जानिए धोनी के ग्लव्स पर बने चिन्ह को लेकर क्यों मचा है बवाल

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर भारतीय सेना के बलिदान बैज को लेकर आईसीसी की आपत्ति पर बहस तेज हो गई है।

Update: 2019-06-07 08:38 GMT

मुंबई: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर भारतीय सेना के बलिदान बैज को लेकर आईसीसी की आपत्ति पर बहस तेज हो गई है। विश्व कप में भारतीय टीम के पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धोनी ने जो दस्ताने पहने थे, उन पर सेना का बलिदान बैज बना हुआ था।

इस पर आईसीसी ने बीसीसीआई से अपील की है कि वह धोनी को दस्तानों से लोगो हटाने को कहे। आईसीसी का कहना है कि नियमों के मुताबिक किसी भी अन्य प्रतीक वाली चीजों को मैदान पर नहीं पहना जा सकता। हालांकि बीसीसीआई इस मसले पर धोनी का समर्थन करता दिख रहा है।

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यही नहीं बीसीसीआई ने इस संबंध में आईसीसी को पत्र भी लिखा है। बीसीसीआई की प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष विनोद राय के मुताबिक इस मुद्दे पर आईसीसी को जवाब दे दिया गया है।

विनोद राय ने कहा, 'हम अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं। धोनी के दस्ताने पर जो चिह्न है, वह किसी धर्म का प्रतीक नहीं है और न ही यह कमर्शल है। विनोद राय ने कहा, 'हम आईसीसी को एमएस धोनी को उनके दस्ताने पर 'बालिदान' पहनने के लिए अनुमति लेने के लिए पहले ही चिठ्ठी लिख चुके हैं।'

राजीव शुक्ला ने कहा, 'धोनी ने कुछ भी गलत नहीं किया है। आईसीसी केवल कमर्शियल एनोडोर्समेंट के लिए शासन करता है। बीसीसीआई ने इस पर आईसीसी को पत्र लिखकर अच्छा किया है। आईसीसी के किसी नियम ने इसका उल्लंघन नहीं किया।

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वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में धोनी ने जो दस्ताने पहने थे, उन पर सेना का बलिदान बैज बना हुआ था। इस पर आईसीसी ने बीसीसीआई से अपील की थी कि वह धोनी को दस्तानों से लोगो हटाने को कहे।

यह है पूरा मामला

बुधवार को साउथेम्प्टन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के पहले मैच के दौरान धोनी को बलिदान बैज के साथ विकेटकीपिंग करते देखा गया था। दरअसल, उनके ग्लव्स पर दिखे इस अनोखे निशान (प्रतीक चिह्न) को हर कोई इस्तेमाल में नहीं ला सकता। यह बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं। इस बैज को 'बलिदान बैज' के नाम से जाना जाता है।

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