भारतीय संस्कृति का गहवारा होगा नोएडा एयरपोर्ट, वाराणसी-हरिद्वार के घाटों से प्रेरित होंगी सीढ़ियां
Noida Airport: नोएडा में बन रहा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट यहां की तरक्की के लिए बेहद खास होने वाला है. एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है. इस वक्त तकरीबन 1000 हजार लोग 4 अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे हैं.
Noida Airport: नोएडा में बन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पहले फेज का काम 2024 में खत्म हो जाएगा. पहले चरण के दौरान एक रनवे और एक टर्मिनल हर साल 12 मिलियन मुसाफिरों के सफर के लिए तैयार होगा. तकरीबन 1300 हेक्टेयर में फैले इस एयरपोर्ट के चारों तरफ काम चल रहा है. इस एयरपोर्ट का कंसेसन उत्तर प्रदेश सरकार से 40 वर्षों के लिए हुआ है. यह एग्रीमेंट 1 अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ है. इस एयरपोर्ट की कई खासियतों में एक बड़ी खासियत यह है कि इसमें भारतीय संस्कृति को दर्शाया जाएगा.
भारतीय संस्कृति का खास खयाल
एक जानकारी के मुताबिक खासतौर से उत्तर प्रदेश की संस्कृति को आगे रखते हुए इसके बनारस के घाट के तर्ज पर डिजाइन किया गया है. एयरपोर्ट में दो टर्मिनल कॉन्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं, जिनके बाहरी कोर्ट की सीढ़ियां वाराणसी और हरिद्वार के मशहूर घाटों से प्रेरित हैं.
पूरी तरह डिजिटल होगा नोएडा एयरपोर्ट
यह एयरपोर्ट पूरी तरह से डिजिटल बनाया जाएगा. इसमें इनडोर नेविगेशन, पैसेंजर फ्लोर मैनेजमेंट, स्मार्टफोन के ज़रिए चेक इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसे टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल किया जा रहा है.
1 हजार लोग कर रहे हैं काम
नोएडा एयरपोर्ट पर कितनी तेजी से चल रहा इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिलहाल इसमें एक जहार लोग चार अलग-अलग शिफ्टों में काम कर रहे हैं. जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि इस एयरपोर्ट के पहले चरण का काम खत्म होने के बाद एक टर्मिनल से 12 मिलियन मुसाफिर हर साल सफर सकेंगे. वहीं चारों चरण का काम खत्म होने के बाद हर वर्ष 70 मिलियन यात्री यहां से सफर कर सकेंगे. लेकिन चारों चरणों का काम खत्म होने में तकरीन 10 वर्ष लग जाएंगे.
कनेक्टिविटी का रखा गया है खास खयाल
इस एयरपोर्ट पर मुसाफिरों की सहूलियत के लिए कनेक्टिविटी का खास खयाल रखा गया है. एक जानकारी के मुताबिक मुसाफिरों की सहूलियत के लिए सुगम रेल, बस, मेट्रो कनेक्ट के लिए की सुविधा रहेगी.