Muzaffarnagar: राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने उद्योगपति व अफसर में भिड़ंत, वीडियो वायरल

राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल की ओर से बुलाई गई बैठक में उद्योगपति और सिंचाई विभाग के अफसर मंत्री के सामने ही भिड़ गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल गया।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-08-25 10:05 GMT

राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने उद्योगपति और अफसर की भिड़ंत का वीडियो वायरल। (Social Meida)

मुजफ्फरनगर: राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल द्वारा मंगलवार को बुलाई गई बैठक में उद्योगपतियों और सिंचाई विभाग के अफसरों के बीच हंगामा हो गया। दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मंत्री के सामने ही उद्योगपतियों ने अफसरों की पिटाई कर दी। वहीं, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दरअसल, नोटिस दिए बिना मेरठ रोड पर बनी फैक्टियों की दीवारों को जेसीबी से बिस्मार कर दिए जाने के मामले में सिंचाई विभाग के एक्सईएन से नाराज चल रहे उद्यमी मंगलवार को राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल द्वारा बुलाई गई बैठक में में पहुंचे थे। बैठक में उद्योगपतियों ने मंत्री कपिल देव के सामने ही सिंचाई विभाग के अफसर के साथ जमकर हाथापाई की। दोनों पक्षों के बीच इस दौरान जमकर नोंकझोक भी हुई। रालोद ने इस मामले में प्रदेश सरकार से कार्रवाई की मांग की है।

बैठक में मंत्री कपिल देव अग्रवाल के साथ शहर के कई उद्योगपति और मंत्री के समर्थक भी शामिल थे। जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग के अधिकारी मंत्री द्वारा तय किए गए समय से घंटों बाद मीटिंग में पहुंचे, तब तक मंत्री व उनके समर्थकों और उद्योगपतियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के आने के बाद बातचीत का दौर शुरू हुआ। उद्योगपतियों ने मंत्री कपिल देव अग्रवाल की मौजूदगी में सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता हरि शर्मा के साथ अभद्रता शुरू कर दी और यहां तक कि उनके साथ धक्का-मुक्की तक की।

मामला बढ़ता देख मंत्री ने बीच बचाव कराया बाद में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला, जिसमें उद्योगपतियों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उद्योगपतियों द्वारा कथित तौर पर अवैध कब्जा की गई सिंचाई विभाग की जमीन से कब्जा हटाने को लेकर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि जब सिंचाई विभाग को सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाना था तो उन्हें पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था और बगैर नोटिस के अधिकारियों ने जबरन फैक्ट्रियों की दीवार गिरा दी जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरी शर्मा ने बताया कि मंत्री अग्रवाल ने मीटिंग के लिए बुलाया था जो भी मामला हुआ गलत हुआ। जिसकी जिम्मेदारी राज्य मंत्री की थी। वहीं. मामले में मंत्री कपिल देव अग्रवल ने बताया कि सिंचाई विभाग की एक जमीन है, जिस पर कोई इंडस्ट्रीज है, सिंचाई विभाग का कहना है कि फैक्ट्री वालों ने हमारी सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है। ये रजवाहा 40 से 50 साल से बंद पड़ा है, करीब 35 सालों से यहां फैक्ट्रियां चल रही है। कब्जा हटाने को लेकर उन्होंने कहा कि अधिकारियों को पहले सूचित करना था, मगर ऐसा नहीं किया गया। बता दें कि जनपद मुजफ्फरनगर में थाना मनसुरपुर क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया में एक राजवाहे के किनारे कई फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं।

कहा जा रहा है कि कुछ फैक्ट्रियों ने सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर फैक्ट्रियां चला रखी है। इसी शिकायत पर पिछले दिनों सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बुलडोजर ले जाकर इस सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराया था, तभी से व्यापारी सिंचाई विभाग के अधिकारियों से नाराज थे और लगातार मंत्री व विधायकों से सिंचाई विभाग के अधिकारियों की शिकायत कर रहे थे। इसी के चलते मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस पर मीटिंग बुलाई थी, जिसमें यह पूरा हंगामा हुआ। इस बीच रालोद नेता अभिषेक चौधरी ने इस मामले में ट्वीट करते हुए प्रदेश सरकार से कार्रवाई की मांग की है।

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