेलों, फेडरेशन कप, विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेलों, यूएसआईसी चैम्पियनशिप और कई अन्य खेल गतिविधियों में नेशनल और इंटरनेशनल कंपटीशन में रिप्रेजेंट करते है। इन प्लेयर्स की नियुक्ति किसी भी पद पर डायरेक्ट रिक्रूटमेंट हो सकता है। इस के माध्यम से ग्रुप 'सी' या ग्रुप 'डी' के आधार पर हो जाती है।

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