Arunachal Pradesh Tourism: पहाड़ो के बीच शांति में ले प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद, जानते है अरुणांचल के प्रमुख दर्शनीय स्थल

Arunachal Pradesh Tourism: पहाड़ो के बीच थकान से दूर कुछ सुकून के पल प्राकृतिक सुंदरता के बीच बिताना चाहते है तो विदेश से भी सुन्दर जगह अपने भारत मेँ हैं, अरुणाचाल प्रदेश। आइये जानते हैं अरुणाचल प्रदेश के कुछ प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जगहों के बारे मेँ-

Update:2023-07-24 17:28 IST
Arunachal Pradesh Tourism (Photo: Social Media)

Arunachal Pradesh Tourism: पहाड़ो के बीच थकान से दूर कुछ सुकून के पल प्राकृतिक सुंदरता के बीच बिताना चाहते है तो विदेश से भी सुन्दर जगह अपने भारत मेँ हैं, अरुणाचाल प्रदेश। आइये जानते हैं अरुणाचल प्रदेश के कुछ प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जगहों के बारे मेँ-

1) तवाग मठ: तवाग मठ प्रसिद्ध धार्मिक संस्थान है जो अरुणाचल प्रदेश, भारत में स्थित है। यह भारत का सबसे बड़ा मठ है।यह चीन की सीमा के करीब स्थित है। यह बौद्ध धर्म की एक महत्वपूर्ण मॉनास्टिक स्थल है और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र भ्रमण का स्थान है। इस पठशाला का मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म के अध्ययन और उसके प्रचार-प्रसार को संजोना है। तवाग मठ की स्थापना काल 17वीं शताब्दी के आस-पास माना जाता है और इसे भगवान पद्मसम्भव (संस्कृत में गुरु रिन्पोचे) के निर्माण काल से जोड़ा जाता है। यहां गुरु पद्मसम्भव ने धार्मिक अध्यात्मिक शिक्षा प्रदान की और अपने शिष्यों को बौद्ध धर्म के गहरे ज्ञान का ज्ञाता बनाया।

तवाग मठ के अधीन समय के अनुसार भगवान पद्मसम्भव के अध्यात्मिक संदेश को बनाए रखने का प्रयास किया जाता है और इसमें बौद्ध धर्म के तत्वों, ध्यान और विचारधारा के अध्ययन का भी प्रमुख स्थान है। इस मठ का मानना है कि यह स्थान पद्मसम्भव के द्वारा विश्व के अनेक सिद्ध चार्यों और बौद्ध गुरुओं को प्रेरित करने वाले धर्मिक स्थलों में से एक है।

2) जीरो वैली: जीरो घाटी अरुणाचल प्रदेश, भारत के सुबानसिरी जिले में स्थित एक खूबसूरत पर्वतीय इलाका है। यह इलाका उत्तर-पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में स्थित है और इसे अरुणाचल का एक छोटा पाकिस्तान भी कहा जाता है, क्योंकि इस इलाके में जाने के लिए भारतीय नागरिकों को अनुमति की आवश्यकता होती है। जीरो घाटी का नाम इसलिए है क्योंकि यह इलाका अरुणाचल प्रदेश के नागालैंड राज्य से जुड़ा हुआ है, जिसके नागालैंड भाषा में "जीरो" नामक एक गांव का अनुवाद है।

यहां का सौंदर्य और वन्य जीवन इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना देते हैं। इस इलाके में विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीवन, पहाड़ी झीलें, नदियां, झरने और धार्मिक स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। जीरो घाटी इलाके में अलग-अलग आदिवासी समुदायों के लोग रहते हैं और इसका जीवनशैली विविधता से भरा होता है। यहां की स्थानीय जनजाति और आदिवासी संस्कृति अपनी अनूठी शैली और रीति-रिवाजों से प्रसिद्ध हैं।

3) नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान: नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान (Naamdapha National Park) अरुणाचल प्रदेश, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख वन्यजीवन संरक्षण क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय उद्यान भारत के पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में स्थित है और यह अरुणाचल प्रदेश का एक मुख्य पर्यटन स्थल है, जिसके कारण यह पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान का नाम उस समय के एक प्रसिद्ध संत नामदाफा से लिया गया है, जिन्होंने यहां के इलाके में साधु संन्यासी जीवन व्यतीत किया था। यह वन्यजीवन संरक्षण क्षेत्र 1983 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था।

नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान अपने विविधता, प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहां के वन्यजीवन में विभिन्न प्रकार के प्राणियों, पक्षियों, और पेड़-पौधों के समृद्ध जलवायु और जलधारा शामिल हैं। नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान के वन्यजीवन में अनेक प्रकार के जानवर और पक्षियों में भारतीय राष्ट्रीय वन्यजीवन संरक्षण संस्थान (Wildlife Institute of India) द्वारा लिया गया एक शोधार्थी प्रोग्राम भी चल रहा है। यहां के वन्यजीवन में बाघ, बिघोरा, गारुड़, हिरण, भालू, मैक्यू, अवधूत, पेरोट, बॉन्गो, टाकिन, हिमालयन ब्लैक बीर और अनेक प्रकार के पक्षी शामिल हैं।

3) सेल दर्रा: सेल दर्रा अरुणाचाल प्रदेश के पश्चिम कॉमेंग जिले मेँ स्थित एक ऊंचा दर्रा हैं। यह 13700 फ़ीट की ऊचाई पर स्थित हैं। यह भारत की सबसे उची मोटर सडक हैं। इस सडक पर ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग प्रसिद्ध हैं।

4) मेचुका वैली: मेचुका घाटी अरुणाचल प्रदेश, भारत में स्थित एक खूबसूरत पर्वतीय इलाका है। यह घाटी अरुणाचल प्रदेश के उत्तर पश्चिम में लोकरा उपनगर जिले में स्थित है और यह भारत के पश्चिमी हिमालय में स्थित है। मेचुका घाटी को इसके सुंदर और प्राकृतिक वातावरण, वन्यजीवन, आदिवासी संस्कृति, और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्धा किया जाता है। यह इलाका पर्वतीय चोटियों, घाटियों, झीलों, नदियों, और झरनों से घिरा हुआ है जो इसे एक पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल बनाता है।

यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए मेचुका को "अरुणाचल का स्विस लैंड" भी कहा जाता है। इसके आस-पास के वन्यजीवन में हिमालयन थार, बारह सिंगा रेखा, टाकिन, ल्यूंग, बुरा बुरा, भालू, गोराल, सांबर, मूसक द्वारा भरा हुआ है। यहां पक्षियों में चील, भालूचील, चकोर, बुरखाया, और पटियाला आदि देखे जा सकते हैं।मेचुका घाटी में गर्मियों में ठिठरी गाँव का मेला आयोजित किया जाता है जिसमें भारतीय और तिब्बती संस्कृति के विभिन्न रंग-रूप को देखा जा सकता है।

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