U19 World Cup 2024: कौन है भारतीय मूल के हरजस सिंह, जो यूथ ब्रिगेड के लिए बने विलेन
U19 World Cup 2024: फाइनल मैच में भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई जूनियर टीम के बल्लेबाज हरजस सिंह ने शानदार फिफ्टी जड़ी थी, जो इस पूरे मैच के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे।
U19 World Cup 2024: अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय जूनियर क्रिकेट टीम का सपना टूटकर चकनाचूर हो गया। रविवार को दक्षिण अफ्रीका में इस टूर्नामेंट के फाइनल मैच में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया की जूनियर टीम ने 79 रनों से मा दी और इसके साथ ही उनके वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीदों को तोड़ दिया। टीम इंडिया की यूथ ब्रिगेड को इस हार के बाद काफी बड़ा सदमा लगा। जिससे ये युवा खिलाड़ी अभी तक नहीं उबर पाएं हैं। टीम इंडिया का ये बड़ा सदमा हमारे ही देश के एक खिलाड़ी ने दिया है।
भारतीय मूल के हरजस सिंह ही बने यूथ ब्रिगेड के लिए विलेन
जी हां... टीम इंडिया की यूथ ब्रिगेड को निराश होने पर मजबूर करने वाले कोई और नहीं बल्कि भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हरजस सिंह हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में हरजस सिंह ने भारतीय अंडर-19 टीम से हाथ से जीत को छिन लिया। हरजस सिंह ने फाइनल मैच में बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने इस मैच में केवल 64 गेंद में 55 रन बनाए, जिसमें उनके बल्ले से 3 चौके और 3 छक्के निकले। उनकी इस पारी ने ऑस्ट्रेलिया जूनियर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
फाइनल मैच में शानदार पारी खेलने वाले कौन है हरजस सिंह?
हरजस सिंह फाइनल मैच में ना केवल सबसे बड़े स्कोरर रहे, बल्कि दोनों ही टीम की तरफ से अर्धशतक लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज रहे। जिस हरजस सिंह ने भारत के हाथ से जीत को छिन लिया, चलिए जानते हैं। भारतीय मूल का ये हरजस सिंह कौन है, जो टीम इंडिया की यूथ आर्मी के लिए बना सबसे बड़ा विलेन....
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 2005 में हुआ हरजस का जन्म
हरजस सिंह का जन्म ऑस्ट्रेलिया में ही हुआ है। उनका जन्म सिडनी में साल 2005 में हुआ। इस खिलाड़ी का भारत से गहरा नाता रहा है, क्योंकि उनके पिता चड़िगढ़ के रहने वाले हैं। हरजस के पिता इन्द्रजीत सिंह ट्रेवल इंडस्ट्री के साथ जुड़े हैं। वो काम के सिलसिले में चड़िगढ़ को छोड़कर साल 2000 में ऑस्ट्रेलिया चले गए। ऑस्ट्रेलिया में हरजस के पिता टेक्सी चलाते थे। और उनकी मां अरविंदर कौर गृहिणी थी। हरजस के माता-पिता स्पोर्ट्स से जुड़े रहे थे। जिसमें उनके पिता इन्द्रजीत सिंह राज्य लेवल पर मुक्केबाज रह चुके हैं, तो उनकी मां अरविंदर कौर भी लंबी कूद में चैंपियन रही हैं।
पिता साल 2000 में चड़िगढ़ को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया पहुंचें
ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद हरजस का जन्म हुआ, 2005 में जन्म लेने वाले हरजस सिंह ने अपने क्रिकेट सफर की शुरुआत साल 2013 में की, जब वो 8 साल के थे। तब उन्होंने सिडनी में ही रेवेस्बी वर्कर्स क्रिकेट क्लब के लिए खेलना शुरू किया। इसके बाद क्रिकेट खेलने में लीन हो गए। हरजस ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो 2015 में अपनी 10 साल की उम्र में भारत आए थे, चड़िगढ़ में उनका घर बना हुआ है। हरजस लगातार क्रिकेट खेलते रहे और मेहनत से आगे बढ़ते रहे। अपने बाद स्पिन गेंदबाजों को बहुत ही अच्छी तरह से खेलने के कारण उनका सेलेक्शन ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम में हो गया और आज वो इस टीम की खिताबी जीत के सबसे बड़े नायक रहे।