Famous Historical Monuments: महिलाओं द्वारा बनाई गयी ऐतिहासिक इमारतें, इतिहास इसका आपके होश उड़ा देगा
Famous Historical Monuments in India: भारत में कुछ ऐतिहासिक स्मारक और पर्यटन स्थल इतने खूबसूरत है की इन्हें देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जायेगे। आश्चर्य की बात यह है की इन्हें महिलाओ द्वारा बनाया गया है। आइये जानते है भारत में महिलाओ द्वारा बनाये गए कुछ ऐतिहासिक स्थल।
Famous Historical Monuments in India: भारत पूरी दुनिया में अपनी कला, संस्कृति, परम्पराओं के लिए प्रसिद्द है। भारत का इतिहास भी बहुत विविध और समृद्ध है। भारत में कुछ ऐतिहासिक स्मारक और पर्यटन स्थल इतने खूबसूरत है की इन्हें देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जायेगे। आश्चर्य की बात यह है की इन्हें महिलाओ द्वारा बनाया गया है। आइये जानते है भारत में महिलाओ द्वारा बनाये गए कुछ ऐतिहासिक स्थल।
1) रानी की वाव, पाटन,गुजरात:
रानी की वाव (Rani Ki Vav) गुजरात के पाटन शहर में स्थित एक प्राचीन स्तूपकी है। इसे रानी उदयमति द्वारा बनाया गया था । इसे देश की सबसे प्रभावशाली स्तूपकियों में से एक माना जाता है और इसे 2014 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।
यह स्तूपकी 11वीं शताब्दी ईसा पूर्व में रानी उदयमती द्वारा बनवाई गई थी, जो सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में थी। रानी की वाव का शाब्दिक अर्थ होता है "रानी की स्तूपकी"। इसका उपयोग जल संग्रह के लिए, सामाजिक सभाओं के आयोजन के लिए और पूजा-अर्चना के धार्मिक स्थल के रूप में किया जाता था।
रानी की वाव की वास्तुकला बहुत ही जटिल और सुंदर है। इसमें भूमि में नीचे जाने वाले सात स्तरों के सीढ़ियां होती हैं, जो नीचे की ओर एक गोल स्तूपकी तक जाती हैं। स्तूपकी की लंबाई लगभग 64 मीटर है और चौड़ाई 27 मीटर है, और इसे 800 से अधिक जटिल नक्काशित मूर्तियों से सजाया गया है।
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2) लाल दरवाज़ा मस्जिद, जौनपुर, उत्तर प्रदेश:
लाल दरवाज़ा मस्जिद, जौनपुर, उत्तर प्रदेश: लाल दरवाज़ा मस्जिद, जौनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख इस्लामी स्थल है। यह मस्जिद जौनपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे शारीरिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मस्जिद इब्राहिम शाह शुर्खी की बहु बीबी राजे द्वारा बनायीं गयी थी।
लाल दरवाज़ा मस्जिद का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के शासक इब्राहिम शारी के द्वारा 15वीं सदी में किया गया था। यह मस्जिद प्राचीन इस्लामी शिल्प और मुग़ल शैली के योगदान का एक अद्वितीय उदाहरण है।
लाल दरवाज़ा मस्जिद की विशेषताएं उसके शानदार मिट्टी के ढ़ेर से बनी हुई दीवारों, उच्च पत्थर टैंक, अलंकृत छत और विभिन्न मकबरों द्वारा बनाए गए नगरास्थ चार मंजिले हैं। इसके प्रमुख ढांचे में अगले छत के पेच जगदीश मंदिर के ढांचे के साथ मेल खाते हैं।
लाल दरवाज़ा मस्जिद में मुग़ल शासक अकबर के द्वारा बनाए गए सुंदर नक्काशी के नीचे मुकर्मी टैंक, एक विशेषता है।
3) विरूपाक्ष मंदिर, पड्डात्कल, कर्नाटक:
विरूपाक्ष मंदिर कर्नाटक, भारत में स्थित होने वाला एक प्रमुख हिंदू मंदिर है, जो पतंजलि राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के पास है। इस मंदिर का निरान 8वी शतब्दी की रानी लोकमहादेवी ने कराया था। यह मंदिर हंपी क्षेत्र में स्थित है और यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कर चुका है। विरूपाक्ष मंदिर, बादामी के बड़े चलचित्री मंदिरों में से एक है और इसे विशेष रूप से दक्षिण भारतीय वास्तुकला के प्रमुख उदाहरणों में गिना जाता है। इसका निर्माण 8वीं या 9वीं शताब्दी में हुआ था और यह विष्णु भगवान को समर्पित है।
विरूपाक्ष मंदिर का मुख्य भव्य गोपुरम उत्कृष्ट वास्तुकला की एक अद्वितीय नमूना है। इसमें बने मंदिर का मुख्य स्थान कवचित गुप्त ग्रंथों और उद्धरणों के माध्यम से प्रमाणित होता है। इसके गोपुरम के शिखर पर शिव-पार्वती, विष्णु, लक्ष्मी और ब्रह्मा के मूर्तियां स्थापित हैं।
4) हुमायूँ का मख्बरा, दिल्ली:
यह एक प्रसिद्ध स्मारक है जो दिल्ली, भारत में स्थित है। यह स्मारक मुग़ल सम्राट हुमायूँ की समाधि है और उनकी पत्नी हामिदा बानो के नाम पर बनाया गया था। इसका निर्माण हुमायूँ की पति बेगा बेगम द्वारा करवाया गया था। हुमायूँ का मकबरा विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल है और इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
हुमायूँ का मकबरा का निर्माण 1565-1572 ईस्वी में हुआ था और इसे मुग़ल स्थापत्य शैली में बनाया गया है। इसे प्रमुखतः सफेद संगमरमर से बनाया गया है और इसके आस-पास एक बड़ा बाग़ है जिसे चारबाग़ कहा जाता है। मकबरा के प्रमुख इमारती संरचनाओं में एक मुख्य गुम्बद, चार छोटे गुम्बद और विभिन्न पत्थरों से नक्काशी शामिल हैं। हुमायूँ का मकबरा अपार संरचनात्मक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है।
5 इतिमाद-उद-दौला का मकबरा,आगरा, उत्तर प्रदेश:
जिसे "बच्चों की ताज महल" के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में आगरा में स्थित एक प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक है। यह मकबरा मुग़ल सम्राट जहांगीर के मंत्री और शाहजहाँ की मां नूरजहाँ द्वारा अपने पिता इतिमाद-उद-दौला की याद में बनवाया गया था। यह स्मारक 1622 से 1628 तक निर्मित किया गया था।
इतिमाद-उद-दौला का मकबरा ताज महल के बाद अगरा में बनाए गए द्वितीय सर्वोत्कृष्ट अस्थायी स्मारक है। इसकी वास्तुशिल्प कट्टरता और नक्काशी का उदाहरण बहुत ही शानदार है। मकबरा की संरचना एक विशाल मार्बल बगीचे में स्थित है और इसमें बहुत सारे चौकोर संरचित कक्ष हैं। इसमें सफेद संगमरमर, पीले संगमरमर, लाल संगमरमर और जगमगाती हुई मोती की काम की नक्काशी होती है। इतिमाद-उद-दौला का मकबरा अगरा के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां देश और विदेशी पर्यटक आकर्षित होते है।