Punjab: सिद्धू को बड़ा झटका देने की तैयारी, लॉबिंग के बावजूद नहीं मिलेगी प्रदेश कांग्रेस की प्रधानी

हाईकमान की ओर से पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष की घोषणा इसी हफ्ते संभावित है। नए अध्यक्ष के लिए सियासत तेज है। पार्टी का नेतृत्व सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के मूड में नहीं है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  aman
Update:2022-04-07 13:52 IST

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)

Punjab Congress News: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) का अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के भीतर दोबारा अध्यक्ष बनने की चाहत हिलोरे मार रही है। अपने समर्थकों के जरिए वे लगातार हाईकमान पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं। कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहा है। मगर, सिद्धू अपने समर्थकों की बैठकों के जरिए लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है, कि पार्टी हाईकमान की ओर से पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष की घोषणा इसी हफ्ते संभावित है। नया अध्यक्ष बनने के लिए राज्य में जोड़-तोड़ की सियासत चल रही है। मगर, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के मूड में नहीं है।

दबाव बनाने में जुटे हैं सिद्धू

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पंजाब में शानदार जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को इस बार के विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। आम आदमी पार्टी (AAP) की आंधी में इस बार कांग्रेस के बड़े-बड़े चेहरे धराशाई हो गए। आप ने 92 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई। सिद्धू को खुद अमृतसर ईस्ट सीट पर अपने सियासी जीवन में पहली हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सिद्धू से प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था। इसके बावजूद सिद्धू दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए अपने समर्थकों के जरिए लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं। राज्य के कई नेता सिद्धू को दोबारा प्रधान बनवाने के लिए दबाव बनाने में जुटे हुए हैं। हाल के दिनों में सिद्धू ने अपने समर्थकों की कई बैठकें आयोजित करके हाईकमान को संदेश देने की कोशिश की है।

पंजाब के नेताओं से सोनिया की चर्चा

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल में पंजाब के नेताओं के साथ राज्य में कांग्रेस की स्थिति पर लंबी चर्चा की है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया से बातचीत में कई नेताओं का स्पष्ट तौर पर कहना था कि पार्टी की शर्मनाक हार के लिए सिद्धू भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। उनके उल्टे-सीधे बयानों और पार्टी में गुटबाजी ने पार्टी की नैया डुबोने में बड़ी भूमिका निभाई। सोनिया गांधी जल्दी की पार्टी नेताओं के साथ एक और बैठक करने वाली हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों के नामों पर विचार होगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक, सोनिया अब सिद्धू को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं हैं। सोनिया गांधी के इस रुख के कारण सिद्धू को झटका लगना तय माना जा रहा है।

अध्यक्ष की रेस में शामिल हैं कई दावेदार

सिद्धू को इस बात की भनक लग चुकी है कि प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द ही होने वाली है और इसी कारण उन्होंने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए हाईकमान पर दबाव बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। हाल में चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा से विवाद पैदा होने पर सिद्धू ने खुलकर बयान देते हुए चंडीगढ़ पर पंजाब का हक बताया था। उनका कहना था कि पंजाब के गांवों को उजाड़कर चंडीगढ़ बसाया गया था और इस कारण पंजाब का ही चंडीगढ़ पर वाजिब हक बनता है।

दूसरी ओर, पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं की ओर से भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की जा रही है। जिन नेताओं की ओर से अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की जा रही है, उनमें सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा और विधायक अमरिंदर सिंह वडिंग के नाम शामिल हैं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की पहली कोशिश राज्य की कांग्रेस इकाई में गुटबाजी को खत्म करना है और इस कारण माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व किसी नए चेहरे को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंप सकता है।

Tags:    

Similar News